MASIGNASUKAv102
6510051498749449419

Explainer: सात साल में राजद्रोह के 399 मामले दर्ज, 169 में बनी चार्जशीट, सिर्फ 9 को मिली सजा

Explainer: सात साल में राजद्रोह के 399 मामले दर्ज, 169 में बनी चार्जशीट, सिर्फ 9 को मिली सजा
india breaking news
<p style="text-align: justify;">राजद्रोह कानून पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी. अब इस धारा के तहत तब तक कोई केस दर्ज नहीं किया जा सकता, जब तक केंद्र इस पर विचार न करे. साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों से इस कानून के तहत कोई नया मामला दायर न करने को कहा गया है. जो आरोपी जेल में बंद हैं, वे जमानत के लिए कोर्ट का रुख कर सकते हैं. राजद्रोह कानून को अगर आंकड़ों की नजर से देखें तो कई बातें निकलकर सामने आती हैं. अहम बात है कि इस कानून के तहत मामले तो काफी दर्ज हुए लेकिन दोष सिद्धि की दर बेहद कम है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">हमने साल 2014 से लेकर 2020 में राजद्रोह कानून के तहत दर्ज मामलों के आंकड़ों में पाया कि सात वर्ष में 399 मामले दर्ज किए गए. इसमें से 169 में चार्जशीट दाखिल की गई. जबकि सिर्फ 9 लोगों को ही सजा मिली. 399 में से 69 मामलों में ही मुकदमा पूरा हुआ.</p> <p style="text-align: justify;">साल 2014 में राजद्रोह के 47 मुकदमे दर्ज हुए. 14 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई. एक शख्स को सजा मिली. वहीं 2015 में 30 लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया और कुल 6 मामलों में चार्जशीट दाखिल हुई. किसी को सजा नहीं हुई. 2015 में 35 मुकदमे दर्ज हुए. 16 चार्जशीट दाखिल हुई और एक को दंड मिला. 2017 में दर्ज राजद्रोह के मामले बढ़कर 51 पहुंच गए और 27 मामलों में चार्जशीट दाखिल हुई. एक शख्स को दोषी ठहराया गया. 2018 में &nbsp;राजद्रोह के मामले और बढ़े. 70 केस दर्ज हुए. 38 चार्जशीट बनीं और 2 लोगों को सजा मिली.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">2019 में 91 लोगों पर देशद्रोह के केस दर्ज हुए. 40 मामलों में चार्जशीट बनी.लेकिन केवल एक शख्स को दोषी ठहराया गया. वहीं 2020 में 73 लोगों पर राजद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज किया गया और 28 मामलों की चार्जशीट बनी. 3 लोगों का दोष साबित हुआ. इन सात वर्ष में दोष सिद्धि को देखें तो सिर्फ 9 लोगों को ही सजा मिली.&nbsp;</p> <table width="0"> <tbody> <tr> <td width="64"> <p><strong>साल</strong></p> </td> <td width="141"> <p><strong>दर्ज मामले</strong></p> </td> <td width="168"> <p><strong>&nbsp;</strong><strong>कितने मामलों में बनी चार्जशीट</strong></p> </td> <td width="135"> <p><strong>कितने पाए गए दोषी</strong></p> </td> <td width="137"> <p><strong>कितने मुकदमे पूरे हुए</strong></p> </td> </tr> <tr> <td width="64"> <p>2014</p> </td> <td width="141"> <p>47</p> </td> <td width="168"> <p>14</p> </td> <td width="135"> <p>1</p> </td> <td width="137"> <p>4</p> </td> </tr> <tr> <td width="64"> <p>2015</p> </td> <td width="141"> <p>30</p> </td> <td width="168"> <p>6</p> </td> <td width="135"> <p>0</p> </td> <td width="137"> <p>4</p> </td> </tr> <tr> <td width="64"> <p>2016</p> </td> <td width="141"> <p>35</p> </td> <td width="168"> <p>16</p> </td> <td width="135"> <p>1</p> </td> <td width="137"> <p>3</p> </td> </tr> <tr> <td width="64"> <p>2017</p> </td> <td width="141"> <p>51</p> </td> <td width="168"> <p>27</p> </td> <td width="135"> <p>1</p> </td> <td width="137"> <p>6</p> </td> </tr> <tr> <td width="64"> <p>2018</p> </td> <td width="141"> <p>70</p> </td> <td width="168"> <p>38</p> </td> <td width="135"> <p>2</p> </td> <td width="137"> <p>13</p> </td> </tr> <tr> <td width="64"> <p>2019</p> </td> <td width="141"> <p>93</p> </td> <td width="168"> <p>40</p> </td> <td width="135"> <p>1</p> </td> <td width="137"> <p>30</p> </td> </tr> <tr> <td width="64"> <p>2020</p> </td> <td width="141"> <p>73</p> </td> <td width="168"> <p>28</p> </td> <td width="135"> <p>3</p> </td> <td width="137"> <p>6</p> </td> </tr> <tr> <td width="64"> <p>कुल</p> </td> <td width="141"> <p>399</p> </td> <td width="168"> <p>169</p> </td> <td width="135"> <p>9</p> </td> <td width="137"> <p>66</p> </td> </tr> </tbody> </table> <p style="text-align: justify;"><strong>राजद्रोह कानून की परिभाषा क्या है?</strong></p> <p style="text-align: justify;">आईपीसी की धारा 124ए के मुताबिक अगर कोई शख्स सरकार विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है या ऐसी सामग्री का समर्थन करता है, राष्ट्रीय चिह्नों का अपमान करके संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है. साथ ही कोई अगर देश विरोधी संगठन के साथ अनजाने में भी संबंध रखता है या सहयोग करता है तो वह भी राजद्रोह के तहत आएगा.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">जो शख्स राजद्रोह मामले में दोषी पाया जाता है, वह सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकता. उसका पासपोर्ट रद्द हो जाता है और जरूरत पड़ने पर कोर्ट में पेश होना पड़ता है. राजद्रोह मामले में दोषी करार होने पर 3 साल आजीवन कारावास होता है और इसमें जमानत नहीं मिलती.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/T6deb9a Law: &lsquo;लक्ष्मण रेखा का&hellip;,&rsquo; राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट के &lsquo;स्टे&rsquo; के बाद बोली मोदी सरकार</a></strong></p> <div class="article-data _thumbBrk uk-text-break"> <p><strong>ये भी पढ़ें:&nbsp;<a title="Sedition Law: राजद्रोह में नहीं दर्ज होगा नया केस, जेल में बंद लोग मांग सकेंगे बेल, 124A पर 'सुप्रीम' फैसले की 5 बड़ी बातें" href="https://ift.tt/OXycWEM" target="">Sedition Law: राजद्रोह में नहीं दर्ज होगा नया केस, जेल में बंद लोग मांग सकेंगे बेल, 124A पर 'सुप्रीम' फैसले की 5 बड़ी बातें</a></strong></p> </div> <section class="new_section"> <div class="uk-text-center uk-background-muted uk-margin-bottom"> <div class="uk-text-center"> <div id="div-gpt-ad-1587557141760-0" class="ad-slot">&nbsp;</div> </div> </div> </section> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/tu7dnEv

Related Post

Leave your opinion on it.
:)
:(
hihi
:-)
:D
=D
:-d
;(
;-(
@-)
:P
:o
-_-
(o)
[-(
:-?
(p)
:-s
(m)
8-)
:-t
:-b
b-(
:-#
=p~
$-)
(y)
(f)
x-)
(k)
(h)
(c)
cheer
(li)
(pl)