पश्चिम बंगाल में NCC कैडेटों को नहीं मिलेंगे ‘बी’ और ‘सी’ सर्टिफिकेट, राज्य सरकार के पास फंड की कमी
<p style="text-align: justify;"><strong>NCC Certificate:</strong> पश्चिम बंगाल में एनसीसी कैडेट्स परेशानियों का सामना कर रहे हैं. वित्तीय संकट से जूझ रही एनसीसी को राज्य सरकार ने एक बार फिर फंड देने से इनकार कर दिया है. इसके बाद एनसीसी ने केंद्र सरकार के सामने ये मुद्दा उठाया है. एक लाख से अधिक एनसीसी कैडेटों वाला पश्चिम बंगाल इस संगठन के नामांकन के मामले में शीर्ष राज्यों में शामिल है और राज्य सरकारें इन युवाओं के प्रशिक्षण और अन्य गतिविधियों में शामिल कुल खर्च का 25 प्रतिशत वहन करती हैं.</p> <p style="text-align: justify;">पश्चिम बंगाल और सिक्किम निदेशालय, एनसीसी के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल उदय शंकर सेनगुप्ता ने कहा कि इस बार पश्चिम बंगाल में वरिष्ठ कैडेटों के लिए 'बी' और 'सी' प्रमाणपत्र परीक्षाओं के लिए शिविर आयोजित नहीं किए जा सकते क्योंकि राज्य पर्याप्त धन जारी नहीं कर रहा है. साल 2023 में कम से कम 50,000 कैडेट अपनी 'बी' और 'सी' प्रमाणपत्र परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि इस साल पर्याप्त संख्या में शिविर आयोजित नहीं किए गए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पर्याप्त शिविर नहीं लगाए गए</strong></p> <p style="text-align: justify;">'बी' प्रमाणपत्र परीक्षा में बैठने के लिए, एक कैडेट को कम से कम एक शिविर में भाग लेना होता है. 'सी' प्रमाणपत्र परीक्षा में बैठने के लिए, एक कैडेट को कम से कम दो ठिकानों पर उपस्थित होना होता है. चूंकि साल 2022 में पर्याप्त शिविर आयोजित नहीं किए जा सके, इसलिए पश्चिम बंगाल के कैडेट 2023 में 'बी' और 'सी' प्रमाणपत्र परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाएंगे. इस मामले पर सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि यह एक दुखद स्थिति है. इस राज्य के कैडेटों में इतनी क्षमता है. वे हर साल नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस एनसीसी शिविर के दौरान सम्मान प्राप्त करते हैं. थोड़ी सी मदद से वे सशस्त्र बलों में अधिकारी के रूप में शामिल हो सकते हैं. कैडेटों के रूप में, वे नियमित रूप से सेना, नौसेना और वायु सेना से प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं और एसएसबी साक्षात्कार के लिए उपस्थित होने वाले अन्य लोगों पर एक अलग लाभ प्राप्त करते हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>‘दुर्गा पूजा के लिए फंड है लेकिन एनसीसी के लिए नहीं’</strong></p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि यह अजीब है कि एक राज्य सरकार दुर्गा पूजा के आयोजकों को सैकड़ों करोड़ बांट सकती है, लेकिन एनसीसी को बकाया राशि जारी नहीं कर सकती है. वह भी ऐसे राज्य में जहां शिक्षित युवा नौकरी के अवसरों की तलाश में हैं. एनसीसी ने इस मामले को राज्य सरकार के समक्ष उठाया है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>राज्य सरकार के पास फंड की कमी</strong></p> <p style="text-align: justify;">पश्चिम बंगाल के वित्त विभाग के एक अधिकारी ने गोपनीयता के आधार पर बताया है कि फंड की कमी है. यहां तक कि राज्य सरकार के कर्मचारियों की ओर से महंगाई भत्ते (डीए) की मांगें भी हैं जिन्हें हम पूरा नहीं कर पाए हैं. कई योजनाओं के तहत केंद्र की ओर से काफी राशि भी रुकी हुई है. हम इस मामले को देख रहे हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a title="Jammu Kashmir: 33 साल बाद मानसबल झील में NCC कैडेट फिर से करेंगे ट्रेनिंग, जम्मू जाने की जरूरत नहीं" href="https://ift.tt/LATqZKE" target="_self">Jammu Kashmir: 33 साल बाद मानसबल झील में NCC कैडेट फिर से करेंगे ट्रेनिंग, जम्मू जाने की जरूरत नहीं</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/iW8pHOX
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