
<p style="text-align: justify;"><strong>Small Saving Schemes Rate Hike:</strong> 30 सितंबर, 2022 की सुबह आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग के बाद पॉलिसी रेट्स में बढ़ोतरी कर सकता है. माना जा रहा है कि आरबीआई रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर इसे बढ़ाकर 5.40 फीसदी से 5.90 फीसदी कर सकता है. और इसी दिन शाम को वित्त मंत्रालय छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरें में समीक्षा करने के बाद पीपीएफ (PPF) और सुकन्या समृद्धि योजना ( Sukanya Samriddhi Yojna) एनएससी (NSC) जैसी बचत योजना पर ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला ले सकता है. 30 सितंबर को केंद्र सरकार मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही अक्टूबर से दिसंबर तक के लिए छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों की समीक्षा करेगी. जिसके बाद इन बचत योजनाओं समेत पोस्ट ऑफिस की दूसरी सेविंग स्कीम्स पर ब्याज दरें बढ़ाने का ऐलान किया जा सकता है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्यों बढ़ेंगी ब्याज दरें? </strong><br />आरबीआई ने पहले ही तीन चरणों में रेपो रेट बढ़ाया है. और 30 सितंबर को लगातार चौथी बार रेपो रेट का बढ़ाया जाना तय है. आरबीआई के इस फैसले के बाद कर्ज महंगा हो रहा है तो बैंक डिपॉजिट्स पर भी ब्याज दरें बढ़ाते आ रहे हैं. लेकिन सरकार ने इन सरकारी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इन बचत योजनाओं को सुरक्षित मानकर शहरी ग्रामीण आम भारतीय निवेश करते हैं. ये वो लोग हैं जो शेयर बाजार के उठापटक से दूर रहते हुए इन योजनाओं में निवेश करने पर भरोसा करते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार इन छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ा सकती है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>सरकार के बांड पर यील्ड बढ़ा</strong><br />बढ़ती महंगाई, डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी और ब्याज दरें बढ़ने के चलते बीते एक सालों में सरकार के बांड पर यील्ड यानि रिटर्न (Government Bond Yield) में जबरदस्त उछाल आया है. लेकिन पीपीएफ, एनएससी और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी स्कीमें जो इन बांड के साथ लिंक्ड है उनके ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया है. 2011 में गोपीनाथ कमिटी ने सुझाव दिया था कि ऐसी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें सरकार के बांड के यील्ड से 25 से 100 बेसिस प्वाइंट ज्यादा होनी चाहिए. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>कितनी बढ़ सकती है ब्याज दरें!</strong><br />छोटी बचत योजनाओं की सभी स्कीमों पर वित्त मंत्रालय 0.50 फीसदी तक ब्याज दरें बढ़ाने का ऐलान कर सकती है. सरकार के 10 साल के बांड यील्ड (Bond Yield) 12 महीनों में 6.04 फीसदी से बढ़कर 7.25 फीसदी से ऊपर जा पहुंचा है. इस फॉर्मूला के हिसाब से पीपीएफ , सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर ब्याज दर मौजूदा लेवल से 50 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ाया जा सकता है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>फिलहाल कितना है ब्याज</strong><br />पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) पर 7.1 फीसदी, NSC यानि नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 6.8 फीसदी, सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samridhi Yojna) पर 7.6 फीसदी तो सीनियर सिटीजन टैक्स सेविंग स्कीम ( Senior Citizen Saving Scheme) पर 7.4 फीसदी ब्याज मिल रहा है. किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra) पर 6.9 फीसदी, एक वर्षीय सावधि जमा योजना पर 5.5 प्रतिशत और एक से पांच साल की सावधि जमा पर 5.5-6.7 प्रतिशत की ब्याज दर और पांच साल की जमा योजना पर 5.8 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है. आपको बता दें 2020-21 की पहली तिमाही के बाद से अब तक 10 तिमाही में छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए ब्याज दरें बढ़ाये जाने के आसार हैं. </p> <p><strong>ये भी पढ़ें </strong></p> <p><strong><a title="DA Hike: त्योहारों पर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिली सौगात, 4 फीसदी बढ़ा महंगाई भत्ता" href="
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