Jammu Kashmir: आतंकी हमले में शहीद सूबेदार राजेंद्र कुमार भांबू का हुआ अंतिम संस्कार, 7 साल के बेटे ने दी पिता को मुखाग्नि
<p style="text-align: justify;"><strong>Rajendra Kumar Bhambu Last Rites:</strong> गुरुवार की सुबह जम्मू (Jammu) के राजौरी सेक्टर में हुए आतंकी हमले (Terrorist Attack) में शहीद सूबेदार राजेंद्र कुमार भांबू (Rajendra Kumar Bhambu) का अंतिम संस्कार (<span class="Y2IQFc" lang="en">Funeral</span>) उनके पैतृक गांव राजस्थान (Rajasthan) के झुंझुनू जिले में हुआ. शहीद राजेंद्र कुमार के 7 साल के बेटे अंशुल भांबू (Anshul Bhambu) ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी. शहीद के पार्थिव शरीर को गांव लेकर आई सेना की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर (Guard of Honour) दिया. </p> <p style="text-align: justify;">शहीद का पार्थिव शरीर जब घर पहुंचा तो वहां कोहराम मचते दिखा, घर में मौजूद सभी महिलाओं की आंखें नम हो गई और शहीद की मां पार्थिव शरीर देख बेसुध हो गई. शहीद राजेंद्र कुमार की दो बेटियां हैं जिनमें बड़ी बेटी प्रिया और छोटी बेटी साक्षी ने हाथ में तिरंगा लेकर अपनी पिता के अंतिम दर्शन किए. वहीं, 7 साल के बेटे अंशुल ने अपने पिता को सैल्यूट मारकर अंतिम विदाई दी. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>6 महीने में हुआ रिटायरमेंट</strong></p> <p style="text-align: justify;">प्रिया ने एबीपी न्यूज की टीम से बात करते हुए कहा, "पापा 2 महीने बाद मेरी शादी में छुट्टी ले कर आने वाले थे. 6 महीने बाद तो उनका रिटायरमेंट ही होना था. रिटायरमेंट के बाद साथ रहने वाले थे लेकिन उससे पहले ही वो शहीद हो गए. उन्होंने कहा कि, गर्व है हमें कि वो देश की रक्षा करने में शहीद हुए हैं. उन्हें देखकर अगली पीढ़ी भी उनसे प्रेरणा लेगी."</p> <p style="text-align: justify;">राजेंद्र कुमार की बहन मुकेश देवी ने हर बार की तरह इस बार भी अपने फौजी भाई को राखी बांधने वाली थी लेकिन रक्षाबंधन के दिन उसका भाई अमर हो गया. मुकेश देवी ने कहा, "रक्षाबंधन का दिन किसी भी बहन के लिए बहुत खास होता है. इंतजार था भाई का कि जब आएंगे तो राखी बांधूंगी लेकिन उसी दिन भाई के शहीद होने की खबर मिली. गर्व तो है ही हमें कि हमारा भाई देश के लिए शहीद हो गया. छोटे-छोटे बच्चे उनसे प्रेरणा लेंगे."</p> <p style="text-align: justify;"><strong>शहीद के सम्मान में निकाली यात्रा</strong></p> <p style="text-align: justify;">इससे पहले झुंझुनू जिले के चिड़ावा से शहीद के पैतृक गांव मालीगांव तक शहीद के सम्मान में एक यात्रा निकाली गई जिसमें हजारों की संख्या में झुंझुनू के निवासियों ने हिस्सा लिया और अपने बहादुर लाल को आखरी विदाई दी. इस यात्रा में सैकड़ों मोटरसाइकिल और गाड़ियां शामिल हुई जिन पर तिरंगा लहराता हुआ दिख रहा था. इस रैली में शामिल लोगों में देशभक्ति का जज्बा देखने को ही मिल रहा था. लोगों ने खूब भारत मां के जयकारे और वंदे मातरम के नारे लगाए. </p> <p style="text-align: justify;">भीड़ का आलम ये था कि तकरीबन 15 किलोमीटर का रास्ता 4 घंटे में तय हुआ. रास्ते में सड़क के एक तरफ गांव की महिलाएं तो दूसरी तरफ स्कूल के बच्चे अपने हीरो को विदाई देने के लिए सुबह से ही इक्ट्ठा थे. वे एक हाथ में तिरंगा तो दूसरा हाथ हवा में उठा कर नारे लगा रहे थे. इनके लबों पर भारत माता के जयकारे थे जो कई सौ मीटर दूर तक सुने जा सकते थे. यही विरासत है शहीद राजेंद्र कुमार भांबू की जो वह अपने पीछे छोड़ कर इस दुनिया अलविदा कह चुके हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें.</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Independence Day 2022 Special: 1933 में नेहरु को सुनकर आया ऐसा जोश, आजादी से पहले ही ब्यावर में लहराया तिरंगा" href="https://ift.tt/EAHtRQS" target="_blank" rel="noopener">Independence Day 2022 Special: 1933 में नेहरु को सुनकर आया ऐसा जोश, आजादी से पहले ही ब्यावर में लहराया तिरंगा</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Udaipur News: उदयपुर में भारी बारिश से लबालब हुईं झीलें, प्रशासन के लिए वाटर मैनेजमेंट बना चुनौती" href="https://ift.tt/sI78RGJ" target="_blank" rel="noopener">Udaipur News: उदयपुर में भारी बारिश से लबालब हुईं झीलें, प्रशासन के लिए वाटर मैनेजमेंट बना चुनौती</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/WZjGOKf
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