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Independence Day 2022: आजादी की लड़ाई के वो नायक, जिन्होंने अपनी लेखनी से देशभक्ति की अलख जगाई

Independence Day 2022: आजादी की लड़ाई के वो नायक, जिन्होंने अपनी लेखनी से देशभक्ति की अलख जगाई
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<p style="text-align: justify;"><strong>Freedom Struggle:</strong> हमारा देश आजादी के 75वें साल का जश्न मना रहा है. इस जश्न के बीच हम आजादी की लड़ाई के उन नायकों को भी याद कर रहे हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपने अभूतपूर्व योगदान से हिंदुस्तान को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी दिलाई. स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई में बहुत से नायक ऐसे थे जिनकी लेखनी ने आंदोलनकारियों को संघर्ष करने की प्रेरणा दी. इस आर्टिकल में हम ऐसे ही कवि और लेखकों के बारे में आपको बता रहे हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय</strong></p> <p style="text-align: justify;">बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की लेखनी ने आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान दिया था. उनके उपन्यास 'आनंदमठ' में लिखे गए गीत 'वन्दे मातरम्' ने देश में आजादी की लड़ाई के दौरान एक ऐसी स्फूर्ति जगाई कि हर देशभक्त की जुबान पर यह गीत नारा बनकर चढ़ गया.</p> <p style="text-align: justify;">बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने 'आनंदमठ' उपन्यास अंग्रेजों के विरुद्ध 18वीं सदी में लंबे समय तक चले 'सन्यासी विद्रोह' के बारे में लिखा था. इस उपन्यास के जरिए उनकी लेखनी ने देश को आजादी की लड़ाई में एक सूत्र में पिरो दिया. आगे चलकर 'वन्दे मातरम्' को आजाद भारत का राष्ट्रगीत बनाया गया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>रवीन्द्रनाथ टैगोर-</strong></p> <p style="text-align: justify;">रवींद्र नाथ टैगोर ने अपनी कालजयी लेखनी के जरिए आजादी की लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी. उन्होंने कविता,कहानियां,संगीत,नाटक और निबंध लेखन के जरिए लोगों में विवेक और एकजुटता के भाव को पैदा किया. वह एशिया के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें 'नोबेल पुरस्कार' से सम्मानित किया गया.</p> <p style="text-align: justify;">जब जालियांवाला बाग में हजारों लोगों पर गोलियां बरसाकर ब्रिटिश सत्ता ने क्रूरता की सारी हदों को पार कर दिया था,तब इस घटना के विरोध में उन्होंने ब्रटिश द्वारा दी गई 'नाइटहुड' की उपाधि त्याग दी थी. उनके द्वारा लिखे गए 'जन गण मन' को भारत का राष्ट्रीय गान बनाया गया. आपको यह जानकर गर्व होगा कि रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा ही रचे गए 'अमर सोनार बांग्ला' को बांग्लादेश का राष्ट्रगान बनाया गया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>मुंशी प्रेमचंद्र-</strong></p> <p style="text-align: justify;">देश के महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द्र की लेखनी से कोई भी पक्ष अछूता नहीं रहा. उन्होंने अग्रेजों के अत्याचार को उजागर करते हुए देशभक्ति से ओत-प्रोत साहित्य भी लिखा. उनके द्वारा लिखे गए उपन्यास 'रंगभूमि' और 'कर्मभूमि' ने देशप्रेम की भावना को बल दिया. साहित्य से देशप्रेम की अलख जगाने की वजह से अंग्रेजों ने उनकी कई रचनाओं पर प्रतबंध लगा दिया था.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>रामधारी सिंह दिनकर-</strong></p> <p style="text-align: justify;">महान कवि रामधारी सिंह दिन की कविताएं देशप्रेम के भाव और वीर रस से भरी हुई हैं. 'कलम,आज उनकी जय बोल' और 'किसको नमन करूँ मैं भारत' जैसी इनकी रचनाएं देशप्रेम के भाव से भरी हुई हैं. उनकी कई रचनाएं आजादी की लड़ाई के दौरान आमजनमानस के बीच प्रचलित थीं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>रामप्रसाद बिस्मिल -</strong></p> <p style="text-align: justify;">आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारी गतिविधियों के जरिए अंग्रोजों के पसीने छुड़ा देने वाले महान क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल ने अपनी लेखनी से भी आजादी की लड़ाई में रंग भरा. उनके द्वारा लिखे गए गीत 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है' से आज भी हमारा रोम-रोम देशभक्ति के भाव से भर जाता है. कल्पना कीजिए जब अंग्रेजों की गुलामी के वक्त इस गाने को गाया जाता होगा तो किस कदर लोग देशभक्ति के भाव से भर जाते होंगे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें-&nbsp; </strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Inedependence Day 2022: होमी जाहंगीर भाभा, जिनके योगदान ने भारत को पहुंचाया दुनिया के ताकतवर देशों के समकक्ष" href="https://ift.tt/0IMwYl8" target="">Inedependence Day 2022: होमी जाहंगीर भाभा, जिनके योगदान ने भारत को पहुंचाया दुनिया के ताकतवर देशों के समकक्ष</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Independence Day 2022: आजीवन पर्यावरण को समर्पित रहे सुंदरलाल बहुगुणा, दलित उत्थान के लिए भी किया संघर्ष" href="https://ift.tt/9IrV8ZS" target="">Independence Day 2022: आजीवन पर्यावरण को समर्पित रहे सुंदरलाल बहुगुणा, दलित उत्थान के लिए भी किया संघर्ष</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/aSZbgJx

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