
<p style="text-align: justify;"><strong>Foreign Portfolio Investors:</strong> विदेशी निवेशकों की 9 महीने की लगातार बिकवाली के बाद में अब इस पर ब्रेक लगता दिख रहा है. जुलाई महीने में विदेशी निवेशकों ने बिकवाली के सिलसिले को रोक दिया है. इस महीने में एफपीआई ने अबतक 1100 करोड़ रुपये की भारतीय शेयर बाजार से खरीदारी की है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>जून में की थी रिकॉर्ड बिकवाली</strong><br />इससे पहले अगर जून महीने की बात की जाए तो उस समय एफपीआई ने 50,145 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे. वहीं, मार्च 2020 के बाद में यह बिकवाली का रिकॉर्ड लेवल था. बता दें कोरोना महामारी के समय मार्च 2020 में एफपीआई ने 61,973 करोड़ रुपये भारतीय शेयर बाजार से निकाले थे. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>अक्टूबर 2021 से निकाल रहे पैसा</strong><br />बता दें अक्टूबर 2021 के बाद से विदेशी निवेशक लगातार पैसा निकाल रहे हैं. कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा है कि बढ़ती महंगाई और मौद्रिक रुख में सख्ती के चलते अभी एफपीआई के प्रवाह में उतार-चढ़ाव बना रहेगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>22 जुलाई तक हजार करोड़ रुपये की हुई खरीदारी</strong><br />डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एक से 22 जुलाई के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 1,099 करोड़ रुपये डाले हैं. चौहान ने कहा कि इस महीने एफपीआई की अंधाधुंध बिकवाली न केवल रुकी है, बल्कि माह के कुछ दिन तो वे शुद्ध लिवाल रहे हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?</strong><br />मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई की लिवाली की एक और बड़ी वजह यह है कि उनका मानना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक आगामी बैठक में ब्याज दरों में इतनी आक्रामक वृद्धि नहीं करेगा, जैसा कि पहले अनुमान लगाया जा रहा था. इससे डॉलर सूचकांक भी नरम हुआ है, जो उभरते बाजारों की दृष्टि से अच्छा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में मंदी की संभावना भी कम हुई है. इसके अलावा हाल में बाजार में आए ‘करेक्शन’ की वजह से भी लिवाली के अवसर बढ़े हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>तिमाही नतीजे उम्मीद से बेहतर रह होने की उम्मीद</strong><br />इसके अलावा ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया ने कहा कि अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों से उम्मीद बंधी है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि नहीं करेगा. इसके अलावा कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं. इससे भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>2.16 लाख करोड़ रुपये निकाले </strong><br />इस साल अभी तक एफपीआई शेयरों से 2.16 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं. यह किसी एक साल में एफपीआई की निकासी का सबसे ऊंचा स्तर है. इससे पहले 2008 के पूरे साल में उन्होंने 52,987 करोड़ रुपये निकाले थे. शेयरों के अलावा समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने लोन या बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 792 करोड़ रुपये डाले हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:</strong><br /><strong><a title="NSC Scheme: पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में करें 2 लाख का निवेश, मिलेंगे पूरे 2.78 लाख! जानें योजना की डिटेल्स" href="
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