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Wheat Procurement: मोदी सरकार ने सभी राज्यों में बढ़ाई किसानों से गेहूं खरीदने की आखिरी तारीख, जानिए क्यों करना पड़ा ये फैसला

Wheat Procurement: मोदी सरकार ने सभी राज्यों में बढ़ाई किसानों से गेहूं खरीदने की आखिरी तारीख, जानिए क्यों करना पड़ा ये फैसला
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<p style="text-align: justify;"><strong>Wheat Procurement Date Extended:</strong> इस साल गेहूं की सरकारी खरीद में आई कमी ने सरकार की चिंता बढ़ा रखी है. कल ही सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया तो आज किसानों से गेहूं खरीदने की आखिरी तारीख बढ़ाने का फैसला लिया गया है. अब पंजाब और हरियाणा में 31 मई तक जबकि मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में 15 जून तक मोदी सरकार किसानों से गेहूं खरीदेगी.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">सरकार की ओर से तय की गई नई तारीखों के मुताबिक पंजाब, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में 31 मई तक जबकि उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में 15 जून तक किसान सरकार को गेहूं बेच सकेंगे. इसी तरह बिहार में 15 जुलाई तक, राजस्थान में 10 जून तक और उत्तराखंड में 30 जून तक सरकार ने किसानों से गेहूं खरीदने का फैसला किया है. अलग-अलग राज्यों में गेहूं की पैदावार का समय अलग-अलग होने के चलते खरीद की अंतिम तारीख भी अलग-अलग रखी जाती है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">हर साल की तरह इस साल भी सबसे पहले सरकार ने पंजाब और हरियाणा में एक अप्रैल से और बाद में बाका गेहूं उत्पादक राज्यों के किसानों से गेहूं खरीदना शुरू किया. हालांकि 14 मई तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार अबतक किसानों से केवल 180 लाख टन गेहूं ही खरीद पाई है, जबकि अनुमान 195 लाख टन का था. ये ख़रीद पिछले साल ( 2021 - 22 ) से बहुत कम है, क्योंकि पिछले साल सरकार ने किसानों से 433 लाख टन गेहूं खरीद था. वैसे सरकार यह लगातार दावा कर रही है कि उसके पास गरीबों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं में देने के लिए पर्याप्त मात्रा में गेहूं उपलब्ध है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढे़ं- <a title="Delhi Heatwave: दिल्ली में भीषण गर्मी से टूटे सारे रिकॉर्ड, 49 डिग्री के पार पहुंचा पारा, गुरुग्राम का भी बुरा हाल" href="https://ift.tt/qKpaPZg" target="">Delhi Heatwave: दिल्ली में भीषण गर्मी से टूटे सारे रिकॉर्ड, 49 डिग्री के पार पहुंचा पारा, गुरुग्राम का भी बुरा हाल</a></strong></p> <p style="text-align: justify;">सरकार के मुताबिक इसकी वजह ये है कि इस साल कई किसान अपना गेहूं सरकार को न बेचकर प्राइवेट व्यापारियों को बेच रहे हैं, क्योंकि उन्हें निर्धारित MSP से काफी बेहतर कीमत मिल रही है. सरकारी अनुमान के मुताबिक प्राइवेट व्यापारी किसानों को गेहूं के लिए प्रति किलो 21-24 रुपए दे रहे हैं, जबकि निर्धारित MSP 20.15 रुपए प्रति किलो है. मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में खासकर किसानों को ऊंची कीमत मिल रही है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे हैं संकट के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कमी के चलते व्यापारियों ने अच्छी कीमत की उम्मीद में किसानों से गेहूं खरीद लिया, क्योंकि मिश्र और टर्की जैसे देशों ने भारत से पहली बार गेहूं खरीदने का फैसला किया. इन देशों को भारत से गेहूं की कुछ खेप जा भी चुकी है. हालांकि किसानों को ऊंची कीमत मिलने का दूसरा पहलू ये रहा कि इसने बाजार में गेहूं की कीमत बढ़ा दी, जिससे आटे की कीमत भी बढ़ने लगी. कीमत पर काबू पाने के लिए सरकार ने कल ही गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें-</strong> <strong><a href="https://ift.tt/i0T8WRK Metro News: दिल्ली मेट्रो में स्मार्ट कार्ड से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में हुई बढ़ोतरी, इन लोगों को मिल रही है 10% की छूट</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/YpuXxbl

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