
<p><strong>Railway Reservation Rules:</strong> रेलवे को आम भारतीयों के जीवन की लाइफ लाइन (Lifeline) माना जाता है. हर दिन रेलवे हजारों की संख्या में ट्रेन ऑपरेट करता है जिसका लाभ उठाकर यात्री अपने गंतव्य स्थान (Destination Station) तक पहुंचते हैं. ट्रेन में भारी भीड़ होने के कारण लोग महीनों पहले रिजर्वेशन (Railway Reservation) करा लेते हैं. लेकिन, कुछ जरूरी काम पड़ जाने या किसी इमरजेंसी की स्थिति में लोगों की यात्रा का डेट बदल जाता है. ऐसे में ज्यादातर लोग अपने रिजर्वेशन को कैंसिल (Railway Reservation Cancel) कर देते हैं. लेकिन, आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है.</p> <p><strong>टिकट रद्द करने की नहीं है जरूरत</strong><br />कई बार लोग ट्रैवलिंग डेट बदल जाने पर अपने टिकट को कैंसिल कर देते हैं. लेकिन, आपको बता दें कि ऐसा करने की आपको जरूरत नहीं है. आप बिना टिकट कैंसिल कराएं भी उसे टिकट पर दूसरे दिन यात्रा कर सकते हैं. इसके लिए रेलवे ने एक नया नियम (Railway Rules) बनाया है.</p> <p>रेलवे के बनाए गए नियमों के अनुसार आप अपनी जरूरत के अनुसार सफर के डेट को बदल सकते हैं. इसे आप आगे-पीछे कर सकते हैं. इसके लिए आपको कम से कम ट्रेन शुरू होने से 24 घंटे पहले बोर्डिंग स्टेशन पर जाना होगा. इसके बाद वहां रिजर्वेशन काउंटर पर एक एप्लीकेशन देना होगा. इसके बाद वहां से आपके ट्रैवलिंग की तारीख में बदलाव कर दिया जाएगा.</p> <p><strong>रलवे गंतव्य स्टेशन को भी बदलने की देता है सुविधा</strong><br />आपको बता दें कि रेलवे यात्रियों को सफर के दौरान अपने गंतव्य स्टेशन को भी बदलने की सुविधा देता है. ट्रेन में यात्रा के दौरान आप टीटीई से बात करके अपने गंतव्य स्थान को बदल सकते हैं. आपको वहां तक जाना है वहां तक का टिकट टीटीई (TTE) द्वारा बना दिया जाएगा. इसके बाद आप आराम से ट्रेन में आगे की यात्रा कर सकते हैं. </p> <p><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p> <p><a href="
https://ift.tt/R240QAm Salary Account: पीएनबी में यह खाता खोलने पर आपको मिलेगा 20 साल का फायदा, जानें डिटेल्स</strong></a></p> <p><a href="
https://ift.tt/9j7bYAe केवल 330 रुपये सालाना खर्च करके पाएं 2 लाख तक का इंश्योरेंस कवर, जानें स्कीम के सभी डिटेल्स</strong></a></p> TAG : business news, bussiness news, business , latest news,recent news,breaking news,news SOURCE :
https://ift.tt/RvLyI94
comment 0 Comments
more_vert