राजद्रोह में नहीं दर्ज होगा नया केस, जेल में बंद लोग मांग सकेंगे बेल, 124A पर 'सुप्रीम' फैसले की 5 बड़ी बातें
<p style="text-align: justify;">सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राजद्रोह कानून पर अंतरिम रोक लगा दी है. पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि वह इस मामले पर विचार करेगा. आज हुई सुनवाई में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पुलिस अधीक्षक (एसपी) रैंक के अधिकारी को राजद्रोह संबंधी मामले दर्ज करने की जिम्मेदारी और जमानत याचिकाओं पर सुनवाई तेजी से की जा सकती है.</p> <p style="text-align: justify;"> सुनवाई के दौरान केंद्र ने यह भी कहा कि हम मामलों की गंभीरता से अवगत नहीं हैं. इनके आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे पहलू हो सकते हैं. प्रावधान की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अब जुलाई में सुनवाई होगी</p> <p style="text-align: justify;"><strong>आइए आपको बताते हैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अहम बातें</strong></p> <ul style="list-style-type: square;"> <li>ऐतिहासिक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने सभी लंबित देशद्रोह के मामलों पर रोक लगाने का आदेश दिया और पुलिस और प्रशासन को सलाह दी कि जब तक केंद्र अपनी समीक्षा पूरी नहीं कर लेता तब तक कानून के इस सेक्शन का उपयोग न करें.</li> <li>चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, अगर कोई ताजा मामला दर्ज होता है तो संबंधित पक्ष कोर्ट का रुख कर सकते हैं और कोर्ट ही इस मामले का निपटारा करेगी. चीफ जस्टिस ने कहा, केंद्र सरकार कानून के दुरुपयोग रोकने के लिए राज्यों को निर्देश देने के लिए स्वतंत्र है.</li> <li>सीजेआई ने कहा, यह सही होगा कि रिव्यू होने तक कानून के इस प्रावधान का इस्तेमाल न करें. हमें उम्मीद है कि केंद्र और राज्य 124 ए के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज करेंगे या रिव्यू खत्म होने के बाद कार्रवाही शुरू करेंगे.</li> </ul> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/tu7dnEv
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