<p style="text-align: justify;"><strong>Equity Mutual Funds:</strong> बाजार में इस समय निवेश करने के लिए निवेशक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की ओर बढ़ रहे हैं. निवेश के परंपरागत विकल्पों पर रिटर्न में कमी की वजह से SIP निवेशकों की खास पसंद बन गया है. इस वजह से ही इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेशकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है. बड़ी संख्या में निवेशक इस प्लान की ओर रुख कर रहे हैं. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>एम्फी ने जारी किए आंकड़े</strong><br />आपको बता दें बीते वित्त वर्ष 2021-22 में इक्विटी से जुड़े कोषों में 1.64 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>2020-21 में की थी निकासी</strong><br />इससे पहले 2020-21 में निवेशकों ने इक्विटी म्यूचुअल फंड से 25,966 करोड़ रुपये की निकासी की थी. जेडफंड्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) और संस्थापक मनीष कोठारी ने कहा, ‘‘आगे चलकर हम मौजूदा आर्थिक और बाजार स्थितियों के मद्देनजर इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश का प्रवाह जारी रहने की उम्मीद करते हैं.’’</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पिछले महीने आया 28,464 करोड़ का निवेश</strong><br />आंकड़ों के मुताबिक, पूरे 2021-22 में इक्विटी म्यूचुअल फंड में 1,64,399 करोड़ रुपये का शुद्ध प्रवाह हुआ है. इसमें पिछले महीने आया 28,464 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निवेश भी शामिल है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>बाजार में आया करेक्शन</strong><br />रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से भू-राजनीतिक तनाव और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर चिंताओं की वजह से फरवरी के अंत और मार्च की शुरुआत में बाजार में ‘करेक्शन’ हुआ. इससे निवेशकों को लिवाली का अच्छा अवसर मिला जिसे वे भुनाने से चूके नहीं. मजबूत प्रवाह से इक्विटी म्यूचुअल फंड की परिसंपत्तियां इस साल मार्च के अंत तक 38 प्रतिशत बढ़ाकर 13.65 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?</strong><br />मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘चिंताओं के बावजूद लंबी अवधि के लिए वृद्धि परिदृश्य मजबूत बना हुआ है, जिसने निवेशकों के बीच धारणा को सकारात्मक रखने का काम किया है. इसके अलावा यह धारणा भी है कि बीच-बीच में ‘करेक्शन’‘ के बावजूद बाजार ऊपर की ओर बढ़ना जारी रहेगा. ऐसे में बाजार के नीचे आने के समय निवेशक निवेश करने का मौका नहीं चूक रहे हैं.’’</p> <p style="text-align: justify;"><strong>रिटर्न को किया मजबूत</strong><br />एम्फी के मुख्य कार्यकारी एन एस वेंकटेश ने कहा कि म्यूचुअल फंड निवेशकों ने एसआईपी के अनुशासित निवेश के जरिये अपने रिटर्न को मजबूत किया है. इसके अलावा इक्विटी से जुड़े कोषों के लिए फोलियो की संख्या या निवेशकों के खाते मार्च, 2022 में बढ़कर 8.6 करोड़ हो गए, जो अप्रैल, 2021 में 6.64 करोड़ थे. इस तरह फोलियो की संख्या में 29 फीसदी की वृद्धि है. यह म्यूचुअल फंड संपत्तियों के प्रति निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें: </strong><br /><strong><a title="FPI: बाजार में करेक्शन का दिखा फायदा, विदेशी निवेशकों ने 6 महीने बाद डाले 7707 करोड़ रुपये" href="
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