CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों से ज़ब्त संपत्ति UP में लौटाई जाएगी, SC ने नए कानून के आधार पर दोबारा प्रक्रिया शुरू करने को कहा
<p><strong>CAA Protest Notice: </strong>उत्तर प्रदेश में CAA विरोधी प्रदर्शनकरियों से ज़ब्त की गई संपत्ति फिलहाल लौटाई जाएगी. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने दिसंबर 2019 में भेजे गए तोड़फोड़ की भरपाई के नोटिस वापस ले लिए हैं. अब नए कानून के आधार पर दोबारा प्रक्रिया शुरू की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अनुमति देते हुए कहा कि लोगों से वसूल किया गया हर्जाना राज्य सरकार वापस कर दे और नए कानून के तहत बने क्लेम ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद दोबारा वसूली करे.</p> <p><strong>सुप्रीम कोर्ट ने उठाया था सवाल</strong></p> <p>पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में जारी नोटिस पर सवाल उठाया था. कोर्ट ने कहा था कि यह नोटिस 2009 में आंध्र प्रदेश से जुड़े एक मामले में दिए गए उसके फैसले के मुताबिक नहीं है. संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली का मामला क्लेम ट्रिब्यूनल को भेजा जाना चाहिए जिसमें न्यायिक अधिकारी वसूली पर फैसला लें. लेकिन यूपी सरकार ने जो प्रक्रिया शुरू की थी उसमें प्रशासन के भेजे नोटिस पर प्रशासन ही फैसला ले रहा था. यूपी सरकार ने कोर्ट को बताया था कि उसने 2020 में नया कानून बना कर क्लेम ट्रिब्यूनल गठित किया है. इस पर कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था कि वह पुराने नोटिस वापस क्यों नहीं ले रही.</p> <p><strong>यूपी सरकार ने वापस लिए नोटिस</strong></p> <p>आज यूपी सरकार के लिए पेश राज्य की एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 14 और 15 फरवरी को नया आदेश जारी कर सभी पुराने नोटिस वापस ले लिए गए हैं. इन सभी 274 मामलों की फाइल क्लेम ट्रिब्यूनल को भेजी जाएगी. जजों ने इसकी सराहना की. इस बीच याचिकाकर्ता परवेज़ आरिफ टीटू के लिए पेश वकील नीलोफर खान ने कहा कि दिसंबर 2019 से लेकर अब तक छोटे दुकानदार, रिक्शा चालक जैसे लोग परेशान हैं. उनकी संपत्ति एक ऐसी प्रक्रिया के तहत ज़ब्त है जो अब निरस्त कर दी गई है. वसूल की गई धनराशि और संपत्ति तुरंत लौटाई जानी चाहिए.</p> <p><strong>जब्त संपत्ति लौटाने का आदेश</strong></p> <p>जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और सूर्य कांत की बेंच ने इससे सहमति जताई. यूपी सरकार की वकील गरिमा प्रसाद ने इसका कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि फिलहाल मामला क्लेम ट्रिब्यूनल में चलने देना चाहिए. तब तक जब्त की गई संपत्ति वापस लौटाने को नहीं कहा जाना चाहिए. इससे समाज मे सही संदेश नहीं जाएगा. गैरकानूनी काम करने वाले लोगों को शह मिलेगा. लेकिन जज इससे आश्वस्त नज़र नहीं आए. बेंच ने कहा, "जो नोटिस रद्द कर दिए गए हैं, उनके आधार पर की गई कार्रवाई को कैसे बरकरार रहने दिया जा सकता है? यूपी सरकार को नए कानून के आधार पर कार्रवाई से नहीं रोका जा रहा है. क्लेम ट्रिब्यूनल जो भी वसूली का आदेश देगा, उसके आधार पर कार्रवाई करे."</p> <p><strong>यह भी पढ़ें.</strong></p> <p><strong><a title="Punjab Election 2022: मतदान से पहले कांग्रेस ने की बड़ी कार्रवाई, दो विधायकों को पार्टी से बाहर निकाला गया" href="https://ift.tt/8i7y0fe" target="">Punjab Election 2022: मतदान से पहले कांग्रेस ने की बड़ी कार्रवाई, दो विधायकों को पार्टी से बाहर निकाला गया</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/iezmrs2
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