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IRDAI: सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को मेंटल हेल्थ बीमारियों को करना होगा कवर, जानें क्या है खबर

IRDAI: सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को मेंटल हेल्थ बीमारियों को करना होगा कवर, जानें क्या है खबर
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<p style="text-align: justify;"><strong>IRDAI:</strong> क्या आप जानते हैं कि मेंटल हेल्थ (Mental Health) से जुड़ी बीमारियों को भी इंश्योरेंस कंपनियों (Insurance Companies) को कवर करना जरूरी है. इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) के नए सर्कुलर के मुताबिक सभी इंश्योरेंस कंपनियों को हेल्थ इंश्योरेंस में मेंटल इलनेस या मानसिक बीमारियों को कवर करना होगा. सभी इंश्योरेंस कंपनियों को 31 अक्टूबर तक नए नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>मेंटल हेल्थकेयर एक्ट 2017 को लेकर लें जानकारी</strong><br />मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 या मेंटल हेल्थकेयर एक्ट 2017 को इस बात के लिए बनाया गया था कि मानसिक बीमारियों से जूझ रहे प्रत्येक भारतीय शख्स को सही स्वास्थ्य देखभाल और सर्विसेज मिल सके. आईआरडीएआई सर्कुलर के मुताबिक कहा गया है कि 31 अक्टूबर 2022 तक सभी बीमा कंपनियों को सभी इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स ऐसे बनाने होंगे जो मेंटल इलनेस या मानसिक बीमारियों को कवर कर सकें और एमएचसी एक्ट 2017 के मुताबिक सभी शर्तों को पूरा करने वाला होना चाहिए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>किन बीमारियों को शामिल किया जाएगा-इसकी स्थिति साफ नहीं है पर जल्द तस्वीर होगी साफ</strong><br />हालांकि अभी इस बात को लेकर स्थिति साफ नहीं की गई है कि बीमा कंपनियां हेल्थ पॉलिसी में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किस तरह की समस्याओं को शामिल करने जा रही हैं लेकिन अगर आपको जानकारी नहीं है तो जान लें कि निश्चित तौर पर ये काफी अच्छा कदम बताया जा रहा है क्योंकि लंबे समय से इसको लेकर मांग की जा रही थी.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>मेंटल हेल्थ कवरेज के तहत कवर होने वाली बीमारियों में क्या कवर होता है या होना चाहिए</strong><br />इस समय बाजार में जो कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज हैं वो पॉलिसीहोल्डर को हॉस्पिटल कवरेज मुहैया कराती हैं. संभावित मानसिक विकार के नतीजों के तौर पर जो इमरजेंसी होती हैं वो इन पॉलिसी में कवर हो सकती हैं. इसमें पेशेंट का रूम रेंट, मेडिसिन और डायग्नोस्टिक्स से लेकर एम्बुलेंस चार्ज और ट्रीटमेंट का खर्च शामिल होता है. ओपीडी खर्चों को लेकर कई बार मांग उठती है क्योंकि मानसिक बीमारियों में आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) खर्च जैसे डेकेयर ट्रीटमेंट के साथ मेडिसिन और डॉक्टर फीस का भी बड़ा हिस्सा होता है. कई इंश्योरेंस कंपनियां ऐसे प्लान लॉन्च करने पर जुटी हुई हैं जो ओपीडी के खर्चे भी कवर किए जा सकें.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कोविड-19 महामारी के बाद से बढ़ी मेंटल हेल्थ पर फोकस</strong><br />कोविड-19 महामारी के बाद से मेंटल हेल्थ पर फोकस बढ़ा है क्योंकि लोगों के बीच तनाव और एंग्जाइटी के मामले ज्यादा बढ़ गए हैं. हालांकि भारत में लोग ऐसे मुद्दों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हुए हैं और इनके इलाज के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट और थैरेपी लेने के लिए तैयार हो गए हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें</strong></p> <p style="text-align: justify;"><a href="https://ift.tt/eShda7k Quarterly Result: आईटीसी के उम्मीद से बेहतर नतीजे, मुनाफा बढ़कर 4466 करोड़ रुपये पहुंचा</strong></a></p> TAG : business news, bussiness news, business , latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/Cv46mYq

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