SC Grants Abortion Right: पति की जबरदस्ती से गर्भवती हुई पत्नी भी करा सकेगी गर्भपात, MTP एक्ट पर SC के आदेश की 10 बड़ी बातें
<p style="text-align: justify;"><strong>SC Judgement on Abortion Rights:</strong> गर्भपात के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने अविवाहित महिलाओं (Unmarried Women) को भी 24 हफ्ते तक गर्भपात (Abortion) का अधिकार दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी रूल्स के नियम 3-B का विस्तार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि देश में अविवाहित महिलाओं को भी MTP एक्ट के तहत गर्भपात का अधिकार है. </p> <p style="text-align: justify;">20 हफ्ते से अधिक और 24 हफ्ते से कम के गर्भ के लिए अबतक अबॉर्शन का अधिकार अब तक विवाहित महिलाओं (Married Women) को ही था. अदालत ने इसे समानता के अधिकार के खिलाफ माना है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>SC ने अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताया</strong></p> <p style="text-align: justify;">सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 20-24 सप्ताह के बीच का गर्भ रखने वाली अविवाहित गर्भवती महिलाओं को गर्भपात करने से रोकना और विवाहित महिलाओं को ऐसी स्थिति में गर्भपात की इजाजत देना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. 1971 में जब एमटीपी अधिनियम बनाया गया था, तो यह काफी हद तक विवाहित महिला से संबंधित था, लेकिन जैसे-जैसे सामाजिक मानदंड और रीति-रिवाज बदलते हैं, कानून को भी अनुकूल होना चाहिए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें</strong></p> <ul> <li style="text-align: justify;">सुप्रीम कोर्ट से अब अविवाहित महिलाओं को भी 24 हफ्ते तक गर्भपात का अधिकार मिल गया है. SC ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी रूल्स के नियम 3-B का विस्तार कर दिया है. </li> <li style="text-align: justify;">कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि अविवाहित महिलाएं भी सहमति से उत्पन्न होने वाले 20-24 हफ्ते की अवधि में गर्भावस्था के गर्भपात की हकदार हैं.</li> <li style="text-align: justify;">मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी रूल्स से अविवाहित महिलाओं को लिव-इन रिलेशनशिप से बाहर करना असंवैधानिक है.</li> <li style="text-align: justify;">सभी महिलाएं सुरक्षित और कानूनी गर्भपात की हकदार हैं.</li> <li style="text-align: justify;">मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट में 2021 का संशोधन विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच अंतर नहीं करता है.</li> <li style="text-align: justify;">विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच कृत्रिम अंतर कायम नहीं रखा जा सकता. महिलाओं को इन अधिकारों का स्वतंत्र प्रयोग करने की स्वायत्तता होनी चाहिए</li> <li style="text-align: justify;">प्रजनन स्वायत्तता के अधिकार अविवाहित महिलाओं को विवाहित महिलाओं के समान अधिकार देते हैं.</li> <li style="text-align: justify;">एमटीपी अधिनियम की धारा 3 (2) (बी) का मकसद महिला को 20-24 सप्ताह के बाद गर्भपात कराने की अनुमति देना है, इसलिए सिर्फ विवाहित और अविवाहित महिला को छोड़कर संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा</li> <li style="text-align: justify;">अगर नियम 3बी (सी) को केवल विवाहित महिलाओं के लिए समझा जाता है तो यह इस रूढ़िवादिता को कायम रखेगा कि केवल विवाहित महिलाएं ही यौन गतिविधियों में लिप्त होती हैं. ये संवैधानिक तौर से टिकाऊ नहीं है. </li> <li style="text-align: justify;">अगर राज्य किसी महिला को पूरी अवधि के लिए अवांछित गर्भधारण करने के लिए मजबूर करता है, तो यह उसकी गरिमा का अपमान होगा.</li> </ul> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Bihar: छात्रा के साथ कंडोम पर टिप्पणी कर मुश्किल में फंसी IAS ऑफिसर, महिला आयोग ने 7 दिन में मांगा जवाब" href="https://ift.tt/XR1JNAt" target="null">Bihar: छात्रा के साथ कंडोम पर टिप्पणी कर मुश्किल में फंसी IAS ऑफिसर, महिला आयोग ने 7 दिन में मांगा जवाब</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Meta: इंस्टाग्राम लेकर आया पेरेंटल सुपरविजन टूल, अब मां-बाप रख सकेंगे अपने बच्चों पर नजर" href="https://ift.tt/jwUsoDS" target="null">Meta: इंस्टाग्राम लेकर आया पेरेंटल सुपरविजन टूल, अब मां-बाप रख सकेंगे अपने बच्चों पर नजर</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/1UOfPH6
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