
<p style="text-align: justify;"><strong>Railway Ministry Tweet:</strong> रेल मंत्रालय (Railway Ministry) ने आज एक ट्वीट किया है जिसमें उसने ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट का वीडियो है. इस ट्वीट में रेलवे ने बताया है कि आधुनिक ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट के जरिए रेलवे पानी बचाने और संसाधनों के टिकाऊ इस्तेमाल को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा काम हो रहा है. भारतीय रेलवे अपने इन वॉशिंग प्लांट से कोच धोने की प्रक्रिया में लगने वाला समय और पानी दोनों बचा रहा है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या बताया गया है ट्वीट में</strong><br />रेल मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इस वीडियो को पोस्ट किया गया है जिसमें कहा गया है कि भारतीय रेलवे इस तरह के ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट के जरिए<br />अपने संकल्पों को साकार कर रहा है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि रेलवे के कुछ कोच ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट के बीच से होकर गुजर रहे हैं और इनकी पानी और ब्रश के जरिए गहरी सफाई बड़ी आसानी से हो रही है. साथ ही ट्रेन के निचले हिस्से में भी अच्छे से सफाई हो रही है.</p> <p style="text-align: justify;">[tw]
https://twitter.com/RailMinIndia/status/1563775880538857473?s=20&t=tXpiA4tve87BM_x0mduX3w[/tw]</p> <p style="text-align: justify;">बता दें कि रेलवे में इस मानवरहित कोच वाशिंग प्लांट को सबसे पहले दक्षिण पूर्व रेलवे (South Eastern Railways) जोन में लगाया गया था. इसके साथ ही अब इनकी संख्या बढ़ रही है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट की ये हैं खासियतें</strong></p> <p style="text-align: justify;">यह प्लांट रेल कोच धोने के ट्रेडिशनल तरीकों के मुकाबले 80 फीसदी कम पानी का इस्तेमाल करता है.</p> <p style="text-align: justify;">आम कोच वॉशिंग प्लांट में एक कोच को धोने के लिए कई सौ लीटर पानी लगता है पर इन ऑटोमैटिक वॉश प्लांट कोच में पानी की बेतहाशा बचत होती है. </p> <p style="text-align: justify;">इस पानी में भी 80 फीसदी पानी रिसाइकल यानी इस्तेमाल किये गये पानी को साफ कर दोबारा इस्तेमाल में लाया जाता है.</p> <p style="text-align: justify;">बाकी 20 फीसदी पानी ताजा पानी होता है. </p> <p style="text-align: justify;">ट्रेनों की साफ-सफाई में खर्च होने वाले पानी की भी काफी बचत होगी. </p> <p style="text-align: justify;">ट्रेन के कोच को धुलने में पहले घंटों लग लग रहे थे लेकिन इसके जरिए अब ये काम मिनटों में हो रहा है.</p> <p style="text-align: justify;">इस प्लांट के कई फायदे में से एक है कि समय की बहुत बचत होती है. </p> <p style="text-align: justify;">यह ट्रेन की 24 बोगियों को 10 से 15 मिनट के अंदर साफ कर देगा. </p> <p style="text-align: justify;">यह रेलवे में ट्रेन की सफाई करने के लिए लगने वाले मैनपॉवर की भी बचत करता है</p> <p style="text-align: justify;"><strong>टॉयलेट की सफाई को भी बनाता है संक्रमण मुक्त</strong><br />ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट की सबसे बड़ी खासियत है कि यह ट्रेन के टॉयलेट के निचले हिस्से को भी जल्द से जल्द साफ कर देता है. इसके साथ ही यह इसे संक्रमण मुक्त (Infection Free) करता है. पहले परंपरागत सफाई में ऐसा नहीं हो पाता था. रेलवे की यह कोशिश है कि इस तरह के ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट को पूरे देश में लगाया जाए. इससे समय और पानी दोनों की बचत होगी. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें</strong></p> <p style="text-align: justify;"><a href="
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