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Kapil Sibal Row: SC को लेकर कपिल सिब्बल के बयान पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने किया पलटवार, बोले- इनके पक्ष में फैसला ना आए तो....

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<p style="text-align: justify;"><strong>Kiren Rijiju On Kapil Sibal Statement:</strong> केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल द्वारा दिया गया बयान उनकी मौजूदा मानसिकता के अनुरूप है. कांग्रेस (Congress) और समान विचारधारा वाले लोगों के अनुसार न्यायालयों/संवैधानिक अधिकारियों को उनका पक्ष लेना चाहिए या उनके हित के अनुसार काम करना चाहिए नहीं तो वे संवैधानिक अधिकारियों पर हमला करना शुरू कर देते हैं.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">केंद्रीय कानून मंत्री ने आगे कहा कि ये दुखद है कि प्रमुख नेता और दल संवैधानिक अधिकारियों और एजेंसियों की आलोचना कर रहे हैं. ये एजेंसियां पूरी तरह से स्वायत्त हैं. बता दें कि, राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में पारित कुछ फैसलों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि उनको अब सुप्रीम कोर्ट से कोई उम्मीद नहीं है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या कहा कपिल सिब्बल ने?</strong></p> <p style="text-align: justify;">सिब्बल ने कहा, "अगर आपको लगता है कि आपको सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी, तो आप बहुत गलत हैं. मैं यह सुप्रीम कोर्ट में 50 साल प्रैक्टिस करने के बाद कह रहा हूं." उन्होंने कहा कि भले ही शीर्ष अदालत ने कोई ऐतिहासिक फैसला सुना दिया हो, लेकिन इससे जमीनी हकीकत शायद ही कभी बदलती है. कपिल सिब्बल ने 2002 के गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://ift.tt/OK8uSp7" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> और कई अन्य लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की. ये याचिका कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी ने दायर की थी.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>इन मामलों को लेकर अदालत की आलोचना की</strong></p> <p style="text-align: justify;">कपिल सिब्बल ने धारा-377 को असंवैधानिक घोषित करने के फैसले का भी उदाहरण दिया था. उन्होंने कहा था कि फैसला सुनाए जाने के बावजूद जमीनी हकीकत पहले जैसी ही बनी हुई है. उन्होंने पीएमएलए के प्रावधानों को बरकरार रखने और नक्सल विरोधी आंदोलन के दौरान 17 आदिवासियों की कथित हत्याओं की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज किए जाने को लेकर भी अदालत की आलोचना की थी. बता दें कि, पीएमएलए के प्रावधानों को चुनौती दे रहे याचिकाकर्ताओं और जाकिया जाफरी की तरफ से कपिल सिब्बल ही कोर्ट में पेश हुए थे.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>बार काउंसिल ने जताई नारााजगी</strong></p> <p style="text-align: justify;">बार काउंसिल ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया बार एसोसिएशन ने भी कपिल सिब्बल की इस टिप्पणी पर नाराजगी जताई है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने कहा, "ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कपिल सिब्बल ने इस तरह की टिप्पणी की है. कपिल सिब्बल कानूनी क्षेत्र में एक दिग्गज हैं और देश के पूर्व कानून मंत्री भी हैं. 2-3 महत्वपूर्ण केस हारने का मतलब ये नहीं है कि किसी को न्यायपालिका को निशाना बनाने का अधिकार है. न्यायपालिका एक स्वतंत्र संस्था है. इस पर हमला नहीं किया जाना चाहिए."&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>"केस हारने पर कोर्ट को दोष नहीं दे सकते"</strong></p> <p style="text-align: justify;">वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने कहा, "यदि आप कमजोर केस को ले रहे हैं और बाद में उन्हें अदालत में हार जाते हैं, तो आप न्यायाधीशों और न्यायपालिका को दोष नहीं दे सकते." ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (एआईबीए) ने एक प्रेस बयान के माध्यम से पूर्व केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री कपिल सिब्बल के बयान को अवमाननापूर्ण बताते हुए कहा है कि उन्होंने भारतीय न्यायपालिका में उम्मीद खो दी है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>"कोर्ट संविधान के प्रति रखती है निष्ठा"&nbsp;</strong></p> <p style="text-align: justify;">वरिष्ठ अधिवक्ता और एआईबीए (AIBA) के अध्यक्ष डॉ. आदिश सी अग्रवाल ने कहा, "अदालत मामलों को लेकर उनके सामने पेश किए गए तथ्यों पर कानून लागू करके फैसला करती है. वे संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं और किसी के प्रति नहीं." डॉ. अग्रवाल ने कहा, "कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) न्याय व्यवस्था का एक अभिन्न अंग हैं. हालांकि अगर उन्हें वास्तव में संस्थान में उम्मीद की कमी महसूस होती है, तो वह अदालतों के सामने पेश नहीं होने के लिए स्वतंत्र हैं."&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें-&nbsp;</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Kapil Sibal: कपिल सिब्बल बोले- सुप्रीम कोर्ट में नहीं बची उम्मीद, चुनिंदा जजों को ही दिए जाते हैं संवेदनशील मामले" href="https://ift.tt/ZSAerIC" target="">Kapil Sibal: कपिल सिब्बल बोले- सुप्रीम कोर्ट में नहीं बची उम्मीद, चुनिंदा जजों को ही दिए जाते हैं संवेदनशील मामले</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Sanjay Raut News: संजय राउत को जेल में मिलेगा घर का खाना, कस्टडी में जाते समय बोले- 'जय महाराष्ट्र'" href="https://ift.tt/W1f4vhT" target="">Sanjay Raut News: संजय राउत को जेल में मिलेगा घर का खाना, कस्टडी में जाते समय बोले- 'जय महाराष्ट्र'</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/FzV6U3m