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Independence Day 2022: हरगोविंद खुराना ने किया था भारत का नाम रोशन,जानिए किस खोज के लिए उन्हें मिला था नोबेल पुरस्कार

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<p style="text-align: justify;"><strong>Hargovind Khurana: </strong>हमारे देश ने दुनियां को एक से बढ़कर एक वैज्ञानिक दिए हैं. ना सिर्फ आजादी के बाद देश में कई महान वैज्ञानिक हुए हैं बल्कि आजादी से पहले भी कई ऐसे भारतीय वैज्ञानिक हुए जिनकी वैज्ञानिक खोज ने दुनियां को लाभान्वित किया. उनके आविष्कार मानवीय कल्याण के नजरिए से महत्वपूर्ण साबित हुए. ऐसे ही एक महान वैज्ञानिक हुए हरगोविंद खुराना. अपने इस आर्टिकल में हम विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के बारे में बताएंगे-</p> <p style="text-align: justify;"><strong>हरगोविंद खुराना के बारे में-</strong></p> <p style="text-align: justify;">हरगोविंद खुराना का जन्म 9 फरवरी 1922 को अविभाजित भारत के मुल्तान जिले के तहत आने वाले रायपुर नाम की जगह पर हुआ था. यह जगह विभाजन के बाद पाकिस्तान का हिस्सा बन गई. उनकी उच्च शिक्षा अविभाजित पंजाब के लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय में हुई थी. पीएचडी करने के बाद उनकी योग्यता के बल उन्हें&nbsp; स्वतंत्र भारत की सरकार के द्वारा स्कॉलरशिप दी गई. जिसके बाद वह अपनी आगे की पढ़ाई के लिए ब्रिटेन चले गए. 1966 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की नागरिकता ले ली थी. अमेरिका में ही 2011 में उनका निधन हो गया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>विज्ञान को हरगोविंद खुराना का योगदान-</strong></p> <p style="text-align: justify;">हरगोविंद खुराना ने न्यूक्लिक एसिड में न्यूक्लियोटाइड का क्रम और जीन की खोज की थी. जो कि मानवीय स्वास्थ्य के दृष्टिकोंण से बेहद महत्वपूर्ण खोज थी. इनकी खोजों ने चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया. उनकी खोजों और वैज्ञानिक क्षेत्र में योगदान के चलते उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>चिकित्सा के क्षेत्र में मिला नोबेल पुरस्कार-</strong></p> <p style="text-align: justify;">हरगोविंद खुराना ने विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय अमेरिका में अनुसंधान करते हुए 1968 में मार्शल डब्ल्यू निरेनबर्ग और रॉबर्ट डब्ल्यू हॉली के साथ साझा रूप से चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया. हालांकि उन्हें यह पुरस्कार अमेरिकी नागरिक के तौर पर मिला था. इसके अलावा उन्हें और भी कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>अन्य बड़े पुरस्कार और सम्मान-</strong></p> <p style="text-align: justify;">- उन्हें भारत सरकार के द्वारा 'पद्मश्री' से नवाजा गया.<br />-बेसिक मेडिकल रिसर्च के लिए उन्हें एल्बर्ट लास्कर पुरस्कार मिला.<br />-प्रतिष्ठित गैर्डनर फाउंडेशन इंटरनेशनल अवॉर्ड से भी नवाजा गया.<br />-लुईसा फाउंडेशन पुरस्कार विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए मिला.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें-</strong><a title="Independence Day 2022: जानिए आजाद भारत में लिए गए 10 ऐतिहासिक फैसलों के बारे में,जो देश में लेकर आए बड़ा बदलाव" href="https://ift.tt/OmbUrRM" target="">Independence Day 2022: जानिए आजाद भारत में लिए गए 10 ऐतिहासिक फैसलों के बारे में,जो देश में लेकर आए बड़ा बदलाव</a></p> <p style="text-align: justify;"><a title="Independence Day 2022: आतंकी कसाब को पकड़ने वाले शहीद तुकाराम, जिनके बाज़ुओं की पकड़ गोलियां लगने पर भी ढीली नहीं पड़ी" href="https://ift.tt/zjsHGUr" target="">&nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; Independence Day 2022: आतंकी कसाब को पकड़ने वाले शहीद तुकाराम, जिनके बाज़ुओं की पकड़ गोलियां लगने पर भी ढीली नहीं पड़ी</a></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/qsCdhuz