
<p style="text-align: justify;"><strong>Delhi MCD Property Tax Increase :</strong> देशभर में कई जगह सर्किल रेट में बढ़ोत्तरी कर दी गई है. वही अब प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर सरकार आम आदमी पर नया शिकंजा कसने जा रही है. आपको बता दे कि अब दिल्ली के मकान मालिकों को ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax In Delhi) देना पड़ सकता है. सरकार इसे बढ़ाने का मन बना चुकी है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>6 फैक्टर्स में होगी बढ़ोतरी </strong><br />सूत्रों के अनुसार दिल्ली में 5वीं म्युनिसिपल वैल्यूएशन कमेटी (MVC) ने प्रॉपर्टी की सालाना वैल्यू कैल्कुलेट करने के लिए इस्तेमाल होने वाले 6 फैक्टर्स में बढ़ोतरी की सिफारिश कर दी है. इस कमेटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) के सामने पेश की है. अगर एमसीडी (MCD) इन सिफारिशों को लागू कर देती है तो पूरे दिल्ली में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ जाएगा. इनमें रेजिडेंशियल कॉलोनीज (Residential Colony) और कमर्शियल प्रॉपर्टी भी शामिल होगी. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>18 साल से नहीं हुआ बदलाव </strong><br />दिल्ली की MVC कमेटी का कहना है कि राजधानी दिल्ली में प्रॉपर्टी की सालाना वैल्यू निकालने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 6 फैक्टर्स में पिछले 18 साल से किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है. लेकिन बढ़ती महंगाई को देखते हुए इसमें बढ़ोतरी की जरूरत पड़ रही है. आपको बता दे कि MCD दिल्ली में वर्ष 2004 के यूनिट एरिया वेल्यू के हिसाब से टैक्स ले रहा है. वर्तमान में 18 वर्ष पुरानी टैक्स की दरें चल रही हैं. इसके बाद 4 रिपोर्ट आई लेकिन एमसीडी इन्हें लागू नहीं कर सकी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>वेबसाइट पर पोस्ट की जानकारी </strong><br />कमेटी की रिपोर्ट एमसीडी ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है. साथ ही लोगों से सुझाव भी मांगे हैं. प्रॉपर्टी की सालाना वैल्यू की गणना करते समय 6 फैक्टर्स को ध्यान में रखकर की है. इनमें बेस यूनिट एरिया वैल्यू, टोटल कवर एरिया, एज ऑफ प्रॉपर्टी, ऑकुपेंसी (मकान मालिक खुद रह रहा है या किराए पर है.), स्ट्रक्चरल फैक्टर (मकान कच्चा है या पक्का) और यूज फैक्टर (रेजिडेंशियल है या कमर्शियल). प्रॉपर्टी टैक्स की राशि इस वैल्यू की कुछ प्रतिशत होती है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>37 फीसदी बढ़ोतरी का सुझाव </strong><br />इस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की प्रॉपर्टी की बेस यूनिट वैल्यू में 37 फीसदी की बढ़ोतरी के सुझाव दिए गए है. बेस यूनिट एरिया वैल्यू की सिफारिश 2004 में पहली कमेटी ने की थी और उसके बाद से अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ऐसे समझे कितना बढ़ेगा टैक्स</strong></p> <ul style="text-align: justify;"> <li>अभी ए कैटगरी की कॉलोनियों के लिए बेस यूनिट एरिया वैल्यू 630 रुपये है. इसी तरह बी कैटगरी की बस्तियों के लिए यह 500 रुपये, सी कैटगरी के लिए 400 रुपये, डी कैटगरी के लिए 320 रुपये, ई कैटगरी के लिए 270 रुपये, एफ कैटगरी के लिए 230 रुपये, जी कैटगरी के लिए 200 रुपये और एच कैटगरी के लिए 100 रुपये है. </li> <li>कमेटी ने ए कैटगरी के लिए इसे बढ़ाकर 800 रुपये करने का सुझाव दिया है. इसी तरह बी कैटगरी के लिए इसे 680 रुपये, सी कैटगरी के लिए 550 रुपये, डी कैटगरी के लिए 440 रुपये और ई कैटगरी के लिए 370 रुपये करने का प्रस्ताव है. </li> <li>कमेटी ने साल 2009 से 2019 तक बने मकानों के लिए 1.1 और 2020 से 2029 तक बनने वाले मकानों के लिए 1.2 एज फैक्टर की सिफारिश की है. 1950 के दशक में बने मकानों के लिए एज फैक्टर 0.5 और 1960 के दशक में बने मकानों के लिए इसे 0.6 करने की सिफारिश की गई है. इसी तरह 2000 से 2010 के बीच बने मकानों के लिए एज फैक्टर 1 रखने का सुझाव है.</li> </ul> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Mukesh Ambani Villa Dubai: मुकेश अंबानी ने बेटे अनंत के लिए खरीदा दुबई का सबसे महंगा घर, 640 करोड रुपया है कीमत" href="
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