MASIGNASUKAv102
6510051498749449419

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में अज्ञात बीमारी का कहर, तीन साल में एक गांव के 61 लोगों की गई जान

india breaking news
<p style="text-align: justify;"><strong>Unknown Disease In Chhattisgarh:</strong> छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले (Sukma District) के एक गांव के निवासियों ने दावा किया है कि पिछले तीन वर्षों में अज्ञात बीमारी (Undisclosed Illness) के कारण 61 लोगों की मौत हुई है. ग्रामीणों की शिकायत के बाद जिला प्रशासन (District Administration) ने जांच शुरू कर दी है. जिले के कोंटा विकासखंड अंतर्गत रेंगडगट्टा गांव (Rengdagatta Village) में ग्रामीणों ने दावा किया है कि पिछले तीन वर्षों में अज्ञात बीमारी के कारण 61 लोगों की मौत हुई है. गांव में 130 ​परिवार हैं और गांव की आबादी लगभग एक हजार है.</p> <p style="text-align: justify;">हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच से जानकारी मिली है कि गांव में पिछले तीन वर्ष के दौरान बीमारियों और प्राकृतिक कारणों तथा अन्य कारणों से 47 लोगों की मौत हुई है. ग्रामीणों ने 27 जुलाई को सुकमा कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें दावा किया गया था कि गांव में वर्ष 2020 से अब तक हाथ-पैर में सूजन के लक्षण वाले 61 लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें युवक और युवतियां भी शामिल हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>सभी की मौत का कारण एक नहीं</strong></p> <p style="text-align: justify;">ग्रामीणों ने प्रशासन से मौतों को रोकने तथा समस्या के समाधान के लिए चिकित्सकों का एक दल गांव भेजने की मांग की थी. सुकमा जिले के कलेक्टर हरीश एस (Sukma District Collector Harish S) ने स्थानीय लोगों द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद पिछले सप्ताह स्वास्थ्य कर्मचारियों और अन्य विशेषज्ञों की एक टीम वहां भेजी गई थी. कलेक्टर ने बताया, 'प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि पिछले तीन वर्षों में उस गांव में 47 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन उन सभी की मौत एक ही कारण से नहीं हुई है, जैसा कि स्थानीय लोगों ने दावा किया है.'</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने बताया कि कुछ मृतकों के शरीर पर सूजन थी और यह विभिन्न कारणों से हो सकता है. कलेक्टर ने कहा कि जल स्रोतों के नमूनों की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार दो जल स्रोतों में फ्लोराइड का स्तर सीमा से अधिक था, जबकि कुछ जल स्रोतों में लौह तत्व अधिक था.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>आबादी में ऐसा कोई लक्षण नहीं</strong></p> <p style="text-align: justify;">कलेक्टर ने कहा, ''लेकिन अभी हम यह नहीं कह सकते हैं कि पानी में भारी धातु की मात्रा के कारण मौतें हुईं है, क्योंकि उच्च फ्लोराइड वाले पानी के सेवन से हड्डियों में कमजोरी होती हैं. स्थानीय आबादी में ऐसा कोई लक्षण नहीं हैं.&rsquo;&rsquo; उन्होंने कहा, &lsquo;&lsquo;पानी में उच्च लौह तत्व भी कई जटिलताएं पैदा करता है, लेकिन इसके कारण अचानक मृत्यु नहीं हो सकती है. अन्य पर्यावरणीय कारण हो सकते हैं. शराब पीने के कारण गुर्दे से संबंधित बीमारियां एक कारण हो सकती है.''</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि पानी और मिट्टी में भारी धातु सामग्री जैसे आर्सेनिक की पहचान के लिए विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा है. कलेक्टर ने कहा कि मामला सामने आने के बाद गांव का दौरा करने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम ने ग्रामीणों का चिकित्सकीय परीक्षण किया था, जिसमें 41 लोगों के शरीर में सूजन और गुर्दे से संबंधित समस्याओं से पीड़ित होने की पहचान की गई थी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>विशेषज्ञों का एक दल भेजा जाएगा</strong></p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि जांच से पता चला कि शरीर में यूरिक एसिड और क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ा हुआ था. मरीजों का इलाज किया जा रहा है तथा उनकी हालत स्थिर है. अधिकारी ने बताया कि मरीजों में से एनीमिया की शिकायत वाले दो ग्रामीणों को सुकमा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने बताया कि आठ अगस्त को पर्यावरणीय कारणों के अध्ययन के लिए विशेषज्ञों का एक दल गांव भेजा जाएगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया</strong></p> <p style="text-align: justify;">जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) यशवंत ध्रुव ने कहा कि मौत संयुक्त कारणों से हुई हैं, जिनमें गुर्दे की बीमारियां, बुढ़ापे से संबंधित समस्याएं और मलेरिया (Malaria) भी शामिल हैं. ध्रुव ने कहा कि उनमें से कितनों की मौत गुर्दे की बीमारी से हुई है, इसकी अभी पुष्टि नहीं हो सकी है.</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने बताया कि जांच किए गए 20 जल स्रोतों में से दो नलकूपों में फ्लोराइड (Fluoride) की मात्रा अधिक पाई गई, जिसके बाद इसे उपयोग के लिए बंद कर दिया गया, जबकि ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए आठ जल स्रोतों का उपयोग नहीं करने की सलाह दी गई है, क्योंकि इसमें आयरन (Iron) की मात्रा सीमा से अधिक है. अधिकारी ने कहा कि कुछ ग्रामीणों में पुरानी गुर्दे की बीमारी के हल्के लक्षण हैं. सभी की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि हाल ही में एक उप स्वास्थ्य केंद्र में एक सहायक नर्स की नियुक्ति की गई है.</p> <p><strong>इसे भी पढ़ेः-</strong></p> <p><strong><a title="Vice President Election 2022: आज होगा उपराष्ट्रपति का चुनाव, जगदीप धनखड़ का पलड़ा भारी, जानिए क्या हैं समीकरण?" href="https://ift.tt/EQ4dZes" target="">Vice President Election 2022: आज होगा उपराष्ट्रपति का चुनाव, जगदीप धनखड़ का पलड़ा भारी, जानिए क्या हैं समीकरण?</a></strong></p> <p><strong><a title="CWG 2022: 8वें दिन भारत पर हुई पदकों की बारिश, तीन गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मिले; ऐसी है मेडल टैली" href="https://ift.tt/W8KoXi0" target="">CWG 2022: 8वें दिन भारत पर हुई पदकों की बारिश, तीन गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मिले; ऐसी है मेडल टैली</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/OkI7cR2