Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनावों को लेकर ममता बनर्जी का बड़ा दांव, विपक्ष को कर रहीं इकट्ठा, दिल्ली में मीटिंग
<p style="text-align: justify;"><strong>Presidential Election 2022:</strong> राष्ट्रपति चुनावों (Presidential Election) को लेकर देशभर में कवायद तेज हो गई है. इस कवायद में पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने देश के 22 विपक्षी नेताओं (22 Opposition Leaders) को एकजुट होने को लेकर चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में ममता ने इन विपक्षी नेताओं को 15 जून को इस बाबत बैठक करने के लिए दिल्ली बुलाया है.</p> <p style="text-align: justify;">ममता बनर्जी ने उद्धव ठाकरे समेत 22 विपक्षी नेताओं को 15 जून को दिल्ली में बैठक में शामिल होने का आवेदन किया है. इस चिट्ठी में ममता ने लिखा कि भारत में गणतंत्र पूरी तरह से खत्म हो रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल हो चुकी है ऐसे में पूरे विपक्ष को एक साथ आना चाहिए क्योंकि इसी के जरिए फिर एक बार गणतंत्र को बचाया जा सकेगा. </p> <p style="text-align: justify;">ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी, उद्धव ठाकरे, एम के स्टालिन, के चंद्रशेखर राव, अरविंद केजरीवाल, नवीन पटनायक, शरद पवार, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी और लालू यादव समेत 22 नेताओं को निमंत्रण भेजा है. लेकिन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी को नहीं बुलाया है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कब है राष्ट्रपति चुनाव ?</strong><br />केंद्रीय चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने जो शेड्यूल जारी किया है उसके मुताबिक 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा और 21 तारीख को मतगणना होगी. राष्ट्रपति पद का चुनाव तब होगा जब उम्मीदवार एक से ज्यादा होंगे और चुनाव की नौबत आएगी. 18 जुलाई को अगर राष्ट्रपति चुनावों के लिए मतदान की जरूरत पड़ी तो इसमें लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा के सदस्य हिस्सा लेंगे और 21 जुलाई को मतगणना होगी, जिसके बाद देश के नए राष्ट्रपति के नाम की घोषणा की जाएगी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>प्रथम चुनाव चिह्नित करना होगा जरूरी</strong><br />मतदाताओं को उम्मीदवारों की संख्या के आधार पर वरीयता के आधार पर पसंद का मतदान करना होगा. मतदाताओं ने अगर अपना प्रथम चुनाव चिह्नित नहीं किया और बाकी चुनावों पर चिह्न लगाए तो यह वोट अवैध माना जाएगा. यानी पहली पसंद का भरना ज़रूरी होगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>सांसदों और विधायकों के वोट का वेटेज अलग-अलग</strong><br />वोट डालने वाले सांसदों और विधायकों के वोट का वेटेज अलग-अलग होता है. अलग अलग राज्यों के विधायकों के वोटों का वेटेज भी अलग होता है. यह वेटेज जिस तरह तय किया जाता है, उसे आनुपातिक प्रतिनिधित्व व्यवस्था कहते हैं. वर्तमान में देश के राज्यों के सभी विधायकों के वोट का वैल्यू 5 लाख 43 हजार 231 है. वहीं, लोकसभा के सांसदों का कुल वैल्यू 5 लाख 43 हजार 200 है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="West Bengal Protest: हावड़ा की घटना के बाद बदले गए पुलिस कमिश्नर, नमाज के बाद भड़की थी हिंसा" href="https://ift.tt/bMyvYGV" target="">West Bengal Protest: हावड़ा की घटना के बाद बदले गए पुलिस कमिश्नर, नमाज के बाद भड़की थी हिंसा</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Rajya Sabha Election Result Haryana: हरियाणा के सियासी चक्रव्यूह में कैसे घिर गए अजय माकन? बिश्नोई ने लिखी हार की पटकथा" href="https://ift.tt/JgawlCV" target="">Rajya Sabha Election Result Haryana: हरियाणा के सियासी चक्रव्यूह में कैसे घिर गए अजय माकन? बिश्नोई ने लिखी हार की पटकथा</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/RWcAJU1
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