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Legislative Council Election: नवाब मलिक और अनिल देशमुख को झटका, SC से भी विधानपरिषद चुनाव में मतदान की अनुमति नहीं मिली

Legislative Council Election: नवाब मलिक और अनिल देशमुख को झटका, SC से भी विधानपरिषद चुनाव में मतदान की अनुमति नहीं मिली
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<p style="text-align: justify;"><strong>Legislative Council Election:</strong> महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) और मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) को विधानपरिषद चुनाव (Maharashtra MLC Polls) में मतदान की अनुमति नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि मौजूदा प्रावधान के तहत जेल में बंद व्यक्ति मतदान नहीं कर सकता. जनप्रतिनिधियों को छूट देने के लिए याचिका में उठाए गए कानूनी बिंदुओं पर बाद में विचार होगा.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">बता दें कि, महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और मंत्री नवाब मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी MLC चुनाव में मतदान करने की याचिका को खारिज किया था.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">मंत्रियों की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि पुलिस सुरक्षा में विधानसभा जाने का मौका मिले. हम जमानत की मांग नहीं कर रहे. वोट डालना हमारा संवैधानिक अधिकार है. हम उन लोगों के प्रतिनिधि हैं, जिन्होंने हमें चुना है. यह राजनीतिक मामला है. हमारे 54 विधायक हैं, हम विधानपरिषद में 2 लोगों को चुन सकते हैं, लेकिन हमारे 2 सदस्य अगर वोट नहीं डाल पाएंगे, तो हम विधानपरिषद का 1 सदस्य ही चुन पाएंगे.</p> <p style="text-align: justify;">इस पर जज ने कहा कि जेल में या पुलिस हिरासत में बंद व्यक्ति वोट नहीं डाल सकता. आप कब जेल गए? अगर आपको वोटिंग से रोकने के लिए जेल में डाला गया तो आपका केस बनता है. जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 62(5) में स्पष्ट बताया गया है कि कौन से लोग मतदान नहीं कर सकते.</p> <p style="text-align: justify;">कोर्ट ने वकील से पूछा कि चुनाव परिणाम कब आएगा. इस पर कोर्ट को बताया गया कि आज 5 बजे ही. इस पर कोर्ट ने कहा कि कानून में जनप्रतिनिधियों को जेल में रहते हुए वोट डालने की कोई अलग से छूट नहीं दी गई है. हमें विचार में समय लगेगा. अगर 3 दिन बाद चुनाव होता तो हमें विचार करने में आसानी होती. अगर हम अंतरिम जमानत दे भी दें, तब भी आप वोट नहीं डाल पाएंगे.अगर राहत देने के लिए आपकी इस दलील को मान लें कि आप उन लोगों के प्रतिनिधि हैं जिन्होंने आपको चुना, तो आप कल को कहेंगे कि आपको जेल में न रखा जाए, विधानसभा में जाने दिया जाए. हम यही कर सकते हैं कि आपकी याचिका में उठाए गए कानूनी बिंदुओं पर बाद में विचार कर लें.&nbsp;वकील ने कहा कि आर्थर रोड जेल से विधानसभा जाने में 20 मिनट लगेंगे.</p> <p>वहीं सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि चुनाव की अधिसूचना मई में जारी हुई थी. कानून में भी साफ है कि जेल में बंद व्यक्ति वोट नहीं डाल सकता. याचिका पूरी तरह खारिज हो. किसी ने धारा 62(5) को चुनौती नहीं दी है. इसके रहते मतदान की अनुमति नहीं दी जा सकती. इस पर कोर्ट ने कहा कि ये प्रावधान लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ लगता है, लेकिन अभी इस पर विस्तृत विचार नहीं किया जा सकता. वैसे भी अभी वोट डालने की अनुमति दे दी, तब भी जेल से हेलीकॉप्टर तो नहीं मिल जाएगा.</p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/FuaUgym

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