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Ladakh Communal Tension: लद्दाख में बौद्ध साधु के मार्च से क्यों बढ़ रहा तनाव, ये है पूरा मामला

Ladakh Communal Tension: लद्दाख में बौद्ध साधु के मार्च से क्यों बढ़ रहा तनाव, ये है पूरा मामला
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<p style="text-align: justify;"><strong>Ladakh News:</strong> देश में फैले तनाव और हिंसा घटनाओं की वारदातों के बीच लद्दाख (Ladakh) सांप्रदायिक तनाव से जूझ रहा है! देश के सबसे उत्तरी केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में एक बौद्ध साधु (Buddhist Monk) के मार्च ने तनाव पैदा कर दिया है. बौद्ध बहुल लेह (Leh) के साधु द्वारा 31 मई को शुरू किया गया मार्च 14 जून को मुस्लिम बहुल कारगिल (Kargil) में समाप्त होना और यह लोग कारगिल में एक बौद्ध विहार बनाना चाहते है!. लेह से शुरू यात्रा में एक हजार से ज़ायदा लोग शामिल है&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">बौधगुरु चोस्कयोंग पालगा रिनपोछे (Choskyeong Palga Rinpoche) ने अपने अनुयायियों के साथ कारगिल में एक विवादास्पद स्थल पर एक मठ की नींव रखने के उद्देश्य से यात्रा शुरू की. मुस्लिम समुदाय के सदस्य पहले ही प्रस्तावित एकतरफा फैसले पर आपत्ति जता चुके हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>बौध समुदाय का दावा</strong></p> <p style="text-align: justify;">बौध समुदाय का कहना है कि कारगिल के मुख्य बजार में वर्ष 1961 में बुद्ध की मिठौरी था एक भवन का निर्माण किया गया था. कारगिल में रहने वाले बौद्ध समुदाय के विहार के लिए इलाके के वरिष्ठों ने दो कनाल पर निर्माण की इजाज़त दी, लेकिन 1969 में बाकि बचे बौद्धों की मृत्यु के बाद निर्माण पर विराम लग गया. कारगिल में ९१ प्रतिशत मुस्लिम है और जो बौद्ध धर्म के मानने वाले हैं. वह जनस्कार में ज्यादातर रहते है! &nbsp;कारगिल जिला मुख्यालय में ना के बराबर बौद्ध समुदाय के लोग रहते है!&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">लेकिन अब पचास साल के अंतराल के बाद बौद्ध समुदाय ने दोबारा से इस मठ को बनाने के लिए आंदोलन शुरू किया है! यह मुद्दा प्रदेश के लिए इस लिए भी महत्व रखता है क्योंकि दोनों समुदायों के सदस्यों ने 2021 में पहली बार लद्दाख की छठी अनुसूची के लिए स्थानीय विरासत, संस्कृति और लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी मांग उठाने के लिए गठबंधन किया था! लेकिन अभ इस मार्च में मुस्लिम और बौद्ध समुदाय के सदस्य एक दूसरे के खिलाफ हो गए है!&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>केडीए ने जताया विरोध</strong></p> <p style="text-align: justify;">कारगिल में सामाजिक और धार्मिक संगठनों के संगठन कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) ने पहले ही उपायुक्त कारगिल को एक पत्र लिखकर मार्च का विरोध जताया है और इसे राजनीति से प्रेरित और लद्दाख में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की साज़िश बताया है!&nbsp;&ldquo;केडीए ने कारगिल में एक गोम्पा (मठ) के निर्माण के मुद्दे पर लद्दाख बौद्ध संघ (एलबीए) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है. दोनों निकायों ने सहमति व्यक्त की कि इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना चाहिए, &rdquo;पत्र में लिखा है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">ऐसी परिस्थितियों में, इस मामले में कोई बाहरी हस्तक्षेप होना, क्षेत्र में शांति भंग करने की कोशिश है" KDA ने पात्र में लिखा है! KDA के अनुसार बोधगुरु चोस्कयोंग पालगा रिनपोछे तिब्बत निवासी है और इसलिए उनका मार्च और उनकी मांग अवैध है!&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">जहां केडीए और एलबीए इस मामले पर बातचीत कर रहे हैं, वहीं एलबीए की कारगिल इकाई ने साधु को समर्थन दिया है. इसके प्रमुख स्कारमा दादुल ने कहा कि बौद्धों को कारगिल में मठ बनाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा, "हम कोई तनाव पैदा नहीं करना चाहते, लेकिन उचित पूजा स्थल का होना हमारा अधिकार है."</p> <p style="text-align: justify;">प्रशासन और पुलिस ने उभरती स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है और पुलिस को स्थिति से निपटने के लिए कहा गया है. लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन प्रदर्शनकारियों के साथ हाथ मिला रहा है और कारगिल क्षेत्र में शांति भंग करना चाहता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>इसे भी पढेंः-</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="मोदी सरकार का बड़ा कदम, 18 महीने में 10 लाख लोगों को नौकरी का एलान, मिशन मोड में भर्ती के निर्देश" href="https://ift.tt/Iyg02PV" target="">मोदी सरकार का बड़ा कदम, 18 महीने में 10 लाख लोगों को नौकरी का एलान, मिशन मोड में भर्ती के निर्देश</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><a title="&lt;strong&gt;Sidhu Moose Wala Postmortem: 'किडनी, लीवर, रीढ़ की हड्डी समेत 19 जगह बुलेट इंजरी,' मूसेवाला की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुआ खुलासा&lt;/strong&gt;" href="https://ift.tt/42vExNB" target=""><strong>Sidhu Moose Wala Postmortem: 'किडनी, लीवर, रीढ़ की हड्डी समेत 19 जगह बुलेट इंजरी,' मूसेवाला की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से हुआ खुलासा</strong></a></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/UjZmaYK

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