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Helen Career: बर्मा से भारत आईं थी हेलेन, खाने तक के लिए नहीं थे पैसे, फिर ऐसे बनीं बॉलीवुड की डांसिंग क्वीन

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<p style="text-align: justify;"><strong>Bollywood Actress Helen Biography:</strong>&nbsp;कैबरे डांस, लाजवाब एक्ट्रेस, हुस्न की मल्लिका और खूबसूरती का खजाना है बॉलीवुड अदाकारा हेलेन. अपने डांस से सबकी सांसें तेज कर देने वाली हेलेन भारतीय फिल्म इंडस्ट्री कि पहली आइटम गर्ल मानी जाती हैं. वह ऐसे ही इतनी बेहतरीन अदाकारा नहीं बन गईं, बल्कि उनकी इस सफलता के पीछे छिपा है ऐसा दर्द जिसे जानकर आप भी खून के आंसू रो देंगे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>हेलेन के क्रेजी फैन</strong></p> <p style="text-align: justify;">हेलेन के दीवाने तो सभी हैं. एक समय ऐसा भी था, जिस भी फिल्म में हेलेन का आइटम सॉन्ग होता, तो लोग सिर्फ उसी डांस को देखने कि चाह में थियेटर तक पहुंच जाते. आलम तो ये था कि डांस शुरू होने पर पूरे थियेटर में सिक्कों की बारिश होने लगती और लगातार तब तक होती रहती जबतक डांस खत्म नहीं हो जाता. लोगों के पैर फिल्म के खत्म होने के बाद भी हेलेन के गाने पर थिरकते रहते. हेलेन की दीवानगी लोगों पर इस कदर सवार थी कि लोग हेलेन की वजह से अपनी लड़कियों को डांस सिखाने की तमन्ना रखने लगे. हेलेन के डांस में जो स्पार्क था, वो ही लोगों को उनकी ओर आकर्षित करता रहा. एक्ट्रेस और डांसर हेलेन के डांस और खूबसूरती की हर कोई तारीफ करता है. उनका डांस करने का स्टाइल कमाल का है, उनके डांस को देखकर यूं ही लोग दांत तले अंगुलियां नहीं दबा लेते थे और आज भी उनके डांस का कोई मुकाबला नहीं कर सकता.</p> <p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://ift.tt/dnP5TzX" /></p> <p style="text-align: justify;"><strong>लाइफ ने दिए कई गम </strong></p> <p style="text-align: justify;">वह अपने समय की बेस्ट डांसर और बहुत बेहतरीन अदाकारा रही हैं. 1938 को रंगून में जन्मीं हेलेन का असली नाम हेलेन ऐन रिचर्ड्सन है. क्या आपको पता है कि हेलेन की इस सफलता के पीछे छिपे हैं उनके पैरों के छाले और अपने भाई को खोने का गम. हेलेन के पिता द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ही चल बसे. इसकी वजह से घर की पूरी जिम्मेदारी हेलेन के कंधों पर आन पड़ी थी.</p> <p style="text-align: justify;">बर्मा में जापानियों के कब्जा किए जाने के डर से उनका पूरा परिवार पैदल ही असम के डिब्रूगढ़ की तरफ रवाना हो गया. दुश्मनों से बचने के लिए उन सभी ने जंगलों के खतरनाक रास्तों पर चलना ही सही समझा. एक समय ऐसा भी आया जब उनकी स्थिती इतनी खराब हो चुकी थी कि उनके पास ना ही रहने का कोई ठिकाना था और ना ही खाने के लिए पैसे. राह चलते वक्त जिसने जो सुविधा दी, बस उसी से उनका गुजारा होता रहा. जिस किसी ने आसरा दिया वहां पर सो लिए, जिसने भी खाना दान में दिया उसका शुक्रिया करके वह खा लिया. कभी-कभी किसी ब्रिटिश जवान को भी उनकी हालत पर तरस आ जाया करता था तो, वह भी उनकी मदद कर दिया करते थे. सभी के पैरों में चलते-चलते छाले तक पड़ गए थे, लेकिन मंजिल अभी दूर थी. ना जाने कितने ही मासूम लोगों ने चलते-चलते अपनी जान गंवा दी.</p> <p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://ift.tt/9mhytUB" /></p> <p style="text-align: justify;"><strong>मां के लिए अफसोस </strong></p> <p style="text-align: justify;">हेलेन को इस बात का बड़ा अफसोस था कि वह अपनी मां के लिए कुछ भी नहीं कर पा रही थीं. हेलेन की मां गर्भवती थीं और ऐसी हालत में रास्ते में ही उनका गर्भपात हो गया. इसको देखकर हेलेन का बुरा हाल हो गया. हेलेन को मन ही मन ये बात सता रही थी कि वह इतनी छोटी हैं कि अपनी मां के लिए कुछ भी नहीं कर पाईं. रास्ता इतना लंबा था कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था. इतनी सारी मुसीबतें कम थी कि हेलेन के भाई को स्मॉलपॉक्स हो गया. दोनों मां-बेटी हड्डियों का ढांचा बन गई थीं. आखिर में उन सभी को डिब्रूगढ़ हॉस्पिटल में दाखिल किया गया. हेलेन की मां और वो तो बच गईं, लेकिन हेलेन का भाई गुजर गया. ये सदमा उनके लिए काफी गहरा था.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>घर के हालात रहे खराब</strong></p> <p style="text-align: justify;">फिर क्या था हेलेन की मां की ऐसी हालत देखकर एक सज्जन पुरुष को तरस आ गया और उन्होंने हेलेन की मां को डिब्रूगढ़ हॉस्पिटल में ही नर्स की नौकरी दिला दी. डिब्रूगढ़ हॉस्पिटल में कई सीरियस मरीज आया करते थे, किसी को चिकनपॉक्स तो किसी को ना जाने कैसी खतरनाक बीमारियां थीं. लेकिन सड़क पर भूखे मरने से बेहतर था कि उन्होंने नर्स की नौकरी करने के लिए हां कर दी. फिर क्या था हेलेन की मां अस्पताल में नर्स का काम करने लगीं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>फिल्मों में किया काम </strong></p> <p style="text-align: justify;">मां और घर की ऐसी स्थित देखकर मासूम हेलेन ने पढ़ाई-लिखाई को भुलाकर फ़िल्म इंडस्ट्री में काम तलाशना शुरू कर दिया. कई सालों तक वह स्टूडियों के चक्कर लगाती रहीं. आखिरकार उनकी किस्मत पलटी और उन्हें फ़िल्म हावड़ा ब्रिज में काम करने का मौका मिला. उस जमाने में कुक्कू नाम की एक पुरानी अदाकारा थीं, जिन्होंने हेलेन को फिल्मों में ग्रुप डांसर की नौकरी दिला दी.</p> <p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://ift.tt/yZ6jeiK" /></p> <p style="text-align: justify;"><strong>&nbsp;कैसे शुरु हुआ हेलेन का फिल्मी सफर </strong></p> <p style="text-align: justify;">हेलेन का फिल्मी करियर फ़िल्म शबिस्तान के साथ शुरू हुआ. इस ग्रुप डान्सिंग में हेलेन ने अपने डांस से सभी का दिल जीत लिया. धीरे-धीरे उस भीड़ के साथ डांस करते-करते उन्हें फिल्मों में सोलो डांस के ऑफर आने लगे. फिल्म अलिफ लैला और हूर ए अरब में सोलो डांस करके उन्होंने फ़िल्म मेकर्स को दांतों तले अंगुलियां दबाने पर मजबूर कर दिया.</p> <p style="text-align: justify;">हावड़ा ब्रिज, चाइना टाउन, कश्मीर की कली, एन इवनिंग इन पेरिस, अराधना, अमर प्रेम जैसी बेहतरीन फिल्मों के निर्देशक शक्ति सामंत ने हेलेन को अपनी फिल्म हावड़ा ब्रिज में बड़ा ब्रेक दिया. फिल्म में हेलेन को एक आइटम सॉन्ग करने को मिला, जिसके गाने के बोल कुछ इस तरह से थे- चिन चिन चू बाबा... ये गाना बहुत फेमस हुआ. हेलेन रातोंरात स्टार बन गईं और देखते ही देखते हेलेन उस समय की पहली आइटम गर्ल बन गईं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>हेलेन का फिल्मी करियर</strong></p> <p style="text-align: justify;">इसके बाद हेलेन को 1960 और 1970 के दशक में एक से एक बढ़कर एक फिल्मों में अच्छी भूमिकाएं भी मिलने लगीं और आइटम सॉन्ग भी मिलने लगे. उन्होंने फ़िल्म गुमनाम, चाइना टाउन, सच्चाई और छोटे सरकार में अपने अभिनय की प्रतिभा दिखाई. अपने कई डांस नंबर जैसे सुकू सुकू, आ जाने जां, यम्मा यम्मा, ओह हसीना जुल्फों वाली, ये मेरा दिल यार का दीवाना, पिया तू अब तो आजा समेत ना जाने कितने ही और आइटम नंबर्स किए. महबूबा ओ महबूबा सॉन्ग पर उनके डांस का आज भी कोई सानी नहीं है. कहा जाता है कि हेलेन अपने डांस के स्टेप्स खुद ही किया करती थीं. यही वजह है कि उनका हर एक स्टेप यूनीक हुआ करता था. जिन्हें ना तो उस समय कोई कॉपी कर पाया और ना ही आज कोई कर सकता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कैसे मिला मोम कि गुड़िया का दर्जा </strong></p> <p style="text-align: justify;">मुंगड़ा-मुंगड़ा जैसे गाने पर डांस करने पर उन्हें मोम की गुड़िया का दर्जा दिया गया. अपने डांस से सबका दिल जीत चुकी हेलेन बॉलीवुड की बेहतरीन डांसर के साथ-साथ उम्दा एक्ट्रेस भी रहीं. सही में फर्श से अर्श तक का सफर हेलेन की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा. उन्हें कई अवॉर्ड्स भी मिले, इसके साथ ही उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री के पुरस्कार से भी नवाजा. उन पर चार किताबें भी लिखी गई हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><iframe title="YouTube video player" src="https://www.youtube.com/embed/JvsqfB9JqTo" width="560" height="315" frameborder="0" allowfullscreen="allowfullscreen"></iframe></p> TAG : bollywood news,india news,entertainment news,india cinema,bollywood,entertainment, latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/RWcAJU1