Assam: पूर्वोत्तर भारत में सीमाओं की रक्षा के लिए कितना हुआ काम? हिंसक घटनाओं में कितनी आई कमी?
<p style="text-align: justify;"><strong>Assam Minister Pijush Hazarika on North East India:</strong> असम सरकार में मंत्री पीयूष हजारिका (Pijush Hazarika) ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत (North East India) में सीमाओं की रक्षा को लेकर काफी काम किए गए हैं. केंद्र सरकार (Union Govt) के प्रयास से परिवहन व्यवस्था (Transport System) बेहतर हुई है. म्यांमार से लेकर भूटान, नेपाल और चीन तक. पड़ोसी देशों के साथ लगी सीमाओं पर भारत ने बेहतर परिवहन संबंधित विकास किए हैं. एबीपी न्यूज से बातचीत में पीयूष हजारिका ने कहा कि परिवहन के संबंध में विकास ने हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए साधनों को बेहतर बनाया है. पहले कम विकसित और ऊबड़-खाबड़ जगहों को पार करने में 1 दिन लगते थे. इस दूरी को आज लगभग दो घंटे में तय कर सकते हैं.</p> <p style="text-align: justify;">असम के जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने बताया कि उस स्थान से चीन की सीमा लगभग 200 मीटर की दूरी पर है, इसलिए सामरिक स्तर पर इन निर्णयों को बहुत सारे लोग नहीं समझ सकते हैं, लेकिन निश्चित रूप से ये समय की मांग थी. इसलिए केंद्र सरकार असम में परिवहन के मामले में विकास के लिए उचित श्रेय की पात्र है. एक महीने में कम से कम 20 मंत्री यहां यात्रा कर रहे हैं और प्रगति का अनुमान लगा रहे हैं. इससे पहले किसी भी सरकार ने देश के इस हिस्से के लिए इतना प्रयास नहीं किया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पूर्वोत्तर भारत में कितना हुआ विकास?</strong></p> <p style="text-align: justify;">पीयूष हजारिका ने आगे कहा कि पूर्वोत्तर भारत के विकास के लिए लगातार काम जारी है. महीने में एक बार प्रधानमंत्री खुद यहां पहुंचते हैं और विकास का जायजा लेते हैं. कोई खुद ही देखकर बता सकता है कि असम सफलता और विकास के उच्च पथ पर है. असम को विकास के मामले में अन्य सभी राज्यों के बराबर बनाने के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://ift.tt/hTBrJ0O" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है. पीयूष हजारिका ने कहा कि आज असम में पहले से काफी बेहतर संचार और परिवहन सुविधाएं हैं. उन्होंने बताया कि पहले यहां यह पुल था जो अटल बिहारी बचपेयी सरकार के तहत अनादि काल से निर्माणाधीन था. मोदी सरकार के सत्ता में आते ही निर्माण पूरा हो गया और आज वह पुल हर तरह के परिवहन के लिए एक प्रमुख जंक्शन है, चाहे वह रेल हो या सड़क.</p> <p style="text-align: justify;">दिसपुर ब्रिज से एक सुरंग बनने जा रही है जो इन छोटे शहरों को बड़े शहरों से जोड़ेगी. इससे उन्हें समृद्ध और व्यापार करने में मदद मिलेगी. असम की सच्चाई यह है कि उसके अधिकांश स्थानों पर रेल की पटरियां नहीं थीं और पहले किसी सरकार ने इस समस्या का समाधान भी नहीं किया था. पिछले 5 वर्षों में रेलवे ट्रैक और लाइन बिछाने का काम शुरू हुआ है. इसके अलावा केंद्र सरकार ने असम में एक नए हवाई अड्डे के लिए भी मंजूरी दी है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पूर्वोत्तर भारत में आतंकवादी गतिविधियां</strong></p> <p style="text-align: justify;">पीयूष हजारिका ने कहा कि राज्य और केंद्र दोनों के निरंतर संयुक्त प्रयासों के कारण पूर्वोत्तर भारत में आतंकवादी गतिविधियां अब लगभग शून्य हो गई हैं. हत्या की घटनाओं की बात करें तो 2014 में कम से कम 244 मामले दर्ज किए गए हैं लेकिन उस वर्ष से संख्या लगातार घट रही थी और अब 2022 में अब तक केवल 7 मामले ही दर्ज किए गए हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>असम में हत्या की घटनाएं</strong></p> <ul> <li style="text-align: justify;">2014- 244 मामले दर्ज किये गए</li> <li style="text-align: justify;">2015- 176 मामले दर्ज </li> <li style="text-align: justify;">2016- 107 मामले दर्ज </li> <li style="text-align: justify;">2017- 73 मामले दर्ज</li> <li style="text-align: justify;">2018- 53 मामले दर्ज </li> <li style="text-align: justify;">2019- 20 मामले दर्ज </li> <li style="text-align: justify;">2020- 18 मामले दर्ज </li> <li style="text-align: justify;">2021- 35 मामले दर्ज </li> <li style="text-align: justify;">2022- 7 मामले दर्ज </li> </ul> <p style="text-align: justify;">2014 से 2022 तक पूर्वोत्तर भारत में हत्या की कुल घटनाओं की संख्या 733 है. नागरिकों की हत्या की घटनाओं की बात करें तो 2014 में कम से कम 243 मामले दर्ज किए गए हैं लेकिन उस वर्ष से संख्या लगातार घट रही थी और अब 2022 में अब तक केवल 4 मामले ही दर्ज किए गए हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>नागरिकों की हत्या की घटनाएं</strong></p> <ul> <li style="text-align: justify;">2014- 243 मामले दर्ज किये गए</li> <li style="text-align: justify;">2015- 64 मामले दर्ज किये गए</li> <li style="text-align: justify;">2016- 63 मामले दर्ज किये गए</li> <li style="text-align: justify;">2017- 35 मामले दर्ज किये गए</li> <li style="text-align: justify;">2018- 20 मामले दर्ज किये गए</li> <li style="text-align: justify;">2019- 18 मामले दर्ज किये गए</li> <li style="text-align: justify;">2020- 5 मामले दर्ज किये गए</li> <li style="text-align: justify;">2021- 21 मामले दर्ज किये गए</li> <li style="text-align: justify;">2022- 4 मामले दर्ज किये गए</li> </ul> <p style="text-align: justify;">2014 से 2022 तक पूर्वोत्तर भारत में नागरिकों की हत्या की घटनाओं के मामले में संख्या 473 है. सुरक्षा बल शहीद मामले की बात करे तो 2014 में कम से कम 22 मामले दर्ज किए गए हैं लेकिन उस वर्ष से संख्या लगातार घट रही थी और अब 2022 में अब तक केवल 1 मामले ही दर्ज किए गए हैं. 2014 से 2022 तक पूर्वोत्तर भारत में 138 सुरक्षा बल शहीद हुए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कब कितने सुरक्षा बल शहीद हुए?</strong></p> <ul> <li style="text-align: justify;">2014- 22 </li> <li style="text-align: justify;">2015- 49 </li> <li style="text-align: justify;">2016- 20 </li> <li style="text-align: justify;">2017- 13 </li> <li style="text-align: justify;">2018- 15 </li> <li style="text-align: justify;">2019- 5 </li> <li style="text-align: justify;">2020- 5 </li> <li style="text-align: justify;">2021- 8 </li> <li style="text-align: justify;">2022- 1 </li> </ul> <p style="text-align: justify;">मारे गए आतंकवादी, विद्रोही या चरमपंथी की बात करें तो 2014 में कम से कम 204 मामले दर्ज किए गए हैं लेकिन उस वर्ष से संख्या लगातार घट रही थी और अब 2022 में अब तक केवल 5 मामले ही दर्ज किए गए हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कब कितने आतंकी या विद्रोही मारे गए?</strong></p> <ul> <li style="text-align: justify;">2014- 204 </li> <li style="text-align: justify;">2015- 163 </li> <li style="text-align: justify;">2016- 85 </li> <li style="text-align: justify;">2017- 58 </li> <li style="text-align: justify;">2018- 38 </li> <li style="text-align: justify;">2019- 11 </li> <li style="text-align: justify;">2020- 17 </li> <li style="text-align: justify;">2021- 43 </li> <li style="text-align: justify;">2022- 5 </li> </ul> <p style="text-align: justify;">2014 से 2022 तक पूर्वोत्तर भारत (North East India) में मारे गए आतंकवादी (Terrorists), विद्रोही या चरमपंथी (Extremists) के मामलों में ये संख्या 624 है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="नुपूर शर्मा विवाद: कपिल सिब्बल बोले- वे ‘हेट ऑफ पॉलिटिक्स’ को रिप्रजेंट करते हैं, दिग्विजय से लेकर मायावती तक, जानें किसने क्या कहा" href="https://ift.tt/yX3hSNG" target="">नुपूर शर्मा विवाद: कपिल सिब्बल बोले- वे ‘हेट ऑफ पॉलिटिक्स’ को रिप्रजेंट करते हैं, दिग्विजय से लेकर मायावती तक, जानें किसने क्या कहा</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Operation Bluestar Anniversary: स्वर्ण मंदिर के बाहर 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