Congress Chintan Shivir 2022: कांग्रेस बना सकती है 'एक परिवार एक टिकट' का नियम, क्या संगठन में सक्रिय 'परिजनों' को मिलेगी छूट?
<p style="text-align: justify;"><strong>Congress CWC Meet:</strong> उदयपुर में 13 से 15 मई के बीच होने जा रहे चिंतन शिविर से कांग्रेस (Congress) का कितना कायाकल्प हो पाएगा यह तो भविष्य ही बताएगा लेकिन पार्टी कुछ बड़े बदलाव होने तय हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस में 'एक परिवार एक टिकट' के फॉर्मूले को लागू कर सकती है. इसके अलावा 'एक व्यक्ति एक पद' का नियम भी बनाया जा सकता है. </p> <p style="text-align: justify;">कांग्रेस कमिटियों में दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और महिलाओं को 50 फीसदी हिस्सेदारी देने और कांग्रेस कमिटियों का कार्यकाल 3 सालों के लिए तय किया जा सकता है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) द्वारा चिंतन शिविर के मद्देनजर बनाई गई संगठन मामलों की कमिटी ने ये तमाम प्रस्ताव तैयार किए हैं. सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में इस पर चर्चा हुई. उदयपुर में व्यापक चर्चा के बाद इन बदलावों पर मुहर लगाई जाएगी. </p> <p style="text-align: justify;">कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और संगठन कमिटी के सदस्य के मुताबिक, 'एक परिवार एक टिकट' के नियम में उन नेताओं के लिए विशेष प्रावधान किया जाएगा जो संगठन के लिए कम से कम पांच सालों से काम कर रहे हैं. यानी 'एक परिवार एक टिकट' नियम के बावजूद कांग्रेस आलाकमान यानी गांधी परिवार से एक से ज्यादा लोग चुनाव लड़ पाएंगे. </p> <p style="text-align: justify;">सूत्र के मुताबिक यह नियम नेताओं के उन बेटे-बेटियों के लिए लाया जा रहा है जिनकी चुनाव के समय पैराशूट एंट्री होती है लेकिन अगर किसी नेता के परिवार से और भी संगठन में सक्रिय है तो उसे नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता. कुल मिलाकर इसे बीजेपी द्वारा कांग्रेस पर लगाए जाने वाले परिवारवाद के आरोपों से पीछा छुड़ाने की कोशिश नजर आ रही है.</p> <p style="text-align: justify;">प्रशांत किशोर के साथ कांग्रेस की बात नहीं बन पाई लेकिन कांग्रेस को दिए गए उनके सुझावों का असर नजर आ रहा है. चुनावों पर विशेष ध्यान देते हुए एक महासचिव के अंदर चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपने का भी प्रस्ताव है. </p> <p style="text-align: justify;">सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हर लोकसभा क्षेत्र में एक-एक पर्यवेक्षकों की नियुक्ति का प्रस्ताव है जो सीधा महासचिव चुनाव प्रबंधन को रिपोर्ट करेंगे. इसी तरह राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए भी पर्यवेक्षक बनाए जा सकते हैं. अहम पद पर रहने के बाद तीन साल का कूलिंग ऑफ पीरियड रखने का प्रस्ताव है. इसके साथ ही कांग्रेस पार्लियामेंट्री बोर्ड को नए सिरे से सक्रिय करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. </p> <p style="text-align: justify;">कांग्रेस नेताओं को चिंतन शिविर से काफी उम्मीदें हैं. इसमें करीब 400 प्रतिनिधि भाग लेंगे जिसमें पार्टी आलाकमान से लेकर सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष, विधायक दल के नेता, छात्र, युवा और महिला कांग्रेस के पदाधिकारी शामिल होंगे. </p> <p style="text-align: justify;">वर्किंग कमिटी की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने नेताओं से अनुशासन और एकजुटता की अपील करते हुए कहा कि चिंतन शिविर महज रस्म अदायगी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह पार्टी का कर्ज चुकाने के समय है. देखना होगा कि चिंतन शिविर के मंथन से कांग्रेस अपने लिए कौन सा रास्ता निकालती है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Gujarat Assembly Election: कांग्रेस की आदिवासी सत्याग्रह रैली, जानिए गुजरात विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोट का महत्व" href="https://ift.tt/1pdLDGi" target="">Gujarat Assembly Election: कांग्रेस की आदिवासी सत्याग्रह रैली, जानिए गुजरात विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोट का महत्व</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/OIPesY6
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