UP Assembly Election 2022: रामपुर की चुनावी बिसात पर शाही जंग, 'राजा' और 'नवाब' की लड़ाई में किसके हाथ लगेगी बाजी?
<p style="text-align: justify;"><strong>UP Election:</strong> उत्तर प्रदेश में पहले चरण की 58 सीटों के लिए वोट 10 फरवरी को डाले जाएंगे. सूबे की सियासत में अब चुनावी जंग तेज हो गई है. तमाम राजनीतिक पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. वार-पलटवार का दौर बदस्तूर जारी है. कई सीटें ऐसी हैं, जहां दिलचस्प जंग देखने को मिल रही हैं. </p> <p style="text-align: justify;">लेकिन यूपी चुनाव में एक सीट ऐसी है, जहां जंग 'शाही' है. हम बात कर रहे हैं रामपुर की, जिस पर दो राजघराने आमने-सामने हैं. इस सीट से मोहम्मद आजम खान और रामपुर के नवाब काजिम अली उर्फ नावेद मियां के बीच चुनावी लड़ाई है.</p> <p style="text-align: justify;">समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार में मोहम्मद आजम खान का क्या रुतबा था, ये किसी से छिपा नहीं है. एक बार अपनी भैंस चोरी होने पर उन्होंने पुलिस सुप्रीटेंडेंट (SP), सब इंस्पेक्टर और दो कॉन्स्टेबल को ढूंढने के लिए भेज दिया था. जेल में होते हुए भी आजम खान का राजनीतिक रसूख बरकरार है. शायद यही वजह है कि अखिलेश यादव ने उन्हें रामपुर सीट से टिकट दिया है. </p> <p style="text-align: justify;">आजम खान पिछले दो साल से जेल में सजा काट रहे हैं. उन्होंने साल 2020 में पत्नी तंजीन फातमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान के साथ रामपुर की एक अदालत में सरेंडर किया था. आजम खान की पत्नी विधायक हैं और उनके बेटे अब्दुल्ला सुआर विधानसभा सीट से मैदान में हैं. आजम खान रामपुर से लोकसभा सांसद हैं. 9 बार वह रामपुर सीट से जीत हासिल कर चुके हैं. जब 2019 में उन्होंने रामपुर लोकसभा सीट जीती तो पत्नी ने 2019 में विधानसभा उपचुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. </p> <p style="text-align: justify;">दूसरी ओर काजिम अली खान को कांग्रेस ने टिकट देकर मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी की ओर से आकाश सक्सेना भी रण में शिविर लगा चुके हैं, जिनकी पहचान भ्रष्टाचार विरोधी की है. लेकिन इस सीट पर लड़ाई काजिम अली और आजम खान के बीच ही है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>कौन हैं काजिम अली खान</strong></p> <p style="text-align: justify;">काजिम अली खान रामपुर नवाब के वंशज हैं. जब भारत ब्रिटिश राज के अधीन था, तब रामपुर के नवाब के स्वागत में 15 तोपों की सलामी दी जाती थी. स्वतंत्रता के वक्त रजा अली खान बहादुर रामपुर के नवाब थे. काजिम उनके पोते हैं. कांग्रेस के टिकट पर काजिम के माता-पिता ने 7 बार रामपुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी. 90 के दौर में दो बार उनकी मां बेगम नूर बानो विजयी हुईं. इससे पहले उनके पिता सैयद जुल्फिकार अली खान ने 1960 से 1980 तक पांच बार रामपुर लोकसभा सीट पर जीत की पताका लहराई. </p> <p style="text-align: justify;">लेकिन इस बार लड़ाई सीधी है. काजिम अली चार बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने 1996 में रामपुर जिले की बिलासपुर सीट से पहली बार चुनावी जीत हासिल की थी. उनकी मां ने लोकसभा सीट पर विजय पाई थी. इसके बाद उन्होंने 2002, 2007 और 2012 में सुआर विधानसभा क्षेत्र से जीत का परचम लहराया, जहां से आजम खान के बेटे अब्दुल्ला चुनाव लड़ रहे हैं. </p> <p style="text-align: justify;">सुआर रामपुर जिले की अन्य विधानसभा सीट है. यहां भी मुकाबला बेहद दिलचस्प है. इस सीट पर काजिम के बेटे हैदर अली खान चुनाव लड़ रहे हैं और उनके सामने हैं अब्दुल्ला आजम खान. 2017 के चुनाव में अब्दुल्ला ने काजिम को मात दी थी. यानी रामपुर की दो सीटों पर दो पिताओं और दो बेटों की जंग है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/bUmoTaN Elections: 'समाजवादियों को जनता की चिंता नहीं, अपनी तिजोरी भरने की प्यास थी', बिजनौर की वर्चुअल रैली में बोले पीएम मोदी</a></strong></p> <p class="p1"><strong><span class="s3"><a title="Punjab Election 2022: क्या चुनाव के बाद साथ आएंगे शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी? हरदीप पुरी ने दिया जवाब" href="https://ift.tt/P8suXNg" target="">Punjab Election 2022: क्या चुनाव के बाद साथ आएंगे शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी? हरदीप पुरी ने दिया जवाब</a></span></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/Kigs9BI
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