
<p style="text-align: justify;"><strong>Budget 2023-24 Preparation:</strong> वित्त मंत्रालय वित्त वर्ष 2023-24 (Financial Year 2023-24) के सालाना बजट (Budget 2023-24) की तैयारी कल यानी 10 अक्टूबर से शुरू कर देगा. ऐसा माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) इस प्रक्रिया को तब शुरू करने जा रहा है जब सरकार के सामने घरेलू अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की बड़ी चुनौती है और दुनियाभर में वैश्विक मंदी की आशंका भी है.</p> <p style="text-align: justify;">बजट की शुरुआत में सबसे पहले वित्त मंत्रालय अलग-अलग विभागों के साथ बैठक करके अलगे वित्त वर्ष 2023-24 की जरूरतों पर विचार-विमर्श करेगा. कल से पर्यावरण, श्रम और रोजगार मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय और युवा मामले और खेल मंत्रालय के साथ वित्त मंत्रालय की बैठक होगी. यह सारी बैठक वित्त सचिव और व्यय सचिव की अध्यक्षता में होगी.</p> <p style="text-align: justify;">इसके बाद वित्त मंत्रालय की बैठक 10 नवंबर तक चलेगी. इसमें कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, रेल मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय के साथ भी वित्त मंत्रालय की बैठक होंगी. इस सभी बैठकों के बाद वित्त मंत्रालय सभी मंत्रालय की जरूरतों के हिसाब से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने बजट को अस्थायी तौर पर अंतिम रूप देगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट</strong></p> <p style="text-align: justify;">गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश किया जाने वाला यह मोदी सरकार 2.0 का आखिरी अंतिम बजट होगा. इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) का यह पांचवा बजट होगा. अप्रैल-मई 2024 में देश में आम चुनाव होंगे. सरकार चुनावी साल में एक सीमित समय के लिए एक बजट पेश करती है और उसके बाद जुलाई में दोबारा पूर्ण बजट पेश किया जाता है. इसके साथ ही बता दें कि वित्त वर्ष 2023-24 का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2023 को संसद में पेश करेंगी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>बजट से हैं कई उम्मीदें</strong></p> <p style="text-align: justify;">आपको बता दें कि यह वित्त मंत्रालय की यह बैठक तक होने जा रही है जब रिजर्व बैंक और विश्व बैंक ने भारत के GDP के अनुमान को घटाकर 7% और 6.5% तक दिया है. ऐसे में वित्त मंत्री के सामने यह बड़ी चुनौती होगी कि वह देश की आर्थिक विकास को गति देने के लिए बजट बनाएं. इसके साथ ही लोगों को बढ़ती महंगाई से मुक्ति, डिमांड को गति देने, रोजगार के मौके पैदा करने जैसे जरूरी मुद्दों पर ध्यान दें. इसके साथ ही सरकार नौकरीपेशा व्यक्ति को टैक्स में छूट देने आदि मुद्दों पर विचार कर सकती है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p> <p style="text-align: justify;"><a href="
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