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दिवाली में पटाखों को लेकर किस राज्य में है क्या नियम, क्या पटाखों से वाकई बढ़ता है प्रदूषण

दिवाली में पटाखों को लेकर किस राज्य में है क्या नियम, क्या पटाखों से वाकई बढ़ता है प्रदूषण
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<p style="text-align: justify;">दीपावली का मतलब है मिठाई और पटाखों का पर्व. हालांकि,थोड़ी सी लापरवाही पटाखों की रंग बिरंगी रोशनी व धमाके का मजा किरकिरा कर सकती है. हर साल इसी लापरवाही की वजह से लाखों लोग जख्मी होते हैं. इसके अलावा पटाखों के कारण वातावरण में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है. ऐसे में त्योहर और सर्दियों के मौसम में वायु की गुणवत्ता खराब न हो इसलिए पटाखों को लेकर अलग-अलग राज्यों में कई तरह की पाबंदियां लगा दी गईं हैं.</p> <p style="text-align: justify;">पटाखें जलाने पर लगे बैन को हटाने को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जश्न और त्योहार मनाने के कईं तरीके हैं. आप अपना पैसा पटाखों की जगह मिठाई पर खर्च करें.</p> <p style="text-align: justify;">भारत में दिवाली एक महत्वपूर्ण त्योहार है. सालों से इस मौके पर लोग पटाखे जलाते आ रहे हैं. लेकिन बढ़ते प्रदूषण और खराब हो रहे वायु की गुणवत्ता को देखते हुए कुछ राज्यों ने इस साल दिवाली के मौके पर पटाखे फोड़ने पर पाबंदी लगा दी है.हालांकि कुछ राज्यों में कोई पाबंदी नहीं है. जबकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां पटाखें फोड़ तो सकते हैं, लेकिन सिर्फ ग्रीन पटाखें.आइये जानते हैं दिवाली में पटाखों को लेकर किस राज्य में क्या नियम लागू किये गए हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>दिल्ली&nbsp;</strong></p> <p style="text-align: justify;">राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार सतर्क है. दिल्ली सरकार ने राजधानी में पटाखें जलाने और खरीदने को लेकर नए नियम की जानकारी दी है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में पटाखें खरीदने और जलाने पर 200 रुपये जुर्माना और 6 महीने की कैद हो सकती है.</p> <p style="text-align: justify;">इसके साथ ही यहां पटाखों का निर्माण, भंडारण और बिक्री करने वालों को तीन साल कैद और 5,000 रुपये तक जुर्माने देना पड़ सकता है. दिवाली पर दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए कुल 408 दलों का गठन किया गया है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पंजाब&nbsp;</strong></p> <p style="text-align: justify;">पंजाब सरकार ने अपने राज्य में प्रदुषण के स्तर को बढ़ने से बचाने के लिए दिवाली और गुरुपर्व पर पटाखों के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. पंजाब सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया कि दिवाली और गुरुपर्व पर सिर्फ ग्रीन पटाखों को ही लाने की अनुमति होगी.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">पंजाब में दिवाली और गुरुपर्व के मौके पर रात 8 बजे से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकेंगे. सरकार की ओर से कहा गया कि मंडी गोबिंदगढ़ और जालंधर में पटाखे जलाने पर बैन है. इससे पहले चंड़ीगढ़ और हरियाणा में भी पटाखे जलाने पर पाबंदी लगाई गई है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>हरियाणा&nbsp;</strong></p> <p style="text-align: justify;">हरियाणा में इस बार की दिवाली बिना पटाखे की मनाई जाएगी. दरअसल हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य में पटाखे बनाने, बेचने और फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह बैन अगले आदेश तक जारी रहेगा. हालांकि राज्य में ग्रीन पटाखें जलाये जा सकते हैं.</p> <p style="text-align: justify;">बोर्ड ने राज्य में पटाखे के प्रतिबंध को लेकर सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखा है और आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. बोर्ड ने कहा कि अक्टूबर महीने से जनवरी के बीच राज्य में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. जिसके कारण बच्चों, बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ होती है. यही कारण है कि इस त्योहार पटाखों पर बैन लगाया गया है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पश्चिम&nbsp;बंगाल</strong></p> <p style="text-align: justify;">पश्चिम बंगाल में भी ग्रीन पटा<wbr />खों&nbsp;को&nbsp;छोड़कर&nbsp;अन्य&nbsp;पटाखों&nbsp;को&nbsp;ज<wbr />लाने&nbsp;या&nbsp;उसकी&nbsp;बिक्री&nbsp;और&nbsp;भंडारण&nbsp;<wbr />पर&nbsp;प्रतिबंध&nbsp;लगा&nbsp;दिया&nbsp;गया&nbsp;है.&nbsp;य<wbr />हां जारी किए गए नियम के अनुसार इस राज्य<wbr />&nbsp;में&nbsp;काली&nbsp;पूजा&nbsp;और&nbsp;दिवाली&nbsp;के&nbsp;दि<wbr />न&nbsp;रात&nbsp;8&nbsp;बजे&nbsp;से&nbsp;10&nbsp;बजे&nbsp;तक&nbsp;पटाखे<wbr />&nbsp;जलाने&nbsp;की&nbsp;अनुमति&nbsp;होगी.&nbsp;छठपूजा&nbsp;<wbr />के&nbsp;दिन&nbsp;सुबह&nbsp;6&nbsp;बजे&nbsp;से&nbsp;8&nbsp;बजे&nbsp;तक&nbsp;<wbr />पटाखे जला सकेंगे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>तमिलनाडु</strong></p> <p style="text-align: justify;">तमिलनाडु&nbsp;में&nbsp;खराब&nbsp;हो&nbsp;रहे&nbsp;हवा&nbsp;की&nbsp;गुणवत्ता&nbsp;को&nbsp;देखते&nbsp;हुए&nbsp;दिवाली&nbsp;<wbr />के&nbsp;दिन&nbsp;केवल&nbsp;2&nbsp;घंटे&nbsp;तक&nbsp;पटाखे&nbsp;फो<wbr />ड़ने की अनुमति दी गई है. इस राज्य&nbsp;में&nbsp;पिछले&nbsp;चार&nbsp;साल&nbsp;से&nbsp;पटाखे<wbr />&nbsp;फोड़ने&nbsp;के&nbsp;लिए&nbsp;दो&nbsp;घंटे&nbsp;का&nbsp;समय&nbsp;<wbr />तय&nbsp;है.&nbsp;नियम&nbsp;के&nbsp;अनुसार&nbsp;यहां&nbsp;सु<wbr />बह&nbsp;6&nbsp;से&nbsp;7&nbsp;बजे&nbsp;और&nbsp;रात&nbsp;में&nbsp;7&nbsp;से&nbsp;<wbr />8&nbsp;बजे&nbsp;तक&nbsp;पटाखों&nbsp;का&nbsp;इस्तेमाल&nbsp;कि<wbr />या&nbsp;जा&nbsp;सकता&nbsp;है.&nbsp;पुडुचेरी&nbsp;में&nbsp;पटा<wbr />खे&nbsp;फोड़ने&nbsp;के&nbsp;लिए&nbsp;यही&nbsp;समय&nbsp;तय&nbsp;कि<wbr />या&nbsp;गया&nbsp;है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पटाखा&nbsp;इंडस्ट्री&nbsp;को&nbsp;लगा&nbsp;धक्का</strong></p> <p style="text-align: justify;">इस&nbsp;साल&nbsp;दिवाली&nbsp;के&nbsp;मौके&nbsp;पर&nbsp;पटाखों&nbsp;पर&nbsp;लगे&nbsp;पाबंदियों&nbsp;के&nbsp;कारण&nbsp;पटा<wbr />खा&nbsp;कारोबार&nbsp;पर&nbsp;काफी&nbsp;असर&nbsp;भी&nbsp;पड़ा<wbr /> है. पटाखों का हब माना जाने वाला&nbsp;तमिलनाडु&nbsp;के&nbsp;शिवाकाशी&nbsp;में&nbsp;हर<wbr />&nbsp;साल&nbsp;6&nbsp;हजार&nbsp;करोड़&nbsp;रुपये&nbsp;का&nbsp;का<wbr />रोबार&nbsp;होता&nbsp;था.&nbsp;पर&nbsp;पहले&nbsp;कोरोना&nbsp;<wbr />और फिर पाबंदियों की वजह से इं<wbr />डस्ट्री&nbsp;को&nbsp;धक्का&nbsp;लगा&nbsp;है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या&nbsp;पटाखों&nbsp;से&nbsp;वाकई&nbsp;प्रदूषण&nbsp;बढ़<wbr />ता&nbsp;है?</strong></p> <p style="text-align: justify;">पिछले&nbsp;कुछ&nbsp;सालों&nbsp;में&nbsp;हमने&nbsp;हर&nbsp;सा<wbr />ल&nbsp;<a title="दिवाली" href="https://ift.tt/RKA52ox" data-type="interlinkingkeywords">दिवाली</a>&nbsp;आने&nbsp;के&nbsp;साथ&nbsp;ही&nbsp;प्रतिबं<wbr />ध&nbsp;लगाने&nbsp;की&nbsp;बात&nbsp;सुनी&nbsp;होगी.&nbsp;कुछ&nbsp;<wbr />राज्यों&nbsp;में&nbsp;तो&nbsp;यह&nbsp;पर्व&nbsp;खत्म&nbsp;हो<wbr />ने के एक महीने बाद तक ये नियम ला<wbr />गू रहते हैं. खासकर&nbsp;राजधानी&nbsp;दिल्ली-एनसीआर&nbsp;और<wbr /> आसपास के इलाकों में ऐसा करने<wbr />&nbsp;का&nbsp;कारण&nbsp;है&nbsp;खराब&nbsp;होती&nbsp;हवा&nbsp;को&nbsp;औ<wbr />र खराब होने से बचाना.यूनिवर्सिटी&nbsp;ऑफ&nbsp;मिनेसोटा&nbsp;और&nbsp;ने<wbr />शनल&nbsp;इंस्टीट्यूट&nbsp;ऑफ&nbsp;फाइनेंस&nbsp;एंड<wbr /> पॉलिसी ने साल 2018&nbsp;&nbsp;में <wbr />दिल्ली में खराब हवा पर पटाखों के असर पर एक स्टडी की थी. इसके स्टडी <wbr />के&nbsp;लिए&nbsp;साल&nbsp;2013&nbsp;से&nbsp;2016&nbsp;तक&nbsp;का&nbsp;<wbr />डेटा लिया गया था. जिसमें दा<wbr />वा किया गया था कि हर साल दिवाली के अगले&nbsp; दिन दिल्ली में PM2.5&nbsp;<wbr />की&nbsp;मात्रा&nbsp;40&nbsp;प्रतिशत&nbsp;तक&nbsp;बढ़&nbsp;जा<wbr />ती&nbsp;है.&nbsp;वहीं,&nbsp;दिवाली&nbsp;की&nbsp;शाम&nbsp;6&nbsp;ब<wbr />जे से रात 11 बजे के बीच PM2.5 में 100% की बढ़ोतरी हुई थी.</p> <p style="text-align: justify;">केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड&nbsp;(CPCB)&nbsp;की&nbsp;2021&nbsp;की&nbsp;एक&nbsp;रिपोर्ट<wbr />&nbsp;के&nbsp;अनुसार&nbsp;2020&nbsp;की&nbsp;दिवाली&nbsp;के&nbsp;प<wbr />हले और बाद के वायु प्रदूषण और ध्वनि&nbsp;प्रदूषण&nbsp;में&nbsp;काफी&nbsp;फर्क&nbsp;था.&nbsp;इ<wbr />स&nbsp;रिपोर्ट&nbsp;में&nbsp;दिल्ली,&nbsp;भोपाल,&nbsp;आ<wbr />गरा,&nbsp;बेंगलुरु&nbsp;समेत&nbsp;8&nbsp;शहरों&nbsp;का&nbsp;<wbr />डेटा था. जिसके अनुसार दिवाली के बाद अगले दिन 8 शहरों में PM10 की मात्रा में 22 प्रतिशत से 114 प्रतिशत की बढ़त <wbr />हो&nbsp;गई&nbsp;थी.&nbsp;इसके&nbsp;मुताबिक,&nbsp;दिवाली<wbr /> के बाद दिल्ली में PM10 की मत्रा 67.1% बढ़ गई थी. जबकि, लखनऊ&nbsp;में&nbsp;ये&nbsp;114%&nbsp;बढ़&nbsp;गई&nbsp;थी.&nbsp;वहीं<wbr />, दिल्ली में PM2.5 की मात्रा&nbsp;<wbr />82.9%&nbsp;और&nbsp;लखनऊ&nbsp;में&nbsp;67.6%&nbsp;तक&nbsp;बढ़<wbr />&nbsp;गई&nbsp;थी.</p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/Jixvf25

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