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डेटा सेंटर: दक्षिण एशिया में इस गेम का अहम खिलाड़ी बन कर उभर रहा भारत का ये राज्य

डेटा सेंटर: दक्षिण एशिया में इस गेम का अहम खिलाड़ी बन कर उभर रहा भारत का ये राज्य
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<p style="text-align: justify;">देश में बढ़ती जा रही ऑनलाइन सेवाओं के मद्देनजर डाटा सेंटर्स की बढ़ती मांग को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. इस सेक्टर में उत्तर प्रदेश बड़ा केंद्र बनने जा रहा है.</p> <p style="text-align: justify;">नया डाटा सेंटर बनाने के लिए 16 हजार करोड़ रुपये का निवेश यूपी की झोली में आया है. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Centre-NIC) भी देश में बढ़ती जा रही ऑनलाइन सेवाओं और ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट्स को देखते हुए डेटा सेंटर की जरूरतों पर बल देता है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://ift.tt/c5O6Lau" /></p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या है डेटा सेंटर ?</strong></p> <p style="text-align: justify;">डाटा एक तरह से ऐसा आंकड़ा को कहा जाता है जो कंप्यूटर या मोबाइल के सीपीयू मेमोरी में सुरक्षित रहता है. किसी प्रोग्राम को शुरू करने, आगे बढ़ाने और उसे रोकने में भी इसकी अहम भूमिका होती है. इसी डेटा को रखने वाले सेंटर्स को डेटा सेंटर कहा जाता है. डेटा सेंटर &nbsp;नेटवर्क कंप्यूटर, स्टोरेज सिस्टम और कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से बनी एक सुविधा है.</p> <p style="text-align: justify;">इसका इस्तेमाल संगठन (Organizations) बड़ी मात्रा में डेटा को इकट्ठा करने, उसे विकसित करने, स्टोर करने और प्रसारित करने के लिए करते हैं. एक बिजनेस आमतौर पर डेटा सेंटर की एप्लीकेशन्स, सेवाओं और डेटा पर बहुत अधिक निर्भर करता है. सरल शब्दों में कहें तो एक ऐसी जगह या सुविधा जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के जरिए सूचनाओं और एप्लीकेशन्स को स्टोर, प्रोसेस और प्रसारित किया जाता है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://ift.tt/4ynktcJ" /></p> <p style="text-align: justify;">इस वजह से डेटा सेंटर्स को रोजमर्रा के कामों के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति की तरह लिया जाता है. एंटरप्राइज डेटा सेंटर क्लाउड कंप्यूटिंग संसाधनों और इन-हाउस, ऑन-साइट संसाधनों को सुरक्षित और संरक्षित करने वाली सुविधाओं का तेजी से इस्तेमाल करते हैं. दरअसल एंटरप्राइज़ डेटा सेंटर एक ऐसी सुविधा है जिसे एक संगठन अपनी डेटा प्रोसेसिंग और स्टोरेज की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करता है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">एंटरप्राइज डेटा सेंटर के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग बेहद अहम हैं. ये एक ऐसी तकनीक है जिसमें इंटरनेट का इस्तेमाल कर कई तरह की सेवाएं लोगों को दी जाती है. आसान भाषा में कहें तो इस तकनीक में इंटरनेट के एक सर्वर (क्लाउड)&nbsp; पर यूजर को डेटा स्टोर करने की सुविधा मिलती है. इस क्लाउड स्पेस को खरीद कर यूजर अपना कितना भी डाटा इस पर सेव कर सकता है और दुनिया में कहीं से भी इस तक पहुंच सकता है. इस तरह के डेटा सेंटर्स यूपी सरकार बनाने जा रही है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong><br /><img src="https://ift.tt/7zVLhp8" /></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>यूपी दक्षिण एशियाई क्षेत्र डेटा सेंटर प्लेयर&nbsp;</strong></p> <p style="text-align: justify;">उत्तर प्रदेश &nbsp;दक्षिण एशियाई क्षेत्र में एक अहम डेटा सेंटर प्लेयर की भूमिका निभाना चाहता है. इस तरफ उसने कदम बढ़ा दिए हैं. इसके लिए उसने 16,000 करोड़ रुपये के डेटा सेंटर प्रोजेक्ट्स का सौदा करने में कामयाबी हासिल की है. सरकार निजी क्षेत्र के निवेशकों के लिए सौदे को और अधिक आसान बनाने के लिए अपनी मौजूदा डेटा सेंटर पॉलिसी में सुधार करने की कवायद कर रही है.</p> <p style="text-align: justify;">यूपी &nbsp;सरकार इस प्रस्तावित पॉलिसी के तहत &nbsp;राज्य भर के अंदरूनी इलाकों में कम क्षमता वाले डेटा सेंटर खोलने की योजना बना रही है. इस पॉलिसी का मकसद आने वाले 5 वर्षों में 30,000 करोड़ रुपये के लिए निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करना है. सूबे के डेटा सेंटर प्रोजेक्ट्स में अन्य के साथ हीरानंदानी समूह, अदानी समूह, एनटीटी जापान और वेब वर्क्स शामिल हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://ift.tt/n8sc42V" /></p> <p style="text-align: justify;"><strong>पहला डेटा सेंटर पार्क</strong></p> <p style="text-align: justify;">यूपी के मुख्यमंत्री <a title="योगी आदित्यनाथ" href="https://ift.tt/dEZtMG6" data-type="interlinkingkeywords">योगी आदित्यनाथ</a> 31 अक्टूबर 2022 को ग्रेटर नोएडा में सूबे के पहले डेटा सेंटर पार्क का उद्घाटन करने जा रहे हैं. ये 5 हजार करोड़ का मेगा डेटा सेंटर पार्क है जिसे हीरानंदानी ग्रुप की डेटा सेंटर ब्रांच योट्टा इंफ्रास्ट्रक्चर ने बनाया है. इसका पहले ब्लॉक 'योट्टा डी -1 को 31 अक्टूबर को लाइव किया जाएगा.</p> <p style="text-align: justify;">एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक इसके पहले ब्लॉक में 48 घंटे के आईटी पावर बैकअप के साथ 5,000 सर्वर रैक की क्षमता होगी. इस प्रोजेक्ट में &nbsp;250 मेगावाट बिजली उत्पादन के साथ 30,000 सर्वर रैक रखने की संयुक्त क्षमता वाले 6 डेटा सेंटर ब्लॉक शामिल हैं.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>देश में डेटा सेंटर की कमी</strong></p> <p style="text-align: justify;">भारत में मजबूत डेटा सेंटर्स की कमी की वजह से कई भारतीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के घरेलू डेटा को मुख्य रूप से अपतटीय (Offshore) जगहों के सर्वरों में संरक्षित किया जाता है. इससे महत्वपूर्ण डेटा के लिए &nbsp;संभावित साइबर हमलों और जालसाजी का खतरा पैदा होता है.</p> <p style="text-align: justify;">इंटरनेट और ऑनलाइन सेवाओं के तेजी से प्रसार के साथ डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार एक आक्रामक डेटा स्थानीयकरण नीति अपना रही है. मौजूदा वक्त में &nbsp;घरेलू डेटा का केवल 20 फीसदी से भी कम &nbsp; तटवर्ती &nbsp;(Onshore) डेटा केंद्रों में संरक्षित है. मतलब ये 20 फीसदी डेटा ही देश के अंदर संरक्षित है बाकि का डेटा बाहर के डेटा सेंटर में संरक्षित है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://ift.tt/MlPpdFT" /></p> <p style="text-align: justify;"><strong>डेटा सेंटर हैं जरूरत</strong></p> <p style="text-align: justify;">ऑनलाइन सेवाओं के लिए नागरिकों की बढ़ती अपेक्षाओं और सरकार के शुरू किए जा रहे ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट्स की वजह से देश में डेटा सेंटर की जरूरतें तेजी से बढ़ रही हैं. इस क्षेत्र में रणनीतिक बुनियादी ढांचा बनाने की जरूरत लगातार महसूस की जा रही है.</p> <p style="text-align: justify;">इस लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए एनआईसी ने अपने मुख्यालय दिल्ली, पुणे, हैदराबाद और भुवनेश्वर में अत्याधुनिक राष्ट्रीय डेटा सेंटर और कई राज्यों की राजधानियों में 37 छोटे डेटा सेंटर बनाए हैं. ये डेटा सेंटर 24 घंटे कुशल कर्मचारियों की देखरेख में काम करते हैं.</p> <p style="text-align: justify;">राष्ट्रीय डेटा सेंटर भारत सरकार की शुरू की गई विभिन्न ई-गवर्नेंस पहलों के लिए सेवाएं देते हैं. ये भारत में ई-गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर का आधार है. एनआईसी ने ऐसा पहला डेटा सेंटर 2008 में हैदराबाद में, उसके बाद 2010 में एनडीसी पुणे, 2011 में एनडीसी दिल्ली और 2018 में एनडीसी भुवनेश्वर में बनाया था.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="हाइपरसोनिक मिसाइल: भारत-रूस के प्लान से अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए बड़ी चुनौती, चीन भी होगा हैरान" href="https://ift.tt/nZaDbXi" target="_self">हाइपरसोनिक मिसाइल: भारत-रूस के प्लान से अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए बड़ी चुनौती, चीन भी होगा हैरान</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/PqzcXhx

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