Hijab Ban Case: हिजाब पर बैन की वजह से 17 हजार छात्रों ने स्कूल की पढ़ाई से किया किनारा, वकील की SC में दलील
<p style="text-align: justify;"><strong>Hijab Ban Case: </strong>सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हिजाब बैन वाले मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकर्तायों से सवाल किया कि क्या हिजाब बैन और इस मुद्दे पर हाई कोर्ट के फैसले के कारण कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों से छात्रों के पढ़ाई छोड़ने का कोई प्रमाणिक तथ्य है.</p> <p style="text-align: justify;">याचिकाकर्ता के वकील हुजैफा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के बाद लगातार छात्राओं द्वारा स्कूल छोड़ने की बात सामने आ रही है. इस बात पर जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा, “क्या आपके पास कोई ऐसे प्रमाणिक आंकड़े हैं, जिससे यह पता चले कि हिजाब बैन के फैसले के बाद 20, 30, 40 या 50 विद्यार्थियों ने पढ़ाई छोड़ दी?” वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उस रिपोर्ट में कई छात्रों ने अपने बयान दिए हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>17,000 विद्यार्थी छोड़ चुके हैं पढ़ाई </strong><br />उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट पीठ से कहा कि, “मेरे दोस्त (वकीलों में से एक) ने मुझे सूचित किया कि इस विशेष फैसले के बाद 17,000 विद्यार्थी वास्तव में परीक्षा से दूर रहें है.’’</p> <p style="text-align: justify;"><strong>मदरसों में वापस जाने पर मजबूर </strong><br />अहमदी ने कहा कि इस मामले में सरकारी आदेश का असर यह होगा कि जो लड़कियां पहले स्कूलों में जाकर धर्मनिरपेक्ष शिक्षा ले रही थीं, उन्हें मदरसों में वापस जाने के लिए मजबूर किया जाएगा. उन्होंने कहा, “किसी को ऐसा क्यों महसूस होना चाहिए कि एक धार्मिक संस्कार किसी भी तरह से वैध या धर्मनिरपेक्ष शिक्षा या एकता में बाधा डालेगा? किसी के हिजाब पहनकर स्कूल जाने पर दूसरे को क्यों आपत्ति होनी चाहिए? अन्य छात्रों को इससे क्यों समस्या होनी चाहिए?'</p> <p style="text-align: justify;"><strong>वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने क्या कहा</strong><br />एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने यह भी तर्क दिया कि इस मामले का एक सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि हिजाब पहनने वाले के साथ धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, “इस मामले के महत्वपूर्ण होने का कारण यह है कि जब यह फैसला किया गया था तो सुर्खियां यह नहीं थीं कि ड्रेस कोड को बरकरार रखा गया था, शीर्षक थे हिजाब को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हटा दिया.”</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या था कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला ?</strong><br />पीठ ने कहा कि अखबारों में जो लिखा है, वह उसके आधार फैसले नहीं देखे जाते हैं. कर्नाटक उच्च न्यायालय के 15 मार्च के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुई है. हाई कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि हिजाब पहनना आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है, जिसे संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित किया जा सकता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़े: <a title="Sapna Choudhary News: झांसी में सपना चौधरी का कार्यक्रम प्रशासन ने किया निरस्त, सामने आई ये वजह" href="https://ift.tt/c3jfrFQ" target="_blank" rel="noopener">Sapna Choudhary News: झांसी में सपना चौधरी का कार्यक्रम प्रशासन ने किया निरस्त, सामने आई ये वजह</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/wp1BHRG
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