क्या हैं मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मोहन भागवत की मुलाकात के मायने ? दो घंटे की चर्चा के बाद आखिर कितना बढ़ेगा भाईचारा
<p style="text-align: justify;"><strong>Mohan Bhagwat:</strong> मुस्लिम बुद्धिजीवियों और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बीच हुई मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. देश में एक तरफ जहां हिंदू-मुस्मिल विवाद बढ़ रहे हैं तो वहीं, सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने के लिए इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है. यह मुलाकात करीब दो घंटे की रही, जिसमें कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. चलिए आपको बताते हैं आखिर क्या हैं इस मुलाकात के मायन. </p> <p style="text-align: justify;">पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी और दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग समेत मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक समूह ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की. यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब देश में लगातार हिंदू-मुस्लिम एकता पर सवाल खड़े करने वाले मामले सामने आ रहे हैं. यही कारण है कि बैठक में सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत बनाने और अंतर-सामुदायिक संबंधों में सुधार पर व्यापक चर्चा हुई.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या हैं मुलाकात के मायने </strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>देश की प्रगति -</strong> इस मुलाकात में भागवत और बुद्धिजीवियों दोनों में ही सहमति बनी की सांप्रदायिक सद्भाव और सुलह के बिना देश भी प्रगति नहीं कर सकता है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>मतभेदों को दूर करना जरूरी-</strong> यह मुलाकात सामुदायिक संबंधों के बीच आ रहे मतभेदों को दूर करने के लिए अहम मानी गई. इस दौरान सभी विवादों को दूर करने पर जोर दिया गया. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>हिंदू-मुस्लिम एकता को मिलेगी मजबूती-</strong> इस मुलाकात से लोगों तक हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश जाएगा. इसके लिए बैठक में योजना भी बनाई गई. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>गांधीवादी दृष्टिकोण का पालन-</strong> इस मुलाकात में देश के समग्र कल्याण के लिए गांधीवादी दृष्टिकोण का पालन करने पर भी चर्चा हुई.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कितना बढ़ेगा भाईचारा </strong></p> <p style="text-align: justify;">इसे केवल दो घंटे की मुलाकात के तौर पर नहीं बल्कि देश के तमाम लोगों के लिए एकता के संदेश के रूप में देखा जाना चाहिए. इस बैठक में एकता को मजबूत करने और ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाओं समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इस मुलाकात ने लोगों तक भाईचारे का संदेश पहुंचाने में मदद की है. </p> <p style="text-align: justify;">इसमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जमीरुद्दीन शाह, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी, और परोपकारी सईद शेरवानी भी हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अस्थायी कार्यालय उदासीन आश्रम में बंद कमरे में हुई बैठक में मौजूद थे. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: </strong></p> <p style="text-align: justify;"><a title="Supreme Court Live Streaming: SC की सुनवाई का सीधा प्रसारण देख सकेंगे लोग, 27 सितंबर से संविधान पीठ के मामलों से होगी शुरुआत" href="abplive.com/news/india/people-will-be-able-to-watch-the-live-telecast-of-the-supreme-court-hearing-from-september-27-the-matters-of-the-constitution-bench-will-start-ann-2220622" target="null">Supreme Court Live Streaming: SC की सुनवाई का सीधा प्रसारण देख सकेंगे लोग, 27 सितंबर से संविधान पीठ के मामलों से होगी शुरुआत</a></p> <p style="text-align: justify;"><a title="Nepal Citizenship Bill: नेपाल में गहरा सकता है संवैधानिक संकट ! राष्ट्रपति का नागरिकता बिल को मंजूरी देने से इनकार" href="https://ift.tt/yDVBism" target="null">Nepal Citizenship Bill: नेपाल में गहरा सकता है संवैधानिक संकट ! राष्ट्रपति का नागरिकता बिल को मंजूरी देने से इनकार</a></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/Ih9N3SA
comment 0 Comments
more_vert