MASIGNASUKAv102
6510051498749449419

Independence Day 2022: जानिए कैसे 75 वर्षों में एक डॉलर के मुकाबले 4 से 80 के लेवल तक गिरा रुपया

Independence Day 2022: जानिए कैसे 75 वर्षों में एक डॉलर के मुकाबले 4 से 80 के लेवल तक गिरा रुपया
business news

<p style="text-align: justify;"><strong>Journey Of Rupee:</strong> आजादी की 75वीं सालगिरह भारत मना रहा है. बीते 75 वर्षों में भारत ने आर्थिक तौर पर बहुत प्रगति की है. अब भारत को 2047 में विकसित अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन इन 75 वर्षों में भारतीय करेंसी ने भी एक बड़ा सफर तय किया है. किसी भी देश की करेंसी को उस देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती को मापने के बैरोमीटर के तौर पर देखा जाता है. 75 वर्षों में भारतीय करेंसी रुपया ने 4 से लेकर 80 रुपये तक का सफर तय किया है. &nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">जब 1947 भारत को आजादी मिली तब एक डॉलर का वैल्यू 4 रुपये के बराबर था. उसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में ने काफी उतर चढ़ाव देखा. आर्थिक संकट से लेकर अनाज और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में कमी का सामना करना पड़ा. भारत-चीन युद्ध और भारत पाकिस्तान युद्ध के चलते भुगतान संकट खड़ा हो गया. &nbsp;महंगे आयात बिल के चलते भारत का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो कुता था. भारत डिफॉल्ट करने के कगार पर था. &nbsp;तब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रुपये का अवमुल्यन करने का निर्णय लिया जिसके बाद एक डॉलर का मुकाबले रुपये का वैल्यू 4.76 से घटकर 7.5 रुपये पर आ गया. &nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">1991 में एक बार फिर भारतीय अर्थव्यवस्था संकट के बादल में घिरा था. आयात जरुरतों को पूरा करने के लिए भारत के पास विदेशी मुद्रा नहीं था. कर्ज की अदाएगी के लिए भी पैसे नहीं थे. भारत फिर डिफॉल्ट होने की कगार पर था. जिसके बाद ऐतिहासिक आर्थिक सुधार का फैसला लिया गया. &nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">संकट को टालने के लिए आरबीआई ने दो चरणों में रुपये का अवमुल्यन किया. पहले 9 फीसदी और बाद में 11 फीसदी. इस अवमुल्यन के बाद एक डॉलर के मुकाबले रुपये का वैल्यू 26 रुपये हो गया. &nbsp;यानि आजादी के 75 वर्षों में रुपया 4 रुपये से 79 से 80 रुपये के लेवल तक आ गया. यानि 75 सालों में रुपया 75 रुपया कमजोर हुआ है. रुपये में कमजोरी के कई कारण हैं. कच्चे तेल के बढ़ते आयात के चलते व्यापार घाटा बढ़ता चला गया. जो 31 अरब डॉलर के करीब जा पहुंचा है. जबकि जब आजादी मिली को भारत को कोई घाटा नहीं हो रहा था.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">2008 में दुनिया भर में आए वित्तीय संकट के चलते रुपया और कमजोर होता गया. 2009 में जो रुपया 46.4 के लेवल पर था जो 2022 में घटकर 79.5 रुपये के लेवल पर आ गया. लेकिन अब रुपये के अवमुल्यन की संभावना ना के बराबर है. क्योंकि आरबीआई के पास विदेशी मुद्रा भंडार की कोई अब कमी नहीं है.&nbsp;</p> <p><strong>ये भी पढ़ें</strong></p> <p><a href="https://ift.tt/cvtdFwf स्पेशल इकनॉमिक जोन को प्रोत्साहन के लिए नया कानून लाने की तैयारी, वित्त समेत कई मंत्रालयों से मांगी गई राय</strong></a></p> <div class="article-data _thumbBrk uk-text-break"> <p><a href="https://ift.tt/k39SHT5 Gold Bond: फिर आया सस्ता सोना खरीदने का मौका, जानें कब से RBI ला रहा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम</strong></a></p> </div> TAG : business news, bussiness news, business , latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/vrMEwUf

Related Post