Azadi Ka Amrit Mahotsav: आजादी के अमृत महोत्सव पर 75 रुपये का डाक टिकट जारी, दिखी तिरंगे की विकास यात्रा
<p style="text-align: justify;"><strong>Independence Day:</strong> देश में की आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मनाया जा रहा है. इस मौके पर डाक विभाग ने तिरंगे झंडे (Tricolour) की विकास यात्रा डाक टिकट पर दिखाई है. इस स्मारक डाक टिकट की कीमत 75 रुपये रखी गई है. ये टिकट सभी मुख्य डाकघरों (Post Offices) में उपलब्ध करा दिया गया है. इस टिकट पर तिरंगा अपनाने लेकर अब तक जितने भी बदलाव हुए हैं उनको दर्शाया गया है. 1905 से लेकर तिरंगा अपनाने तक 6 बार बदलाव हुए हैं.</p> <p style="text-align: justify;">इस डाक टिकट पर 6 तस्वीरें छापी गई हैं. इसके पहले फोटो में झंडे पर बांग्ला भाषा में वंदे मातरम लिखा हुआ है. झंडे के बीच में हिंदू देवता इंद्र के शस्त्र बज्र की आकृति को दिखाया गया है. इस भारतीय झंडे को पहली बार साल 1905 में अपनाया गया था. इस झंडे को स्वामी विवेकानंद की शिष्या और सिस्टर निवेदिता ने डिजाइन किया था.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>तिरंगे की विकास यात्रा</strong></p> <ul> <li style="text-align: justify;">दूसरे नंबर की तस्वीर में तिरंगे पर तीन पट्टी बनाई गई हैं. इसमें ऊपर में हरे रंग पट्टी पर आधे खुले हुए आठ कमल के फूल हैं. बीच में पीले रंग पट्टी पर देवनागरी लिपि में वंदे मातरम लिखा हुआ है. नीचे लाल रंग की पट्टी पर बाएं भाग के हिस्से में सूर्य और दाएं भाग में आधा चांद है. इस झंडे को साल 1906 में अपनाया गया था. इस झंडे को सबसे पहले बंगाल विभाजन के विरोध में भारत एकता प्रदर्शित करने के लिए सुरेन्द्र नाथ बनर्जी ने कलकत्ता में फहराया था.</li> <li style="text-align: justify;">तीसरे नंबर की तस्वीर में तिरंगे के सबसे ऊपर हरे रंग वाले भाग में 8 कमल के फूल, बीच में केसरिया रंग वाले भाग में देवनागरी में वंदे मातरम लिखा हुआ है और नीचे लाल रंग वाले भाग में सूर्य और आधा चांद है. इस तिरंगे को साल 1907 में मैडम भीकाजी कामा और वीर सावरकर के साथ साथ श्यामजी कृष्ण वर्मा ने डिजाइन किया था.</li> <li style="text-align: justify;">चौथी तस्वीर में तीन पट्टियां बनाई गई हैं. तीनों पट्टियों के भाग में एक सफेद रंग का चरखा दिखाया गया है. इन तीन पट्टियों पर ऊपर में सफेद, बीच में हरा और नीचे की तरफ लाल रंग है. इस तिरंगे को साल 1921 में आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव के युवक पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था.</li> <li style="text-align: justify;">पांचवीं तस्वीर में तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया रंग, बीच में सफेद रंग की पट्टी पर गहरे नीले रंग का चरखा अंकित है. नीचे के हिस्से में हरा रंग दिखाया गया है. इस तिरंगे को ये रूप साल 1931 में दिया गया.</li> <li style="text-align: justify;">छठी तस्वीर में राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) के वर्तमान स्वरूप को एक गोले में दिखाया गया है. बीच वाले भाग में चरखे को हटाकर अशोक चक्र को दिखाया गया है. इस तिरंगे को 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने स्वीकार किया था. 14-15 अगस्त की आधी रात को हंसा मेहता (Hansa Mehta) ने संसद में डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) को राष्ट्रीय ध्वज भेंट किया था.</li> </ul> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a title="Independence Day 2022: इस बार स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडा फहराने से पहले जान लें इससे जुड़े नियम और कोड" href="https://ift.tt/6358zgb" target="">Independence Day 2022: इस बार स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडा फहराने से पहले जान लें इससे जुड़े नियम और कोड</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a title="Tricolour Hoist Red Fort: आखिर प्रधानमंत्री लाल किले से ही क्यों फहराते हैं तिरंगा, कब से चली आ रही है ये परंपरा?" href="https://ift.tt/5fOABiC" target="">Tricolour Hoist Red Fort: आखिर प्रधानमंत्री लाल किले से ही क्यों फहराते हैं तिरंगा, कब से चली आ रही है ये परंपरा?</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/aSZbgJx
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