Religious Conversion: जबरन धर्मांतरण पर रोक को लेकर दिल्ली HC में जनहित याचिका, केंद्र और दिल्ली सरकार को उचित निर्देश देने की मांग
<p style="text-align: justify;"><strong>PIL in Delhi High Court:</strong> दिल्ली हाईकोर्ट में जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने की मांग वाली एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है. इस जनहित याचिका में डराने-धमकाने और काले जादू और अंधविश्वास (Superstition) के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को उचित निर्देश देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि किसी तरह से धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) अनुच्छेद 14, 15, 21, 25 का उल्लंघन करता है.</p> <p style="text-align: justify;">दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में दाखिल जनहित याचिका में धर्मांतरण को धर्मनिरपेक्षता (Secularism) के सिद्धांतों के खिलाफ भी बताया गया है, जो कि संविधान के बुनियादी ढांचे का एक अभिन्न अंग है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>धर्म परिवर्तन रोकने को लेकर जनहित याचिका</strong></p> <p style="text-align: justify;">दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका देने वाले याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय पेशे से वकील और बीजेपी के नेता भी है. याचिकाकर्ता का कहना है कि कहना है कि केंद्र और दिल्ली सरकार काला जादू अंधविश्वास और धोखे से धर्मांतरण के खतरे को नियंत्रित करने में विफल रही है. यह अनुच्छेद 51 ए के तहत उनका कर्तव्य है और केंद्र को निर्देश जारी करने की मांग करता है. भारतीय दंड संहिता के अध्याय-XV में परिवर्तन का सुझाव देने या धर्म परिवर्तन अधिनियम का मसौदा तैयार करने के लिए एक कमेटी नियुक्त करने की बात है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या काला जादू से हो रहा है धर्मांतरण?</strong></p> <p style="text-align: justify;">याचिका में कहा गया है कि एक भी जिला ऐसा नहीं है, जो काले जादू, अंधविश्वास और धर्म परिवर्तन से मुक्त है. बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की घटनाएं हर दिन सामने आ रही हैं. डरा-धमकाकर, धोखा देकर, उपहारों और आर्थिक लाभों के जरिए और काला जादू, अंधविश्वास के माध्यम से धर्मांतरण का काम जारी है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>जनहित याचिका में क्या कहा गया?</strong></p> <p style="text-align: justify;">दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HC) में अश्विनी कुमार उपाध्याय (Ashwini Kumar Upadhyay) की ओर से दाखिल जनहित याचिका में ये भी कहा गया है कि केंद्र और राज्य को महिलाओं और बच्चों के लाभ के लिए विशेष प्रावधान करने का अधिकार है. संविधान(Constitution) में अवसर की समानता और उनके बीच बंधुत्व को बढ़ावा देना, व्यक्तियों की गरिमा, एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने की बात है, लेकिन केंद्र और राज्य ने प्रस्तावना और भाग- 3 में उल्लिखित उच्च आदर्शों को सुरक्षित करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए हैं. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Mukhyamantri Parishad Meeting: बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की दिल्ली में अहम बैठक, पीएम मोदी भी मौजूद" href="https://ift.tt/JBAHIXp" target="">Mukhyamantri Parishad Meeting: बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की दिल्ली में अहम बैठक, पीएम मोदी भी मौजूद</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Delhi: मंकीपॉक्स का पहला केस मिलने पर बोले CM केजरीवाल- पैनिक होने की जरूरत नहीं, LNJP में बना स्पेशल वार्ड" href="https://ift.tt/863o57E" target="">Delhi: मंकीपॉक्स का पहला केस मिलने पर बोले CM केजरीवाल- पैनिक होने की जरूरत नहीं, LNJP में बना स्पेशल वार्ड</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/sfbkOJL
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