MASIGNASUKAv102
6510051498749449419

Constitutional Republic: देश तभी आगे बढ़ेगा, जब नागरिकों को संविधान की परिकल्पना के बारे में पता होगा- CJI

india breaking news
<p style="text-align: justify;"><strong>Chief Justice of India:</strong> प्रधान न्यायाधीश (CJI) एन वी रमण (NV Ramana) ने रविवार को कहा कि कोई संवैधानिक गणतंत्र (Republic) तभी आगे बढ़ सकता है, जब उसके नागरिक (Citizens) इस बात से अवगत हों कि उनके संविधान (Constitution) में क्या परिकल्पना की गई है. न्यायमूर्ति रमण (Chief Justice Ramana) ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को उसके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए. कानून (Law) की पढ़ाई करने वाले स्नातकों (Bachelers) का प्रयास होना चाहिए कि वे लोगों को संवैधानिक प्रावधानों को सरल शब्दों में समझाएं.</p> <p style="text-align: justify;">उन्होंने हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचएनएलयू), रायपुर के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कानून को सामाजिक परिवर्तन का एक साधन बताया और कहा कि विधि स्कूली शिक्षा को स्नातकों को सामाजिक इंजीनियरों में बदलना चाहिए. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ''युवाओं की यह पीढ़ी दुनिया को क्रांति की ओर ले जा रही है. चाहे जलवायु संकट हो या मानवाधिकारों का उल्लंघन वे दुनिया भर में एक एकजुट ताकत हैं. वास्तव में, तकनीकी क्रांति ने हम में से प्रत्येक को वैश्विक नागरिक बना दिया है. यह हम सभी के लिए क्रांति में शामिल होने का समय है.''</p> <p style="text-align: justify;"><strong>संवैधानिक गणतंत्र आगे बढ़ेगा CJI ने बताया</strong><br />उन्होंने कानून और संविधान के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन लाने में युवाओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा, ''दुखद वास्तविकता यह है कि आधुनिक स्वतंत्र भारत की आकांक्षाओं को परिभाषित करने वाला सर्वोच्च दस्तावेज़ कानून के छात्रों, वकीलों और भारतीय आबादी के एक बहुत छोटे हिस्से के ज्ञान तक ही सीमित है.'' न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ''एक संवैधानिक गणतंत्र तभी आगे बढ़ेगा, जब उसके नागरिक इस बात से अवगत होंगे कि उनके संविधान में क्या परिकल्पना की गई है.''</p> <p style="text-align: justify;"><strong>युवा वकालत के पेशे में नए मुकाम हासिल कर रहेः CJI</strong><br />उन्होंने कहा कि युवा अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के माध्यम से वकालत के पेशे में नए मुकाम हासिल कर रहे हैं. इस बीच, मुख्य न्यायाधीश ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने सुना है कि उनकी सरकार राज्य में न्यायिक समुदाय की ढांचागत और बजटीय जरूरतों का पर्याप्त ध्यान रख रही है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह प्रवृत्ति जारी रहेगी और छत्तीसगढ़ न्यायपालिका को सर्वोत्तम बुनियादी ढांचा प्रदान करने के मामले में एक आदर्श के रूप में उभरेगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>सीएम भूपेश बघेल भी रहे उपस्थित</strong><br />राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आये थे. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एस अब्दुल नज़ीर (Abdul Nazeer) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) उच्च न्यायालय (High Court) के मुख्य न्यायाधीश अरूप कुमार गोस्वामी (Aroop Kumar Goswami) भी उपस्थित थे. एचएनएलयू के जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार, बी.ए. एल.एल.बी (ऑनर्स) (2015-2020 का बैच) से 60 छात्र, बी.ए. एल.एल.बी (ऑनर्स) (2016-2021) से 147, एल.एल.एम (2019-2020) से 49 और एल.एल.एम (2020-2021) से 61 छात्रों समेत पीएचडी के चार छात्रों को डिग्री प्रदान की गयी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ेंः</strong><strong><br /><a href="https://ift.tt/uAZslDz 'ये विद्रोह नहीं बल्कि शिवसेना के स्वाभिमान की लड़ाई है', &nbsp;केसरकर ने उद्धव को दी बीजेपी से गठबंधन की सलाह</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/uJaTkOh Crisis: आदित्य ठाकरे की बागी विधायकों को चुनौती, इस्तीफा देकर चुनाव लड़कर दिखाएं</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/CZKn7Qx