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Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, कोविड मरीज की मौत का कारण कुछ भी हो, उसे कोरोना से हुई मौत माना जाए

Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, कोविड मरीज की मौत का कारण कुछ भी हो, उसे कोरोना से हुई मौत माना जाए
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<p style="text-align: justify;"><strong>Allahabad High Court Decision:</strong> इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने कहा है कि अगर किसी व्यक्ति को कोविड-19 (Covid-19) के मरीज के तौर पर अस्पताल (Hospital) में भर्ती किया जाता है तो उसकी मृत्यु ह्रदय गति (Heart Attack) रुकने से हो या किसी अन्य कारण से, यह मृत्यु कोविड-19 से हुई मृत्यु मानी जाएगी और सरकार (Government) को मृतक के परिजनों को अनुग्रह राशि देनी होगी.</p> <p style="text-align: justify;">कुसुम लता यादव और कई अन्य लोगों द्वारा दायर रिट याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने राज्य के अधिकारियों को कोविड-19 से मृत लोगों पर आश्रित परिजनों को अनुग्रह राशि एक महीने के भीतर देने का निर्देश दिया और भुगतान में विफल रहने पर नौ प्रतिशत की दर से ब्याज सहित भुगतान करने को कहा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>मुआवजा पाने के हकदार मृतक के परिजन</strong></p> <p style="text-align: justify;">अदालत ने कहा, &lsquo;&lsquo;हम पाते हैं कि अस्पताल में कोविड-19 की वजह से हुई मृत्यु, प्रमाणन की जांच में पूरी तरह से खरी उतरती है. यह दलील कि मेडिकल रिपोर्ट में मृत्यु की वजह ह्रदय गति रुकना या कोई अन्य कारण है और कोविड-19 से मृत्यु नहीं है, हमारे गले नहीं उतरता. कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति का कोई भी अंग चाहे वह फेफड़ा हो या हृदय संक्रमण से प्रभावित हो सकता है और उसकी मृत्यु हो सकती है.&rsquo;&rsquo; अदालत ने 25 जुलाई, 2022 के अपने निर्णय में निर्देश दिया कि प्रत्येक याचिकाकर्ता जिनके दावे यहां स्वीकार किए गए हैं, वे 25,000-25,000 रुपये मुआवजा पाने के हकदार होंगे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>इसलिए रोका गया था मुआवजा</strong></p> <p style="text-align: justify;">उल्लेखनीय है कि इन याचिकाकर्ताओं ने एक जून, 2021 के सरकारी आदेश (Government Order) के उपबंध 12 को इस आधार पर चुनौती दी थी कि यह उपबंध मुआवजे (Compensation) का भुगतान रोकने वाला है क्योंकि संक्रमित मरीज की मृत्यु अगर 30 दिन के भीतर होती है तभी मुआवजा दिया जाएगा. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि इस शासकीय आदेश का उद्देश्य उन परिवारों को मुआवजा देना है जिसका रोजी रोटी कमाने वाला सदस्य पंचायत चुनाव के दौरान कोविड-19 (Covid-19) की वजह से मर गया है. राज्य के अधिकारियों ने यह माना कि याचिकाकर्ता के पति की मृत्यु कोविड-19 से हुई, लेकिन उपबंध 12 की वजह से मुआवजे का भुगतान रोका गया है. अदालत को बताया गया कि अक्सर देखा गया है कि संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु (Death) 30 दिनों के बाद भी हुई.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a title="Corona Cases: कोरोना संकट जारी, पिछले 24 घंटे में मिले 19 हजार से ज्यादा नए मरीज, 39 लोगों की मौत" href="https://ift.tt/dN5ajYL" target="">Corona Cases: कोरोना संकट जारी, पिछले 24 घंटे में मिले 19 हजार से ज्यादा नए मरीज, 39 लोगों की मौत</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a title="Corona Cases: कोरोना के लगातार दूसरे दिन 20 हजार से ज्यादा नए केस, एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर हुई 1 लाख 43 हजार 988" href="https://ift.tt/fCc3A2w" target="">Corona Cases: कोरोना के लगातार दूसरे दिन 20 हजार से ज्यादा नए केस, एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर हुई 1 लाख 43 हजार 988</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/CZKn7Qx

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