
<p style="text-align: justify;"><strong>Wheat Price in India:</strong> भारत में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) और खाने वाले तेल (Edible Oil) के बाद में गेहूं की कीमतों पर महंगाई की मार पड़ रही है. देशभर में आटा और आटे बने सामान की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है. गेहूं की कीमतों (wheat price in india) में बढ़ोतरी का असर देशभर की जनत पर देखने को मिल रहा है. इसी को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. भारत में घरेलू लेवल पर बढ़ती कीमतों पर कंट्रोल करने के लिए गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>जल्द कीमतों में मिलेगी राहत</strong><br />आपको बता दें सरकार के इस कदम से कीमतों में राहत देखने को मिलेगी. इसके साथ ही जल्द ही आटे की कीमतों में भी गिरावट आएगी. आधिकारिक अधिसूचना से यह जानकारी मिली है. हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने कहा, ‘‘इस अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए एलओसी (LoC) जारी किए गए हैं, उसके निर्यात की अनुमति होगी.’’</p> <p style="text-align: justify;"><strong>तुरंत लगाया गया प्रतिबंध</strong><br />DGFT ने कहा गेहूं की निर्यात नीति पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है... उसने यह बताया कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर दी गई अनुमति के आधार पर गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>प्याज की कीमतों के लिए भी लिया ये फैसला</strong><br />एक अलग अधिसूचना में कहा गया कि डीजीएफटी ने प्याज के बीज के लिए निर्यात शर्तों को आसान बनाने की घोषणा की. डीजीएफटी ने कहा, ‘‘प्याज के बीज की निर्यात नीति को तत्काल प्रभाव से सीमित श्रेणी के तहत रखा जाता है.’’ पहले प्याज के बीज का निर्यात प्रतिबंधित था.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>मुद्रस्फीति 8 साल के रिकॉर्ड लेवल पर</strong><br />आपको बता दें इस सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि ईंधन और खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों की वजह से अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई. रूस और यूक्रेन के बीच हुए वॉर की वजह से गेहूं की आपूर्ति पर असर देखने को मिला है. दोनों देश गेहूं के प्रमुख निर्यातक रहे. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>गेहूं निर्यात का दिखा असर</strong><br />ग्लोबल मांग की वजह से 2021-22 में भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 70 लाख टन यानी 2.05 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है. DGFT के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में कुल गेहूं निर्यात में से लगभग 50 फीसजी खेप बांग्लादेश भेजी गई थी. पिछले साल इसी अवधि में 1,30,000 टन के मुकाबले देश ने इस साल लगभग 9,63,000 टन गेहूं का निर्यात किया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>एक करोड़ टन गेहूं निर्यात की थी उम्मीद</strong><br />भारत को 2022-23 में एक करोड़ टन गेहूं का निर्यात करने की उम्मीद थी. वाणिज्य मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि भारत गेहूं के निर्यात की खेप को बढ़ावा देने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए नौ देशों-मोरक्को, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, वियतनाम, तुर्की, अल्जीरिया और लेबनान में व्यापार प्रतिनिधिमंडल भेजेगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:</strong><br /><strong><a title="Indian Railway: रेलवे यात्री कृपया ध्यान दें! 8 जून तक रेलवे ने इन ट्रेनों को किया रद्द, देखें कैंसिल ट्रेनों की पूरी लिस्ट" href="
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