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Rupee-Dollar Update: मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार, जानिए कमजोर रुपये से किसे होगा फायदा - किसे नुकसान ?

Rupee-Dollar Update: मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार, जानिए कमजोर रुपये से किसे होगा फायदा - किसे नुकसान ?
business news

<p style="text-align: justify;"><strong>Rupee Dollar Rate:</strong> मंगलवार के दिन डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली रिकवरी देखने को मिली है. एक डॉलर के मुकाबले रुपया आज 77.33 पर क्लोज हुआ है. सुबह रुपया 77.29 पर खुला था. सोमवार को रुपया एक डॉलर के मुकाबले 77.47 पर बंद हुआ था.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>रुपये में जारी रह सकती है गिरावट&nbsp;</strong><br />कई जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में एक डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 80 रुपये प्रति डॉलर तक गिर सकता है. दरअसल अमेरिका में बढ़ती महंगाई के मद्देनजर फेडरल रिजर्व बैंक ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला लेता है तो भारत जैसे इमर्जिंग मार्केट से निवेशक पैसा निकाल सकते हैं जिससे रुपया और कमजोर हो सकता है. &nbsp;रुपया इस समय वैश्विक कारणों से साथ घरेलू कारणों से भी गिर रहा है. शेयर बाजारों में गिरावट तो इसके पीछे है ही, ब्याज दरों में बढ़ोतरी के ग्लोबल रुझान के बीच विदेशी फंडों की ओर से बिकवाली जारी रहने से भी रुपये पर दबाव आया है. कच्चा तेल महंगा होने और अन्य करेंसी के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से रुपया कमजोरी के दायरे में दिखाई दे रहा है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>महंगे डॉलर का क्या होगा असर&nbsp;</strong><br />1. भारत दूनिया का दूसरा सबसे ज्यादा ईंधन खपत करने वाला देश है. जो 80 फीसदी आयात के जरिए पूरा किया जाता है. सरकारी तेल कंपनियां ( Oil Marketing Companies) डॉलर में भुगतान कर कच्चा तेल ( Crude Oil) खरीदती हैं. अगर रुपये के मुकाबले डॉलर महंगा हुआ और रुपया में गिरावट आई तो सरकारी तेल कंपनियों को कच्चा तेल खरीदने के लिए ज्यादा डॉलर का भुगतान करना होगा. इससे आयात महंगा होगा और आम उपभोक्ताओं को पेट्रोल डीजल के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><br />2. भारत से लाखों बच्चे विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं जिनके अभिभावक फीस से लेकर रहने का खर्च अदा कर रहे हैं. उनकी विदेश में पढ़ाई महंगी हो जाएगी. क्योंकि अभिभावकों को &nbsp;ज्यादा रुपये देकर डॉलर खरीदना होगा जिससे वे फीस चुका सकें. जिससे महंगाई का उन्हें झटका लगेगा. जून महीने के बाद से लेकर अगस्त के दौरान विदेशों में दाखिला शुरू होने के चलते वैसे भी डॉलर की मांग बढ़ जाती है. महंगे डॉलर का खामियाजा अभिभावकों को उठाना होगा.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><br />3. खाने का तेल पहले से ही महंगा है जो आयात तो पूरा किया जा रहा है. डॉलर के महंगे होने पर खाने का तेल आयात करना और भी महंगा होगा. खाने के तेल आयत करने के लिए ज्यादा विदेशी मुद्रा खर्च करना पड़ेगा. जिससे आम लोगों को पाम आयल से लेकर दूसरे खाने के तेल के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>आइए डालते हैं नजर, मजबूत डॉलर का किस प्रकार अर्थव्यवस्था को पहुंचता है फायदा</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>1. Remittance पर ज्यादा रिटर्न</strong> - यूरोप या खाड़ी के देशों में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं. अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं जो डॉलर में कमाते हैं और अपनी कमाई देश में भेजते हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा Remittance पाने वाला देश भारत है. साल 2021 में भारत में Remittance के जरिए 87 अरब डॉलर प्राप्त हुआ था. जो 2022 में बढ़कर 90 बिलियन होने का अनुमान है. 20 फीसदी से ज्यादा Remittance भारत में अमेरिका से आता है. ये Remittance जब भारतीय अपने देश डॉलर के रुप में भेजते हैं तो विदेशी मुद्रा भंडार इससे तो बढ़ता ही है साथ ही इन पैसे से सरकार को अपने कल्याणकारी योजनाओं को चलाने के लिए धन प्राप्त होता है. और जो लोग Remittance भेजते हैं उन्हें अपने देश में डॉलर को अपने देश की करेंसी में एक्सचेंज करने पर ज्यादा रिटर्न मिलता है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>2. आईटी इंडस्ट्री -</strong> डॉलर में मजबूती का बड़ा फायदा देश के आईटी सर्विसेज इंडस्ट्री को होता है. भारत की दिग्गज आईटी कंपनियां टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, टेक महिंद्रा, एचसीएल जैसेी कंपनियां की सबसे ज्यादा कमाई विदेशों में आईटी सर्विसेज देने से प्राप्त होती है. इन कंपनियों को डॉलर में भुगतान किया जाता है. जब ये देसी आईटी कंपनी डॉलर में कमाई अपने देश लेकर आते हैं तो रुपये में कमजोरी और डॉलर में मजबूती से उन्हें जबरदस्त फायदा मिलता है. &nbsp;तो डॉलर की मजबूती से इन कंपनियों की विदेशों में सर्विसेज देने से आय भी बढ़ जाती है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><br /><strong>3. निर्यातकों को फायदा</strong> - डॉलर में मजबूती का बड़ा फायदा एक्सपोटर्स को होता है. निर्यातक जब कोई प्रोडक्ट दूसरे देशों में बेचते हैं तो उन्हें भुगतान डॉलर के रुप में किया जाता है. डॉलर की मजबूती का मतलब है कि उन्हें अपने प्रोडक्ट के लिए ज्यादा कीमतें मिलेंगी. और वे डॉलर को देश के एक्सचेंज मार्केट में बेंचेंगे तो रुपये में कमजोरी के चलते उन्हें एक डॉलर के मुकाबले ज्यादा रुपये प्राप्त होंगे.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>4. ज्यादा आयेंगे विदेशी सैलानी</strong> - महंगे डॉलर के चलते विदेशों में घूमना भले ही महंगा हो जाये. लेकिन जो विदेशी सौलानी भारत आना चाहते हैं उनके लिए राहत है. उन्हें रुपये में कमजोरी के चलते ज्यादा सर्विसेज प्राप्त होगा. रुपये में कमजोरी के चलते टूर पैकेज सस्ते हो जायेंगे. देश में स्ते टूर पैकेज के चलते विदेशी सैलानी ज्यादा आयेंगे.&nbsp;</p> <p><strong>ये भी पढ़ें&nbsp;</strong></p> <p><strong><a title="Adani Wilmar: मल्टीबैगर स्टॉक अडानी विल्मर में जारी है गिरावट, उच्चतम स्तर से 34 फीसदी फिसला शेयर" href="https://ift.tt/e9xKYiM" target="">Adani Wilmar: मल्टीबैगर स्टॉक अडानी विल्मर में जारी है गिरावट, उच्चतम स्तर से 34 फीसदी फिसला शेयर</a></strong></p> <p><strong><a title="Atta Price Hike: अब आपकी थाली की रोटी भी हुई महंगी, एक साल में 13 फीसदी बढ़े दाम" href="https://ift.tt/vu5b3Th" target="">Atta Price Hike: अब आपकी थाली की रोटी भी हुई महंगी, एक साल में 13 फीसदी बढ़े दाम</a></strong></p> <p>&nbsp;</p> TAG : business news, bussiness news, business , latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/OIPesY6

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