MASIGNASUKAv102
6510051498749449419

India Nepal Relation: चीन के अरबों डॉलर लुंबिनी प्रोजेक्ट की काट तराशेगा पीएम मोदी का नेपाल दौरा ?

India Nepal Relation: चीन के अरबों डॉलर लुंबिनी प्रोजेक्ट की काट तराशेगा पीएम मोदी का नेपाल दौरा ?
india breaking news
<p style="text-align: justify;"><strong>India Nepal Relation:</strong> पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का महज कुछ घंटों का यह दौरा काफी अहम होगा. क्योंकि इस दौरे के सहारे भारत बीते चार सालों के दौरान रिश्तों में आई मंदी को दूर करने के साथ ही कई सहयोग परियोजनाओं को भी रफ्तार देने की कोशिश करेगा. सूत्रों के मुताबिक इस कड़ी में भारत की तरफ़ से लुंबिनी में एक नए बौद्ध प्रतिष्ठान के निर्माण का भी ऐलान संभव है. साथ ही नेपाल के साथ बौद्ध तीर्थस्थलों की रेल व रोड कनेक्टिविटी बढ़ाने की कुशीनगर-लुंबिनी (Kushinagar-Lumbini) जैसी परियोजनाओं को रफ्तार मिल सकती है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कितने साल बाद नेपाल के दौरे पर जा रहे हैं पीएम ?&nbsp;</strong><br />पीएम मोदी करीब चार साल बाद नेपाल के दौरे पर जा रहे हैं. भारत की सत्ता में अपने पहले कार्यकाल में मोदी जहां प्रधानमंत्री के तौर पर तीन बार नेपाल की यात्रा पर गए वहीं दूसरे कार्यकाल के दौरान यह उनका पहला दौरा होगा. सूत्रों के मुताबिक इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी काठमांडू की बजाए लुंबिनी में ही नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मुलाकात करेंगे.</p> <p style="text-align: justify;">नेपाल के साथ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के कार्यकाल के दौरान लिपुलेख नक्शा विवाद से लेकर राम जन्मभूमि जैसे विवादों के बवंडर के बाद दोनों की तरफ से रिश्तों को पटरी पर लाने की कवायदें तेज हुई हैं. बीते दिनों नेपाल के पीएम देउबा अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए थे. वहीं महज एक महीने के अंतराल में दोनों प्रधानमंत्रियों की यह दूसरी मुलाकात अब लुंबिनी में होने जा रही है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्यों अहम है पीएम मोदी का नेपाल दौरा ?</strong><br />जानकारों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी का नेपाल दौरा जहां द्विपक्षीय रिश्तों की रिपेयरिंग मुकम्मल करेगा वहीं चीन के उस लुंबिनी प्रोजक्ट की भी काट करेगा जिसमें सड़कें, रेलवे लाइन, हवाई अड्डे समेत ढांचागत परियोजना के जरिए नेपाल में बौद्ध धर्मगढ़ में सेंध लगाने की योजना पर चीन काम कर रहा है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">दरअसल, चीन की योजना नेपाल में पैठ के सहारे दुनिया के कई देशों में असर रखने वाले बौद्ध धर्म और खासतौर पर तिब्बती बौद्ध धारा का रूख अपनी सहूलियत से संचालित करने की है. करीब दो दशक से जारी जारी इस प्लान के तहत बुद्धिस्ट एसोसिएशन ऑफ चाइना अपने देश से बाहर बौद्ध मंदिर का निर्माण नेपाल में करवा चुकी है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या है नेपाल में चीन की साजिश ?&nbsp;</strong><br />इतना ही नहीं चीन की कंपनी नॉर्थवेस्ट सिविल एविएशन एयरपोर्ट कंस्ट्रक्शन ग्रुप ने ही भैरहवा में नेपाल के दूसरे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बुद्ध अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण किया जो लुंबिनी से करीब 20 किमी दूर है. इसके अलावा चीन की कोशिश काठमांडू से लुंबिनी तक रेल लाइन बनाने की भी है. जाहिर है नेपाल के साथ सटी सीमा से महज 25 किमी की दूरी पर मौजूद लुंबिनी और आसपास के इलाके में चीन की सक्रियता भारत की चिंताएं बढ़ाने वाली है. ध्यान रहे कि नेपाल की राजधानी काठमांडू से लुंबिनी की दूरी लगभग 326 किमी है. वहीं भारतीय सीमा से इसकी दूरी महज 25 किमी है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>किस रास्ते से नेपाल जाएंगे पीएम ?</strong>&nbsp;<br />माना जाता है कि भारत की तरफ से हवाई मार्ग की कनेक्टिविटी न दिए जाने के कारण ही भैरहवा का नया हवाई अड्डा अब तक शुरु नहीं हो पाया है. बीते दिनों नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की भारत यात्रा के दौरान इस बारे में आग्रह भी किया गया था. लेकिन चीन के बनाए इस एयरपोर्ट को लेकर भारत का आशंकाएं और दूरी फिलहाल प्रधानमंत्री मोदी की लुंबिनी यात्रा कार्यक्रम में भी नजर आती हैं.</p> <p style="text-align: justify;">सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी का विमान दिल्ली से बिहार के बोध गया हवाई अड्डे पर उतरेगा और वहां से हेलिकॉप्टर के रास्ते वो लुंबिनी का सफर तय करेंगे. यानि भारत का एयर इंडिया-वन चीनी कंपनी के बनाए एयरपोर्ट पर उतरने से परहेज करेगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>किन योजनाओं का पीएम करेंगे ऐलान ?</strong><br />इतना ही नहीं संकेत हैं कि यूनेस्को विश्व धरोहर लुंबिनी में बुद्ध जयंति कार्यक्रम में पहुंच रहे पीएम मोदी, बौद्ध सर्किट साझेदारी और कनेक्टिविटी की अहम परियोजनाओं का ऐलान कर सकते हैं. प्रस्तावित योजना के तहत भारत की मदद से उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से लुंबिनी के बीच रेल लाइन बिछाए जाने की योजना है.</p> <p style="text-align: justify;">इससे लुंबिनी को भारतीय रेल के बुद्धिस्ट सर्किट से जोड़ने में मदद मिलेगी. साथ ही बेहतर सड़क कनेक्टिविटी के जरिए कपिलवस्तु और लुंबिनी को भी जोड़ा जाना है. इन परियोजनाओं को लेकर भारत और नेपाल के बीच में बातचीत होती रही हैं. लेकिन रिश्तों की गाड़ी लड़खड़ाई तो इन परियोजनाओं की रफ्तार भी गड़बड़ा गई.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पीएम मोदी की नेपाल यात्रा से क्या होगा फायदा ? &nbsp;</strong><br />लुंबिनी की भारत के बौद्ध तीर्थस्थलों से बेहतर कनेक्टिविटी नेपाल के लिए पर्यटन और आर्थिक संभावनाओं के दरवाज़े खोल सकती है. इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि अधिसंख्य बौद्ध मतावलंबियों वाले जापान, दक्षिण कोरिया, कंबोडिया समेत पूर्वी एशिया के देशों में चीन की बजाए भारत के प्रति धार्मिक झुकाव ज़्यादा है. साथ ही भारत में मौजूद बौद्ध तीर्थ स्थलों से बेहतर कनेक्टिविटी नेपाल के लिए भी इन देशों से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ा सकती है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Jammu Kashmir: आतंकियों के लिए शामत लाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे बने महू वार कॉलेज के कमांडेंट, जानिए इनके बारे में" href="https://ift.tt/nkDKvlV" target="">Jammu Kashmir: आतंकियों के लिए शामत लाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे बने महू वार कॉलेज के कमांडेंट, जानिए इनके बारे में</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Sedition Law: राजद्रोह कानून पर केंद्र का जवाब- 'सरकार कर रही कानून की समीक्षा, SC फिलहाल न करे विचार" href="https://ift.tt/PW9jpnU" target="">Sedition Law: राजद्रोह कानून पर केंद्र का जवाब- 'सरकार कर रही कानून की समीक्षा, SC फिलहाल न करे विचार'</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/BgYLW3q

Related Post

Leave your opinion on it.
:)
:(
hihi
:-)
:D
=D
:-d
;(
;-(
@-)
:P
:o
-_-
(o)
[-(
:-?
(p)
:-s
(m)
8-)
:-t
:-b
b-(
:-#
=p~
$-)
(y)
(f)
x-)
(k)
(h)
(c)
cheer
(li)
(pl)