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Petrol Diesel Consumption Increases: लगातार दामों में बढ़ोतरी के बावजूद मार्च 2022 में बढ़ी पेट्रोल डीजल की खपत, जानें क्यों

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<p style="text-align: justify;"><strong>Petrol Diesel Demand Rises:</strong> 22 मार्च से पेट्रोल डीजल के दामों को सरकारी तेल कंपनियों ने बढ़ाना शुरू कर दिया था. बावजूद इसके मार्च 2022 में पेट्रोल डीजल की मांग 3 साल के उच्चतम लेवल पर जा पहुंचा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में पेट्रोल डीजल की खपत 4.2 फीसदी ज्यादा रहा है जो कोरोना महामारी के पहले के दौर से भी ज्यादा है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>3 वर्ष में सबसे ज्यादा खपत&nbsp;</strong><br />पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिन आने वाले पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनलायसिस सेल द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक मार्च महीनें में कुल पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की खपत 19.41 मिलियन टन रहा है जो कि मार्च 2019 से भी ज्यादा है. कोरोना महामारी के तीसरे लहर के बाद अर्थव्यवस्था रिकवर कर रहा है, आर्थिक विकास गति पकड़ती रही है, लॉकडाउन पूरी तरह खत्म हो चुका है तो ऐसे में पेट्रोल डीजल की मांग मार्च महीने में बढ़ी है. &nbsp;सुधार देखा जा रहा है आर्थिक रिकवरी देखी जा रही है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>जमाखोरी की वजह से बढ़ी मार्च में डीजल की खपत&nbsp;</strong><br />सभी पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स में देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ईंधन डीजल है जिसकी 40 फीसदी के करीब खपत होती है. डीजल का खपत मार्च 2022 में &nbsp;6.7 फीसदी बढ़कर 7.7 मिलियन टन रहा है. वहीं पेट्रोल की खपत 2.91 मिलियन टन रही जो कि 6.1 फीसदी ज्यादा है. पेट्रोल डीजल की खपत कोरोना महामारी के पहले के दौर से भी ज्यादा हो रहा है. मार्च महीने में डीजल की खपत बढ़ने की बड़ी वजह कृषि क्षेत्र के अलावा उपभोक्ताओं और पेट्रोल पंपों द्वारा जमा किया जाने वाले डीजल का स्टॉक है. पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद दाम बढ़ने के आशंका के चलते लोग डीजल की जमाखोरी करने में जुट गए थे. रसोई गैस की मांग 9.8 फीसदी बढ़ी है. मार्च 2022 में रसोई गैस की खपत 9.8 फीसदी बढ़कर 2.48 मिलियन टन रही है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>अर्थव्यवस्था के रिकवरी के चलते बढ़ी खपत</strong><br />31 मार्च, 2022 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में ईंधन की मांग 4.3 प्रतिशत बढ़कर 202.71 मिलियन टन हो गई, जो वित्त वर्ष 2020 के बाद सबसे अधिक है. ऑटो और खाना पकाने वाले ईंधन की खपत बढ़ी है जबकि औद्योगिक ईंधन के खपत में कमी आई है. 2021-22 में पेट्रोल की खपत 10.3 प्रतिशत बढ़कर 30.85 मिलियन टन हो गई, जबकि डीजल की बिक्री 5.4 प्रतिशत बढ़कर 76.7 मिलियन टन हो गई.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">वित्त वर्ष 2021-22 में पेट्रोल की मांग अब तक की सबसे अधिक थी जबकि डीजल की बिक्री 2019-20 में 82.6 मिलियन टन खपत के बाद से सबसे अधिक थी. एलपीजी की खपत 3 फीसदी बढ़कर 28.33 मिलियन टन हो गई. जेट ईंधन यानि एटीएफ की मांग 35 प्रतिशत बढ़कर 5 मिलियन टन हो गई, लेकिन कोरोना महामारी पूर्व वर्ष में 8 मिलियन टन से कम खपत थी. जिसकी बड़ी वजह ये है कि 27 मार्च 2022 से सरकार ने रेग्युलर इंटरनेशनल उड़ान सेवा शुरू करने की इजाजत दी है. &nbsp;</p> <p><strong>ये भी पढ़ें&nbsp;</strong></p> <p><strong><a title="HAL Share Update: जानें क्यों इस सरकारी डिफेंस कंपनी के शेयर में आई जबरदस्त उछाल?" href="https://ift.tt/9kNd85S" target="">HAL Share Update: जानें क्यों इस सरकारी डिफेंस कंपनी के शेयर में आई जबरदस्त उछाल?</a></strong></p> <p><strong><a title="LIC IPO: अप्रैल 2022 के आखिर तक सरकार लॉन्च कर सकती है LIC IPO, मंत्रियों का पैनल ले सकता है डेडलाइन पर फैसला" href="https://ift.tt/ioO0XkN" target="">LIC IPO: अप्रैल 2022 के आखिर तक सरकार लॉन्च कर सकती है LIC IPO, मंत्रियों का पैनल ले सकता है डेडलाइन पर फैसला</a></strong></p> TAG : business news, bussiness news, business , latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/F84rRX3