<p style="text-align: justify;"><strong>HDFC Bank - HDFC Merger Impact:</strong> हाउसिंग फाइनैंस कंपनी एडीएफसी (HDFC) और निजी बैंक एचडीएफसी बैंक ( HDFC Bank) का आपस में विलय होने जा रहा है, जिसका ऐलान कर दिया गया है. एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के टॉप मैनेजमेंट इसे दोनों वित्तीय कंपनियों के लिए बेहतरीन करार दे रहे हैं, जिसका फायदा दोनों ऑर्गनाइजेशन, शेयरधारकों, ग्राहकों और अर्थव्यवस्था को होगा. हालांकि इस विलय के प्रोसेस को पूरा होने में 12 से 18 महीने का समय लगेगा. यानि 2024 के अंत तक विलय की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>रेग्युलेटरों से लेनी होगी विलय की मंजूरी</strong><br />एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय को बैंकिंग सेक्टर के रेग्युलेटर आरबीआई, शेयर बाजार के रेग्युलेटर सेबी, बीमा क्षेत्र की रेग्युलेटर आईआरडीएआई, पीएफआरडीए और सीसीआई से मंजूरी लेनी होगी. हालांकि इस विलय के बाद एचडीएफसी और एफडीएफसी बैंक कस्टमर्स के नम में सवाल होगा कि उनके डिपॉजिट से लेकर होमलोन अकाउंट का क्या होगा. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>विलय होने के बाद एचडीएफसी बैंक का रेट होगा मान्य</strong><br />माना जा रहा है कि जब तक विलय की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है तब तक यथास्थिति बनी रहेगी. एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के डिपॉजिटर्स को को वहीं ब्याज मिलेगा जो उन्हें मिलता आया है. लेकिन विलय के बाद डिपॉजिटर्स या फिर कर्ज लेने वालों को एचडीएफसी बैंक द्वारा तय किया गये ब्याज ही रिटर्न या कर्ज मिलेगा. मौजूदा समय में एडीएफसी 33 महीने यानि 2 साल 9 महीने के एफडी पर एचडीएफसी 6.05 से 6.25 फीसदी ब्याज दर देती है जबकि एचडीएफसी बैंक इसी अवधि के लिए 5.2 फीसदी से लेकर 5.7 फीसदी ब्याज देती है. मौजूदा पते के बेसिस पर बैंक के ग्राहकों को उनको होम ब्रांच अलॉट किया जाएगा. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या सस्ता होगा कर्ज!</strong><br />एचडीएफसी होमलोन के कारोबार से जुड़ी है लेकिन विलय के बाद होमलोन भी एचडीएफसी बैंक से मिलेगा. बैंकों को रेपो रेट के आधार पर होमलोन देना होता है जो कि हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों की मजबूरी नहीं हैं. लेकिन भारी प्रतिस्पर्धा होने के बैंकों के ब्याज दरों से मिलता जुलता दरों पर वे सस्ता होमलोन ऑफर करती हैं. एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के विलय के बाद नई कंपनी बैंकिंग कंपनी होगी इसलिए उसके ऊपर आरबीआई के नियम ही लागू होंगे. इसलिए नए बैकिंग कंपनी के ग्राहकों को एक्टर्नल बेंचमार्क लिंक्ड रेट्स पर ही कर्ज मिलेगा. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Market Capitalization: TCS को पछाड़ HDFC - HDFC Bank मार्केट कैप के लिहाज से बनी शेयर बाजार की दूसरी बड़ी लिस्टेड कंपनी!" href="
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