
<p style="text-align: justify;"><br />देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कोविड-19 का ग्राफ बढ़ रहा है. इन सबके बीच कोविड-19 वैक्सीन और बूस्टर डोज या प्रिकॉशनरी डोज के बीच गैप को लेकर फिर से चर्चा शुरू हो गई है.</p> <p style="text-align: justify;">टीओआई में छपी रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 की दूसरी डोज और प्रिकॉशनरी डोज के बीच सरकार द्वारा अनिवार्य नौ महीने के लंबे अंतराल के लिए कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. वहीं फोर्टिस सी-डॉक के अध्यक्ष डॉ अनूप मिश्रा का कहना है कि, "ज्यादातर स्टीज से पता चलता है कि टीके की दो खुराक से उत्पादित न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी चार से छह महीने के बाद कम होने लगती हैं. मेरे विचार से, खुराक का अंतर छह महीने से अधिक नहीं होना चाहिए. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>यूके में दो खुराक के बीच पांच महीने के गैप की सिफारिश की गई है</strong></p> <p style="text-align: justify;">गौरतलब है कि अमेरिका में, सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन दो खुराक के बीच पांच महीने के अंतराल की सिफारिश करता है. यूके में, 12-15 वर्ष की आयु के कुछ बच्चों और 16 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी बच्चों जिन्हें तीन महीने पहले दूसरा जैब मिला है उन्हें अब कोविड वैक्सीन की बूस्टर खुराक दी जानी शुरू हो गई है.</p> <p style="text-align: justify;">वहीं गंभीर रूप से कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए, उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति, जो ब्लड कैंसर से पीड़ित है उसे वैक्सीन की तीसरी खुराक को दूसरी खुराक के आठ सप्ताह बाद कभी भी दी जा सकती है. यूके में सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा का कहना है कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग वास्तव में बूस्टर खुराक के तीन महीने बाद चौथी खुराक के लिए पात्र हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong> </strong><strong>सरकार को दूसरी और तीसरी खुराक के बीच के अंतर को कम करना चाहिए</strong></p> <p style="text-align: justify;">वहीं दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ अरुण गुप्ता के मुताबिक, "जब पिछले साल दिसंबर में भारत में बुजुर्गों और फ्रंटलाइन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए एहतियाती खुराक या बूस्टर खुराक देनी शुरू की गई थी, तो उस समय कई राज्य प्राइमरी टीकाकरण पूरा करने में पिछड़ रहे थे." “तो, यह समझ में आता था कि सरकार सभी के लिए बूस्टर खुराक के एडमिनिस्ट्रेशन की अनुमति देने में धीमी गति से आगे बढ़ना चाहती थी. लेकिन अब जह, ज्यादातर एडल्ट आबादी पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हो चुकी है और हमारे पास टीकों की कोई कमी नहीं है तो मुझे दृढ़ता से लगता है कि सरकार को अधिकतम संभव आबादी को कवर करने के लिए दूसरी और तीसरी खुराक के बीच के अंतर को कम करना चाहिए.”</p> <p style="text-align: justify;">वहीं टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार, आंतरिक चिकित्सा, डॉ अतुल गोगिया ने भी अधिक लोगों को सुरक्षात्मक जैब प्राप्त करने की अनुमति देने के लिए अंतर को छह महीने तक कम करने का समर्थन किया है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें</strong></p> <p style="text-align: justify;"><a href="
https://ift.tt/BIPwz0H Landfill Fire: दिल्ली के लैंडफिल साइट्स में बार-बार क्यों लग जाती है भीषण आग, जानें- क्या है वजह?</strong></a></p> <p style="text-align: justify;"><a href="
https://ift.tt/wQC2Tqb Cut in Delhi NCR: बढ़ती गर्मी के बीच गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद में हो रही लंबी बिजली कटौती, लोग परेशान</strong></a></p> TAG : covid news,corona news,covid-19 news,covid 19 news,covid-19, covid virus,corona virus,latest news,recent news,breaking news,news,covid updates,lockdown SOURCE :
https://ift.tt/KxgbfVS
comment 0 Comments
more_vert