Congress Chintan Shivir: चिंतन शिविर में किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने बनाई कमेटी, मसौदा तैयार करेंगे भूपेंद्र सिंह हुड्डा
<p style="text-align: justify;"><strong>Congress Chintan Shivir: </strong>कांग्रेस की दशा और दिशा पर मंथन करने के लिए राजस्थान के उदयपुर में 13 से 15 मई के बीच बुलाए गए चिंतन शिविर के लिए पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी है. राजस्थान में सत्ताधारी संगठन शिविर की तैयारियों में जुट गया है तो वहीं शिविर में चर्चा का मसौदा तय करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग कमिटियां बनाई है. </p> <p style="text-align: justify;">सूत्रों के मुताबिक चिंतन शिविर में मुख्य रूप से छह एजेंडे पर चर्चा होगी. इनमें संगठन के मामलों और सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक प्रस्तावों के अलावा किसानों और युवाओं के मुद्दे को शामिल किया गया है.</p> <p style="text-align: justify;">सूत्रों के मुताबिक खेती और किसानों के मुद्दे पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कमिटी गठित की गई है तो वहीं पंजाब कांग्रेस ने नए अध्यक्ष राजा वडिंग को युवा और बेरोजगारी के मुद्दे बनी कमिटी का प्रमुख बनाया गया है. कमिटी के प्रमुखों को जल्द बैठक बुलाने के निर्देश भी दिए गए हैं.</p> <p style="text-align: justify;">हालिया विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस ने चिंतन शिविर बुलाने का एलान किया था. इसमें कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष, विधानमंडल दलों के नेताओं समेत देश भर के करीब 400 नेता शामिल होंगे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>सरकार बनाने के लिए क्यों महत्वपूर्ण है मेवाड़?</strong></p> <p style="text-align: justify;">तीन दिन तक चलने वाले इस शिविर में नेताओं और कार्यकर्ताओं से हार के कारण जानने की कोशिश की जाएगी. जानकारों का मानना है कि मेवाड़ से ज्यादा सीटें जीतनेवाली पार्टी की सरकार बनती है. मिसाल के तौर पर साल 2013 में उदयपुर संभाग की 28 सीटों में से बीजेपी को 25 और कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली थी. एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी. ज्यादा सीटें जीतकर राजस्थान में वसुंधरा राजे की सरकार बनी. बात 2008 में हुए विधानसभा चुनाव की करें तो कांग्रेस ने 20 और बीजेपी ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की. दो सीटों पर अन्य ने कब्जा जमाया था. साल 2018 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो पहली बार मेवाड़ से बीजेपी की ज्यादा सीटें होने के बावजूद सरकार कांग्रेस की बनी. हालांकि साल 2008 और 2013 जैसा अंतर नहीं था. मेवाड़ की 28 सीटों में से 14 बीजेपी, 11 कांग्रेस और 3 अन्य को मिली.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/scRnmjX Mann ने इस बात को लेकर दिखाए सख्त तेवर, अकाली दल ने भी मांगा जवाब</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/oOqtILl
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