अमित शाह ने कहा- मोदी सरकार ने कश्मीर मुद्दे और नक्सलवाद जैसी समस्याओं पर सफलता हासिल की
<div dir="ltr"> <p id="m_1002405043252110446gmail-pstory" style="text-align: justify;">गृह मंत्री पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा शुक्रवार को आयोजित 48 वीं AIPSC के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि देशभर की पुलिस को ‘एकवाक्यता’ और एक-दूसरे के साथ सामंजस्य से काम करना होगा तथा अपराधियों से दो कदम आगे रहने के लिए पुलिस को आधुनिक तकनीक की जानकारी रखने की जरूरत है. शाह ने कहा देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पुलिस बल के आधुनिकीकरण और प्रशिक्षण की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘डाटा नया विज्ञान है और बिग डाटा में सभी समस्याओं का समाधान है’’ तथा इस वाक्य को पुलिस को आत्मसात करना चाहिए. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने को कहा कि पिछले आठ वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर मुद्दे, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर क्षेत्र में नशीले पदार्थों एवं हथियारबंद समूहों जैसी समस्याओं के समाधान में बड़ी सफलता हासिल की है.<br /><br />शाह ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://ift.tt/Y2gjolA" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> सरकार ने कश्मीर मुद्दे, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर क्षेत्र में नशीले पदार्थों तथा हथियारबंद समूहों जैसी समस्याओं का समाधान लगभग कर दिया है. गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर विकास हो रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार में आतंकवाद पर हमारी सुरक्षा एजेंसियों का वर्चस्व दिखाई देता है. प्रक्रिया और परिपूर्णता सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं लेकिन सफलता केवल जज्बे से ही आ सकती है और इस जज्बे का पुलिस बल में नीचे कांस्टेबल तक निर्माण किया जाना चाहिए.’’ दो दिवसीय कार्यक्रम भोपाल में CAPT में आयोजित किया जा रहा है.<br /><br /></p> <p style="text-align: justify;"><strong>मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने विचार रखे</strong></p> <p style="text-align: justify;">इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने विचार रखे. कार्यक्रम के संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न पुलिस बलों, इकाइयों, सामाजिक वैज्ञानिकों, फॉरेंसिक विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों को भारतीय पुलिस से जुड़े चुनिंदा हित के विषयों पर विचार-विमर्श करने के लिए साझा मंच प्रदान करना है. उन्होंने बताया कि पहली बार AIPSC में पुलिस बल इकाईयां, सामाजिक वैज्ञानिक, फॉरेंसिक विशेषज्ञ और हितधारकों के साथ-साथ सुधार प्रशासन विभाग के अधिकारी भी हिस्सा ले रहे हैं.<br /><br /></p> <p style="text-align: justify;"><strong>कई विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा</strong></p> <p style="text-align: justify;">अधिकारी ने कहा कि आयोजन में महामारी के दौरान पुलिसिंग के लिए प्रोटोकॉल की जरूरत, पुलिस जांच में जांचकर्ता की कुशलता और प्रौद्योगिकी फॉरेंसिक की मदद, कानून व्यवस्था की प्रक्रिया में मानव कुशलता और प्रौद्योगिकी सहायता, मानव संसाधन प्रबंधन और कल्याण में नेतृत्व परामर्शदाता और मानसिक स्वास्थ्य तनाव प्रबंधन, CAPF से जुड़े मामले, कारावास प्रक्रिया और अन्य उपयुक्त कदमों पर विमर्श किया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि इस कार्यक्रम में करीब 100 प्रतिभागियों, विभिन्न राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, CAPF, केंद्रीय पुलिस संगठनों, कारावास और सुधार प्रशासन के साथ-साथ फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों से 20 वक्ता शामिल हो रहे हैं. मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल शनिवार को AIPSC के समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगे.</p> </div> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/EvTVKGU
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