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अब मोबाइल पर नहीं सुनाई देगी कोरोना की कॉलर ट्यून! हटाने पर हो सकता है जल्द फैसला

अब मोबाइल पर नहीं सुनाई देगी कोरोना की कॉलर ट्यून! हटाने पर हो सकता है जल्द फैसला
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<p style="text-align: justify;">महामारी की शुरुआत के समय से दूरसंचार प्रदाताओं द्वारा कोविड-19 के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कॉल से पहले निर्धारित घोषणाएं जल्द ही इतिहास बन सकती हैं. बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लगभग दो वर्षों के बाद, सरकार अब कॉल से पहले कोविड-19 संदेशों को हटाने पर विचार कर रही है. सरकार को कई ऐसे आवेदन मिले हैं, जिसमें कहा गया है कि ये संदेश अपने उद्देश्य को पूरा कर चुके हैं और कई बार आपात स्थिति के दौरान महत्वपूर्ण कॉल में देरी होती है.</p> <p style="text-align: justify;">आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर कॉल पूर्व की इन घोषणाओं और कॉलर ट्यून को हटाने का अनुरोध किया है. उसने सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COA) के साथ-साथ मोबाइल ग्राहकों से प्राप्त आवेदनों का हवाला दिया है. आधिकारिक सूत्र ने कहा, &lsquo;&lsquo;स्वास्थ्य मंत्रालय अब देश में महामारी की स्थिति में सुधार के मद्देनजर इन ऑडियो क्लिप को हटाने पर विचार कर रहा है, जबकि महामारी के खिलाफ सुरक्षा उपायों के बारे में जन जागरूकता फैलाने के अन्य उपाय जारी रहेंगे.&rsquo;&rsquo;</p> <p style="text-align: justify;">केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों के बाद दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को कॉल से पहले कोविड-19 संबंधी घोषणाओं और &lsquo;कॉलर ट्यून&rsquo; को लागू करने के निर्देश डीओटी द्वारा जारी किए गए थे. दूरसंचार सेवा प्रदाता (TAP) लोगों के बीच जागरूकता फैलाने और उन्हें महामारी के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और टीकाकरण के बारे में बताने के लिए कोरोना वायरस से संबंधित घोषणाएं और कॉलर ट्यून कॉल से पहले बजाते हैं.</p> <p style="text-align: justify;">डीओटी ने हाल में स्वास्थ्य मंत्रालय को आवेदनों का हवाला देते हुए लिखे एक पत्र में कहा, &lsquo;&lsquo;लगभग 21 महीने बीतने के बाद, इन घोषणाओं ने नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य को पूरा किया है और अब इनकी कोई प्रासंगिकता नहीं है.&rsquo;&rsquo; पत्र में कहा गया, &lsquo;&lsquo;नेटवर्क पर चलाए जा रहे संदेश के परिणामस्वरूप आपात स्थिति के दौरान महत्वपूर्ण कॉल को रोके रखने और विलंबित होने का जोखिम रहता है और कीमती बैंडविड्थ संसाधनों की खपत होती है. यह टीएसपी नेटवर्क पर बोझ बढ़ाता है और इससे कॉल कनेक्शन में देरी होती है.&rsquo;&rsquo;पत्र के मुताबिक, यह ग्राहक के अनुभव को भी प्रभावित करता है क्योंकि आपात स्थिति में कई बार कॉल में देरी हो जाती है. टीएसपी से आरबीटी (रिंग बैक टोन) को निष्क्रिय करने का भी अनुरोध किया गया है.</p> <p><strong>ये भी पढ़ें-&nbsp;<a title="पाकिस्तानी संसद में सरकार के आंकड़ों की परीक्षा, सड़कों पर PM Imran और विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन आज" href="https://ift.tt/L1Jpb35" target="">पाकिस्तानी संसद में सरकार के आंकड़ों की परीक्षा, सड़कों पर PM Imran और विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन आज</a></strong></p> <p><strong>ये भी पढ़ें-&nbsp;</strong><strong><a href="https://ift.tt/KRMyHTQ in India: दो साल बाद आज से फिर शुरू हुईं International Flights, कोरोना महामारी की वजह से लगा था बैन</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/BjxTkZi

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