यूक्रेन से 22 हजार नागरिकों को निकालने वाले भारतीय राजदूत देश लौटे, इस बात को बताया चैलेंज
<p style="text-align: justify;">यूक्रेन से 22 हजार भारतीयों को सुरक्षित निकालने में अहम भूमिका निभाने वाले कीव में भारतीय राजदूत, पार्थ सतपथी शनिवार को भारत लौट आए. युद्ध शुरू होने के बाद से ये पहली बार है कि वे दिल्ली लौटे हैं. दिल्ली आने पर एबीपी न्यूज से खास बातचीत में सतपथी ने कहा कि उन्हें इस बात को संतोष है कि सभी छात्र और उनके अभिभावक वॉर जोन से सुरक्षित निकाल आए हैं.</p> <p style="text-align: justify;">यूक्रेन में भारत के राजदूत पार्थ सतपथी अमीरात की फ्लाईट से दोपहर 2.30 बजे दिल्ली लौटे. युद्ध की आग राजधानी कीव पहुंचने के चलते कुछ दिन पहले ही दूतावास को अस्थाई तौर से पोलेंड स्थांतरण कर दिया गया है. दिल्ली लौटने पर सतपथि ने बताया कि 'ऑपरेशनल एफेशिएंसी' के लिए दूतावास को पौलेंड शिफ्ट किया है. आगे किस तरह की परिस्थितियां बनती हैं उसी हिसाब से वापस दूतावास को कीव ले जाने पर निर्णय लिया जाएगा.</p> <p style="text-align: justify;">एबीपी न्यूज से बातचीत में सतपथी ने बताया कि 22 हजार से ज्यादा भारतीयों को युद्ध-क्षेत्र से सुरक्षित निकालना एक बड़ा चैलेंज था. लेकिन प्रधानमंत्री (<a title="नरेंद्र मोदी" href="https://ift.tt/xYAhuZ2" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a>) ने जो जिम्मेदारी सौंपी थी सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए, वो पूरी हो गई है. </p> <p style="text-align: justify;">सतपथी के मुताबिक, इवेक्यूशेन इसलिए एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि वॉर-जोन होने के चलते यूक्रेन में लड़ाई चल रही थी, जान खतरें में थी. यूक्रेन में इंफ्रास्ट्रक्चर भी नहीं था. अलग अलग शहरों से सभी भारतीयों को निकालना भी चैलेंज था. लेकिन उन्होनें संतोष जताया की भगवान के आशीर्वाद, भारत सरकार की मदद और सभी एजेंसियों के सहयोग से हम ये मुश्किल काम हम सब कर पाए. उन्होनें बताया कि अब तक लगभग सभी भारतीय सुरक्षित देश लौट आए हैं.</p> <p style="text-align: justify;">इस सवाल पर कि क्या दूतावास को इस बात का आभास नहीं था कि क्या रुस और यूक्रेन में युद्ध हो सकता है जिसके कारण भारतीय छात्र वहां फंसे रह गए, राजदूत सतपथी ने बताया कि युद्ध से पहले से ही दूतावास की तरफ से यूक्रेन से निकलने की एडवाइजरी जारी कर दी गई थी. चार हजार छात्रों को युद्ध से पहले ही सुरक्षित भारत भेज दिया गया था. लेकिन पढ़ाई के नुकसान के चलते छात्र वहां से निकालना नहीं चाहते थे जिसके चलते छात्र युद्ध के दौरान वहां फंस गए थे.</p> <p style="text-align: justify;">पार्था सतपथी पिछले तीन सालों से कीव में भारतीय राजदूत के पद पर तैनात हैं. एबीपी न्यूज के इस सवाल पर कि आने वाले समय में रुस और यूक्रेन युद्ध के खत्म होने की संभावना कब तक दिखाई पड़ती है और शांति स्थापित की जा सकती है, सथपथि ने बताया कि घटनाक्रम बहुत तेजी से बदल रहे हैं ऐसे में कुछ भी सीधे तौर से नहीं कहा जा सकता है. उन्होनें बताया कि पिछले एक महीने से वे भारतीयों को सुरक्षित निकालने में ही जुटे थे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग पर लगेगा फुल स्टॉप! रूसी अधिकारी ने कहा- समझौते के करीब पहुंचे दोनों देश" href="https://ift.tt/qyOZ2uP" target="">रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग पर लगेगा फुल स्टॉप! रूसी अधिकारी ने कहा- समझौते के करीब पहुंचे दोनों देश</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a title="Russia-Ukraine War: ब्रिटेन का रूस को झटका, सरकार समर्थित ब्रॉडकास्टर का लाइसेंस रद्द किया" href="https://ift.tt/0RLkV4r" target="">Russia-Ukraine War: ब्रिटेन का रूस को झटका, सरकार समर्थित ब्रॉडकास्टर का लाइसेंस रद्द किया</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/fgLpo56
comment 0 Comments
more_vert