
<div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>Corona Victim Donated Ambulance:</strong> कोरोना महामारी ने दूसरी लहर में बहुत से घरों में मातम का जो कहर बरपाया था, उसके दर्द आज भी लोगों को टीस दे रहे हैं. कोरोना से परिवार के परिवार तबाह हो गए और उनके पीछे सिर्फ अपनों की यादें रह गईं. अब उन यादों के सहारे ही वे बाकी की जिंदगी जी रहे हैं. ऐसे ही कुछ लोग अब दूसरों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. मध्य प्रदेश के जबलपुर की एक बुजुर्ग महिला ने कोरोना मरीजों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. कोरोना में अपने पति और बेटी को खो देने वाली 65 साल की कृष्णा दास ने 16 लाख रुपये की एंबुलेंस दान की है.</div> <div dir="auto" style="text-align: justify;"> </div> <div dir="auto" style="text-align: justify;">कोरोना वायरस ने जबलपुर की कृष्णा दास के परिवार की दो जिंदगियों को निगल लिया और ऐसा दर्द छोड़ गया जो जीना भी मुश्किल कर रहा है. कुछ महीनों पहले तक कृष्णा दास का हंसता खेलता एक छोटा सा परिवार था, लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि कोरोना वायरस उनके परिवार पर ऐसा कहर बरपाएगा कि आज वे दुनिया में अकेली रह जाएंगी. कृष्णा दास के पति एसके दास जीसीएफ फैक्ट्री से रिटायर्ड अधिकारी थे और बेटी सुदेशना अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी.</div> <div dir="auto" style="text-align: justify;"> </div> <div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>कृष्णा दास बच गईं अकेली</strong></div> <div dir="auto" style="text-align: justify;"> </div> <div dir="auto" style="text-align: justify;">13 अप्रैल 2021 को पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ गया और चंद दिनों में ही पहले बेटी और फिर पति दुनिया छोड़कर चले गए. आज कृष्णा दास अकेली रह गई हैं और अपनी बेटी और पति की यादों के सहारे जी रही हैं. कृष्णा दास कहती हैं कि अब उन्होंने दूसरों की सेवा करना ही अपने जीवन का मकसद बना लिया है और यही वजह है कि उनके पास जो जमा पूंजी है, उससे उन्होंने कोरोना पीड़ित मरीजों के लिए एक एंबुलेंस दान कर दी है.</div> <div dir="auto" style="text-align: justify;"> </div> <div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>मोक्ष संस्था को दान की की एंबुलेंस</strong></div> <div dir="auto" style="text-align: justify;"> </div> <div dir="auto" style="text-align: justify;">कृष्णा दास ने जबलपुर की मोक्ष संस्था को 16 लाख रुपए की एंबुलेंस दान की है. मोक्ष संस्था बेसहारा और गरीब लोगों का अंतिम संस्कार करने का काम करती है. इस संस्था ने कोरोना काल के दौरान हजारों लोगों का अंतिम संस्कार किया. कृष्णा के पति और बेटी का अंतिम संस्कार भी मोक्ष संस्था के द्वारा ही किया गया था. इसलिए आज कृष्णा दूसरों के जीवन को सहारा देने के लिए मोक्ष से जुड़ गई हैं और उन लोगों के लिए प्रेरणा बन गई हैं जो मदद करने के लिए कभी आगे नहीं आते.</div> <div dir="auto" style="text-align: justify;"> </div> <div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें-</strong></div> <div dir="auto" style="text-align: justify;"> </div> <div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong><a title="Harda News: गांव के गरीब बेटियों की शादी कराने में होती थी दिक्कत तो बुजुर्गों ने लिया था ये प्रण, आज तक निभाई जा रही परंपरा" href="
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