Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति बनने की याचिका को किया खारिज, कहा- यह एक आधारहीन याचिका है
<div id=":sl" class="Ar Au Ao"> <div id=":sh" class="Am Al editable LW-avf tS-tW tS-tY" tabindex="1" role="textbox" contenteditable="true" spellcheck="false" aria-label="Message Body" aria-multiline="true" aria-owns=":vb" aria-controls=":vb"> <p style="text-align: justify;"><strong>Supreme Court:</strong> कर्नाटक के कारवार के रहने वाले एक व्यक्ति ने भारत के राष्ट्रपति को हटाकर खुद को पद देने की मांग की. इसके बाद उसने अपनी मांग को लेकर याचिका सुप्रीम कोर्ट में दी. जिसके बाद उसकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को अपमानजनक बताते हुए रजिस्ट्री को कहा कि भविष्य में ऐसी याचिकाओं को दर्ज न किया जाए.</p> <p style="text-align: justify;">याचिकाकर्ता किशोर सावंत के कहना था कि वह एक पर्यावरणविद है. उसे राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोका दिया गया था. अगर उसे इस पद पर बैठाया गया, तो वह भारत और दुनिया के हित में काम करेगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>मुझे राष्ट्रपति बनाओ</strong></p> <p style="text-align: justify;">राष्ट्रपति बनने के लिए याचिका देने वाले किशोर सावंत ने कहा- 'मैं अधिक योग्य हूँ, मुझे राष्ट्रपति बनाओ'. उसने कहा कि राष्ट्रपति <a title="द्रौपदी मुर्मू" href="https://ift.tt/0GJiADC" data-type="interlinkingkeywords">द्रौपदी मुर्मू</a> की जगह अगर उसे इस पद पर बैठाया गया, तो वह भारत और दुनिया के हित में काम करेगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'याचिका अपमानजनक है, भविष्य में ऐसे केस न दर्ज किए जाएं".</p> <p style="text-align: justify;"><strong>सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आपत्ति जताई</strong></p> <p style="text-align: justify;"> जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच ने याचिका पर सख्त आपत्ति जताई. इसके बावजूद भी याचिकर्ता ने अपने मामले की पैरवी खुद पेश होकर किया और अपनी दलीलें जारी रखी. उसने कहा कि "पूरी दुनिया देख रही है कि श्रीलंका और रूस में क्या हो रहा है, गलत व्यक्ति के पद पर बैठने का यह नुकसान है".</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह एक आधारहीन याचिका है</strong></p> <p style="text-align: justify;">याचिकाकर्ता किशोर सावंत ने यह भी कहा कि "राष्ट्रपति के काम को दोबारा परिभाषित किया जाना चाहिए, इस पद पर आने के बाद वह पूरे विश्व के कल्याण के लिए काम करेगा". जजों ने याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि यह एक आधारहीन याचिका है. यह हैरानी की बात है कि ये याचिका यहां तक पहुंची. कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि भविष्य में ऐसी याचिका को दर्ज न किया जाए. कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिका में लिखी गई अपमानजनक बातों को रिकॉर्ड से हटाया जाए.</p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें:<a title="सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ताजमहल के बंद कमरों को खोलने वाली याचिका, HC के फैसले को बताया सही" href="https://ift.tt/Shf1VQa" target="_blank" rel="noopener">सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ताजमहल के बंद कमरों को खोलने वाली याचिका, HC के फैसले को बताया सही</a></strong></p> </div> </div> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/ZAisD7R
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