Maharashtra: सरकार के खाते में जनता के नाम पर पहुंचे 600 करोड़, तरसते रहे लोग, नहीं मिली दिवाली किट
<p style="text-align: justify;"><strong>Diwali kit: </strong>दिवाली के मौके पर महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र में गरीब तबके के लोगों को दिवाली किट देने की घोषणा की थी. इसमें 100 रुपये में लोगों को राशन की दुकान से किट मिलना था. दिवाली बीत गई लेकिन ये किट मुंबई के तमाम सरकारी राशन की दुकानों पर अब तक नही पहुंची पाई. </p> <p style="text-align: justify;">दरअसल, एपीबी न्यूज़ ने इसका रियलिटी चेक किया तो सामने आया कि अंधेरी की सरकारी राशन की दुकान से यह सरकारी किट नदारद थी. लोगों का कहना है कि अब दिवाली बीत गई तो ऐसे में इस किट का क्या फायदा? दुकानदारों का कहना है कि जब किट नहीं पहुंची तो हम लोगों को कहां से दें? लोग राशन की दुकानों पर आकर पूछ रहे हैं और हम बताते बताते थक गए हैं. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>विधानसभा उप चुनाव होना है </strong></p> <p style="text-align: justify;">वहीं, अंधेरी विधानसभा में राशन के दुकानदारों का कहना है कि यहां पर 3 तारीख को विधानसभा की एक सीट का उप चुनाव होना है, लोगों में चर्चा है कि शायद आचार संहिता लगी होने की वजह से दिवाली किट नहीं मिल रही है. लेकिन राशन विभाग की तरफ से उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं मिली सिर्फ ये सुनी सुनाई बात है. </p> <p style="text-align: justify;">गोरेगांव में सरकारी राशन की दुकान चलाने वाले दीपक गुप्ता ने कहा, दिवाली के बाद भी अब तक दिवाली किट हमें नहीं मिली है, किट का दोनों सामान अब तक नहीं मिला है. एक स्थानीय निवासियों के मुताबिक सरकार सिर्फ लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है, उम्मीदे बंधा रही है. जब समय पर देना ही नहीं था तो दिवाली के त्योहार पर गरीबों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया. हमारी उम्मीदे क्यों तोड़ी जा रही हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>मंत्री ने किया था वादा...</strong></p> <p style="text-align: justify;">दिवाली के पहले जब एबीपी न्यूज़ ने महाराष्ट्र में दिवाली किट का रियलटी चेक किया था तब भी उसमें महाराष्ट्र सरकार फेल नजर आई थी. जब महाराष्ट्र के सिविल सप्लाई मंत्री रवींद्र चव्हाण से इस मुद्दे पर उस समय सवाल किया गया था तब उन्होंने वादा किया था की दिवाली तक सबके पास दीवाली किट पहुंच जाएगी. </p> <p style="text-align: justify;">इसमें सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या वास्तव में सरकार दीवाली के मौके पर लोगों को <a title="दिवाली" href="https://ift.tt/3cwT05s" data-type="interlinkingkeywords">दिवाली</a> किट देना चाहती थी. क्या सरकार सच में गरीबों की दिवाली अच्छा करना चाहती थी? या फिर इस दीवाली किट के नामपर महाराष्ट्र में पैसे का हेर-फेर हो चुका है? </p> <p style="text-align: justify;"><strong>सरकार के पास पहुंच चुका है किट का पैसा</strong></p> <p style="text-align: justify;">बता दें कि जिस सरकारी राशन की दुकान पर जितनी दीवाली किट पहुंचनी थी उसका पैसा पहले ही सरकार के खाते में जमा करा लिया गया था, लेकिन दिवाली बीत जाने के बाद भी दीवाली किट राशन की दुकानों पर नहीं पहुंची है. मगर, सरकार के पास इस किट का पैसा पहुंच चुका है. </p> <p style="text-align: justify;">बता दें कि इस सरकारी दिवाली किट के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक कंपनी को करीब 500 करोड़ से ज्यादा का ठेका दिया है. इसमें करीब 6 करोड़ दिवाली किट लोगों तक दिवाली के मौके पर पहुंचनी थी. यानी इसके मुताबिक 100 रुपये के हिसाब से 6 करोड़ किट के लिए करीब 600 करोड़ रूपये सरकार के खाते में पहले ही दिवाली किट के नाम पर पहुंच चुके हैं, लेकिन दिवाली किट कहां है उसका अता-पता नहीं है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ेंं: <a title="जुलाई में भारतीयों ने की क्रेडिट कार्ड से 1.15 लाख करोड़ रुपये खरीददारी, अर्थव्यवस्था किस ओर कर रही है इशारा?" href="https://ift.tt/FJVQYDU" target="_self">जुलाई में भारतीयों ने की क्रेडिट कार्ड से 1.15 लाख करोड़ रुपये खरीददारी, अर्थव्यवस्था किस ओर कर रही है इशारा?</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/PqzcXhx
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