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इंदिरा गांधी के 'प्रोजेक्ट टाइगर' से लेकर 'चीता एक्शन प्लान' तक... कुछ ऐसा रहा जानवरों के संरक्षण का इतिहास

इंदिरा गांधी के 'प्रोजेक्ट टाइगर' से लेकर 'चीता एक्शन प्लान' तक... कुछ ऐसा रहा जानवरों के संरक्षण का इतिहास
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<p style="text-align: justify;"><strong>Indian Politics And Animal Conservation:</strong> चीतों को वापस लाने का विचार काफी लोकप्रिय रहा है. आज पीएम मोदी (PM Modi) ने नामीबिया से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्दान (Kuno National Park) में छोड़ दिया है. मोदी राजनीतिक पूंजी के निर्माण में करिश्माई जंगली प्रजातियों के मूल्य को पहचानने वाले पहले नेता नहीं हैं. चलिए आपको भारत में संरक्षण के इतिहास के बारे में बताते हैं.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>नेहरू से शुरू हुआ कारवां...</strong></p> <p style="text-align: justify;">जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने स्नेह और सद्भावना के दूत के रूप में 'इंदिरा' नाम के हाथी को 1949 में युद्धग्रस्त जापान के बच्चों को उपहार में दे दिया था. 1950 के दशक के दौरान भारत ने हाथियों को चीन, सोवियत संघ, अमेरिका, जर्मनी, तुर्की, ईरान, कनाडा और नीदरलैंड के चिड़ियाघरों में भेज दिया. नेहरू ने हाथियों को भारत के प्रतीक के रूप में वर्णित किया- 'बुद्धिमान और धैर्यवान.'</p> <p style="text-align: justify;"><strong>हाथी और भारतीय अर्थव्यवस्था</strong></p> <p style="text-align: justify;">आधी सदी बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने हाथी के प्रतीक में भारत की अधिक भव्य छवि की मांग की. उन्होंने साल 2002 में कोपेनहेगन में तीसरे भारत-यूरोपीय संघ व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था की पहचान अक्सर हाथी से की जाती है. मुझे सादृश्य से कोई समस्या नहीं है. हाथियों को अपने विशाल शरीर के सभी अंगों को एक साथ आगे बढ़ने में समय लग सकता है, लेकिन एक बार जब वे वास्तव में चलना शुरू कर देते हैं, तो गति को मोड़ना, धीमा करना, रोकना या उलटना बहुत मुश्किल होता है और जब वे चलते हैं, तो जंगल हिल जाता है."</p> <p style="text-align: justify;"><strong>शंकरसिंह वाघेला ने खाई थी कसम</strong></p> <p style="text-align: justify;">जब वैज्ञानिकों ने अलग-अलग प्रजातियों के लिए दूसरा घर बनाने की सिफारिश की तो गुजराती अस्मिता कुछ शेरों को मध्य प्रदेश भेजने के रास्ते में आ गई. 1997 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने कसम खाई थी कि "एक भी शेर का बच्चा" राज्य को कभी नहीं छोड़ेगा. आने वाले वर्षों में उनके उत्तराधिकारियों ने केवल उस स्टैंड को कठोर किया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>राजस्थान में भी हुई सियासत</strong></p> <p style="text-align: justify;">अक्टूबर 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया कि गुजरात के साथ कोई भी जीआईबी अंडा (Great Indian Bustard) साझा नहीं किया जाना चाहिए. इसके बजाय, उन्होंने उन्हें राजस्थान में जैसलमेर के पास एक प्रजनन और अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लिए कहा. 2018 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद उनकी इच्छा पूरी हुई और डेजर्ट नेशनल पार्क में रामदेवरा में जीआईबी कैप्टिव-ब्रीडिंग सेंटर अब पूरा होने वाला है.</p> <p style="text-align: justify;">राज्य पक्षी पर अंतिम शब्द कहने से पहले राजे ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को कोटा के पास राजस्थान के तीसरे बाघ अभयारण्य की विरासत से वंचित कर दिया. जबकि राजस्थान की पूर्व वन मंत्री बीना काक ने जमीनी काम के लिए श्रेय मांगा. वहीं राजे ने दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बजाय मुकुंदरा हिल्स के नाम पर रिजर्व का नाम बदलकर तालिकाओं को बदल दिया, जैसा कि पहले प्रस्तावित किया गया था.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च</strong></p> <p style="text-align: justify;">1971 के चुनावों में अपनी शानदार जीत के बाद इंदिरा गांधी ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 को लागू किया और 1974 में पोखरण परमाणु परीक्षण करने से पहले प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया. प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च करते समय इंदिरा ने कहा था, "बाघ को अलग-थलग करके संरक्षित नहीं किया जा सकता है. यह एक बड़े और जटिल बायोटोप के शीर्ष पर है. मानव घुसपैठ, वाणिज्यिक वानिकी और मवेशियों के चरने से खतरे में पड़ने वाले इसके आवास को पहले तोड़ा जाना चाहिए."</p> <p style="text-align: justify;"><strong>गैंडों को लेकर मोदी ने दिया था बड़ा बयान</strong></p> <p style="text-align: justify;">चुनाव प्रचार करते हुए मोदी ने मार्च 2014 में असम के धेमाजी में कहा, "क्या गैंडे असम का गौरव नहीं हैं? इन दिनों इसे मारने की साजिश हो रही है&hellip; सरकार में बैठे लोगों द्वारा&hellip; बांग्लादेशियों को बचाने के लिए वे गैंडों को मारने की साजिश कर रहे हैं, ताकि इलाका खाली हो जाए और बांग्लादेशियों को वहां बसाया जा सके."</p> <p style="text-align: justify;">वहीं अब प्रधानमंत्री <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://ift.tt/X6bPHvC" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> के नेतृत्व में नामीबिया से 8 चीते भारत लाए गए और उन्हें मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान के विशेष बाड़ों में रखा गया है. 70 साल पहले विलुप्त हो चुके चीते अब भारत में दोबारा से बसने के लिए तैयार हैं. देखने वाली बात होगी कि सरकार वन्यजीव प्रजातियों को विलुप्त होने के खतरे से कैसे बाहर निकालती है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें- <a title="Project Cheetah: चीतों की भारत वापसी पर PM मोदी ने कहा- हमने तैयार किया चीता एक्शन प्लान, दशकों से नहीं हुए थे सार्थक प्रयास" href="https://ift.tt/CVtqHxa" target="null">Project Cheetah: चीतों की भारत वापसी पर PM मोदी ने कहा- हमने तैयार किया चीता एक्शन प्लान, दशकों से नहीं हुए थे सार्थक प्रयास</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें- <a title="Endangered Species: दुनियाभर में खतरे में है इन जानवरों का अस्तित्व, भारत में बाघों की संख्या 4 हजार से नीचे" href="https://ift.tt/71unFNf" target="null">Endangered Species: दुनियाभर में खतरे में है इन जानवरों का अस्तित्व, भारत में बाघों की संख्या 4 हजार से नीचे</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/TQEwnPH

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