ISRO SSLV-D1 Launch: लॉन्च के बाद एसएसएलवी से टूटा संपर्क, इसरो चीफ ने कहा- टर्मिनल स्टेज में हुआ ‘डेटा लॉस’
<p style="text-align: justify;"><strong>ISRO SSLV-D1 Mission:</strong> अंतरिक्ष एजेंसी का पहला छोटा उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) टर्मिनल चरण में ‘डेटा लॉस’ (सूचनाओं की हानि) का शिकार हो गया और उससे संपर्क टूट गया है. ये जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ (S Somnath) ने दी है. उन्होंने बताया कि हालांकि, बाकी के तीन चरणों ने उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन किया और अंतरिक्ष एजेंसी प्रक्षेपण यान (Launch Vehicle) और उपग्रहों (Satellites) की स्थिति का पता लगाने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण कर रही है. एसएसएलवी-डी1/ईओएस-02 अंतरिक्ष में एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह और छात्रों द्वारा विकसित एक उपग्रह लेकर गया है. </p> <p style="text-align: justify;">सोमनाथ ने श्रीहरिकोटा में प्रक्षेपण के कुछ मिनटों बाद अभियान नियंत्रण केंद्र से कहा, ‘‘सभी चरणों ने उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन किया. पहले, दूसरे और तीसरे चरण ने अपना-अपना काम किया लेकिन टर्मिनल चरण में कुछ डेटा लॉस हुआ और हम आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं. हम जल्द ही प्रक्षेपण यान के प्रदर्शन के साथ ही उपग्रहों की स्थिति की जानकारी देंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उपग्रहों के निर्धारित कक्षा में स्थापित होने या न होने के संबंध में मिशन के अंतिम नतीजों से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण करने की प्रक्रिया में हैं. कृपया इंतजार कीजिए. हम आपको जल्द पूरी जानकारी देंगे.’’</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें- <a title="Gujarat News: बिजली-रोजगार के बाद अब आदिवासियों के लिए केजरीवाल ने दी गारंटी, जानिए क्या हुए ऐलान" href="https://ift.tt/iEpgfFv" target="_blank" rel="noopener">Gujarat News: बिजली-रोजगार के बाद अब आदिवासियों के लिए केजरीवाल ने दी गारंटी, जानिए क्या हुए ऐलान</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या है इसरो का यह मिशन?</strong></p> <p style="text-align: justify;">इसरो ने अपना पहला एसएसएलवी मिशन रविवार को शुरू किया. यह एसएसएलवी एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-02 और छात्रों द्वारा बनाया एक उपग्रह आजादीसैट लेकर गया है. इसरो का उद्देश्य तेजी से बढ़ते एसएसएलवी बाजार का बड़ा हिस्सा बनना है. करीब साढ़े सात घंटे की उलटी गिनती के बाद 34 मीटर लंबे एसएसएलवी ने उपग्रहों को निर्धारित कक्षाओं में स्थापित करने के लिए सुबह नौ बजकर 18 मिनट पर उड़ान भरी.</p> <p style="text-align: justify;">इसरो ने इंफ्रा-रेड बैंड में उन्नत ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग उपलब्ध कराने के लिए पृथ्वी अवलोकन उपग्रह का निर्माण किया है. ईओएस-02 अंतरिक्ष यान की लघु उपग्रह श्रृंखला का उपग्रह है. वहीं, ‘आजादीसैट’ में 75 अलग-अलग उपकरण हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन लगभग 50 ग्राम है. देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं को इन उपकरणों के निर्माण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया गया था, जो 'स्पेस किड्स इंडिया' की छात्र टीम के तहत काम कर रही हैं. ‘स्पेस किड्स इंडिया’ द्वारा विकसित जमीनी प्रणाली का इस्तेमाल इस उपग्रह से डेटा प्राप्त करने के लिए किया जाएगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें- <a title="Economic Crisis: IMF के कर्ज में डूबे हैं भारत के पड़ोसी देश, पाकिस्तान और श्रीलंका के बाद तीसरे नंबर पर बांग्लादेश" href="https://ift.tt/YEcGt1C" target="_blank" rel="noopener">Economic Crisis: IMF के कर्ज में डूबे हैं भारत के पड़ोसी देश, पाकिस्तान और श्रीलंका के बाद तीसरे नंबर पर बांग्लादेश</a></strong></p> TAG : imdia news,news of india,latest indian news,india breaking news,india,latest news,recent news,breaking news,news SOURCE : https://ift.tt/qsCdhuz
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